बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैय्यद जफर इस्लाम ने पार्टी में मुस्लिमों की भागीदारी को लेकर बेबाकी से बात की। जफर इस्लाम का कहना है कि मुसलमानों के हितों की रक्षा सिर्फ भाजपा ही कर सकती है। हम मुसलमानों साथ मिलकर काम करना चाहते हैं। उन्हें अपने करीब लाना चाहते हैं और इस दिशा में पार्टी पूरी शिद्दत से काम कर रही है।
पार्टी टिकट देगी, तो चुनाव भी लड़ेंगे
जफर इस्लाम पिछले कुछ वक्त से मुरादाबाद में सक्रिय हैं। बुधवार को उन्होंने अपना जन्मदिन भी मुरादाबाद में ही मनाया। मुरादाबाद सीट से 2024 में लोकसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर जफर का कहना था कि पार्टी उन्हें टिकट देगी तो वो चुनाव जरूर लड़ेंगे।
सवाल- आपकी पार्टी सबके साथ, सबके विकास की बात करती है। लेकिन भाजपा में मुस्लिम लीडरशिप दो-तीन नामों पर ही सिमट जाते हैं, ऐसा क्यों?
जवाब- ताली कभी एक हाथ से नहीं बजती। ताली बजाने के लिए दो हाथ चाहिए। किसी पॉलिटिकल पार्टी में किसी को भी जगह देने के लिए उस कम्युनिटी का रिप्रजेंटेशन लार्ज स्केल पर होना चाहिए। मुझे लगता है कि वक्त आ गया है कि मुस्लिम समाज को सोचना होगा। मैं खुद इस बात को मानता हूं कि मुस्लिम समाज कहीं न कहीं गुमराह है।
मुसलमानों के हितों की रक्षा बीजेपी करती है। चाहे वो पार्टी में हो या न हों। लेकिन अगर वो मेन स्ट्रीम में जुड़ना चाहते हैं। उनको भी उतना ही समर्थन पार्टी के साथ दिखाना होगा जितना पार्टी उनका करती है। मुसलमानों को भी भाजपा का दामन थामना पड़ेगा। सरकारी योजनाओं में फायदा पाने वाले 65% तक मुस्लिम हैं। हमने विकास में कोई भेदभाव नहीं किया है।
सवाल- मुसलमानों का विश्वास जीतने के लिए भाजपा क्या कदम उठाएगी। अभी तो पूरे यूपी में एक भी मुस्लिम ब्यूरोक्रेट जिले के कलक्टर या एसपी की कुर्सी पर नजर नहीं आता।
जवाब- मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है। मुस्लिमों को भाजपा बराबर चांस दे रही है। अंसारी साहब मंत्री भी हैं। भेदभाव के साथ कोई सरकार नहीं चला सकता और न ही हमारी कोई मंशा है भेदभाव के साथ सरकार चलाने की।
सवाल- क्या पार्टी 2024 में मुसलमानों को राजनीतिक प्रतिनिधित्व भी देगी ? जवाब- क्यों नहीं ? अगर कोई जीतने वाला शख्स होगा और हमारी पार्टी में सक्रिय व समर्पित होगा तो उसे जरूर मौका मिलेगा।
सवाल-पिछले कुछ समय से आपकी सक्रियता मुरादाबाद में काफी बढ़ी है। क्या इसको 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों के रूप में देखें? जवाब- 2019 में जिन सीटों पर पार्टी लोकसभा चुनाव हारी थी। वहां राज्यसभा सदस्यों को लगाया गया था। मैं भी मुरादाबाद में राज्यसभा के मेंबर के नाते ही आया था। लेकिन लोगों से जुड़ाव हुआ तो मुझे यहां काम करने का मौका मिला। मैं यहां विकास के कार्यों के लिए प्रमाणिकता के साथ आवाज उठाता हूं और काम करता हूं।
मुझे इसके लिए सेंट्रल लीडरशिप, गर्वेमेंट ऑफ इंडिया, स्टेट लीडरशिप और प्रदेश के मुख्यमंत्री का पूरा समर्थन हासिल है। क्योंकि हमारा लक्ष्य एक ही है, कि यहां के विकास के लिए काम करना है। ये पार्टी का कर्त्तव्य भी है, जिसे मैं निभाने की कोशिश कर रहा हूं।
सवाल- 2019 में भाजपा मुरादाबाद मंडल की सभी 6 लोकसभा सीटें हार गई थी। ये मुस्लिम बहुल इलाका है, 2022 के लिए क्या रणनीति होगी ? जवाब- एक तो अपने हैं ही, एक वो हैं (मुसलमान) जो अपने होने वाले हैं। पार्टी सभी को साथ जोड़कर चल रही है। हम उस दिशा में काम कर रहे हैं। उनको (मुसलमानों को) अपने नजदीक लाएंगे और उनके साथ काम करेंगे।
सवाल- टिकट मिला तो क्या आप 2024 में मुरादाबाद से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे? जवाब- मैं कार्यकर्ता हूं और कार्यकर्ता को किसी जिम्मेदारी से गुरेज नहीं होता। पार्टी मुझे टिकट देती है तो उसका स्वागत है। यदि मुझे नहीं देती है, किसी और को देती है तो भी जी जान लगाकर काम करेंगे। जनप्रतिनिधि कौन होगा, ये पार्टी लीडरशिप डिसाइड करेगी। लेकिन इतना जरूर है कि जो लोगों के बीच में रहकर, उनके साथ मिलकर लोगों के लिए काम करता है, लोग उसे मानते हैं और यदि पार्टी लीडरशिप को भी उस पर विश्वास है तो लीडरशिप उसे देखती है। लेकिन यदि किसी मंशा और लालच के साथ कोई ऐसा कर रहा है तो शायद पार्टी भी इस बात को समझती है। इसलिए जो सही होगा उसे पार्टी सही समय पर टिकट भी देती है।
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