मुरादाबाद में छेड़छाड़ से परेशान 12वीं की छात्रा ने रविवार को सुसाइड कर लिया। पीड़िता ने जहर खाने से पहले 2 पेज का नोट भी लिखा है। इसमें पुलिस महकमे को कठघरे में खड़ा करते हुए पीड़िता ने लिखा, ”सर मैंने और मेरे माता-पिता ने हर जगह फरियाद की। लेकिन हम गरीबों की किसी ने नहीं सुनी।”
आगे लिखा, ”मेरे जीते जी मुझे इंसाफ नहीं मिल सका…सर मेरी मौत के बाद तो इंसाफ करेंगे न? इन्हें ऐसी सजा मिले कि फिर किसी गरीब घर की लड़की के सपने मेरी तरह न मरें।” घटना मुरादाबाद के कुंदरकी थाना क्षेत्र के एक गांव की है। इस घटना के बाद SSP हेमराज मीणा ने हल्का इंचार्ज दरोगा को सस्पेंड कर दिया है।
छत से नहाते हुए देखते थे..स्कूल जाते हाथ पकड़ते थे
पीड़िता की बहन ने दैनिक भास्कर से कहा कि आरोपी गांव के ही रहने वाले हैं। काफी समय से मेरी छोटी बहन को परेशान कर रहे थे। वो इंटर में पढ़ती थी। आरोपी घर के पास वाली छत पर चढ़कर मेरी बहन को नहाते हुए ताका-झांकी करते थे। उसे चाकू दिखाकर डराते थे और स्कूल आते- जाते जबरदस्ती हाथ पकड़कर अश्लील हरकतें करते थे। उसका स्कूल जाना भी इन्हीं की वजह से छूट गया।
होली पर भी की थी छेड़छाड़
पीड़िता की बहन ने आगे बताया कि होली पर भी उन्होंने मेरी बहन से छेड़खानी की। हमने कुंदरकी पुलिस से शिकायत भी की थी। लेकिन, आरोपी गांव के संपन्न परिवार के हैं, इसलिए पुलिस ने महज शांति भंग में चालान करके छोड़ दिया।
हमने एसपी ग्रामीण से मामले की शिकायत की थी। लेकिन कुंदरकी पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया। इससे आरोपियों के हौसले इस कदर बढ़े कि वो हमारा सरेआम मजाक उड़ाने लगे और फिर से छेड़छाड़ करने लगे।
सोमवार सुबह इलाज के दौरान हुई छात्रा की मौत
पीड़िता को नाजुक हालत में मुरादाबाद जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। देर रात बिलारी सर्किल की सीओ सलोनी अग्रवाल पीड़िता के बयान दर्ज करने जिला अस्पताल पहुंचीं। उन्होंने पीड़ित परिवार को आश्वासन दिया कि पुलिस मामले में कड़ी कार्रवाई करेगी।
सीओ ने कहा कि तहरीर के आधार पर आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है। सोमवार सुबह करीब 4 बजे मुरादाबाद के कॉसमास अस्पताल में छात्रा की मौत हो गई। ये सुसाइड नोट छात्रा के कमरे में रखी हुई किताबों के बीच मिला है।
अब पढ़िए पीड़िता ने सुसाइड नोट में क्या लिखा है… मेरी मौत के जिम्मेदार हरज्ञान और कमल सिंह हैं। मैंने सबके सामने हाथ-पैर जोड़े, लेकिन हम गरीब लोगों कि किसी ने भी नहीं सुनी। यह लोग पैसे देकर मना कर देते हैं। हमने प्रार्थना पत्र भी दिया था। मगर, कुछ भी नहीं हुआ। यह हम पर हंसते हैं, इसलिए मजबूर होकर मुझे यह कदम उठाना पड़ रहा है। अब मैं चाहती हूं कि मेरे जीते जी इन्हें सजा नहीं मिली, लेकिन मेरे मरने के बाद मिलनी चाहिए।
इन्होंने हमारी मजबूरी का फायदा उठाकर हमें फंसाया है। इन्होंने मेरे बारे में पता नहीं क्या-क्या बना रखा है। रही लेटर की बात की, तो एक लड़की मेरी बहुत पक्की दोस्त थी। मेरे पास आकर बैठकर पता नहीं क्या लिखवाती थी? मैं लिख देती थी। और उसने लिखवाकर विकेश नाम के लड़के को दे दिए थे। हमें पता है कि हमारे माता-पिता ने हमें कैसे दुख-मुसीबतों से पढ़ाया है। इन लोगों ने मेरा सपना भी पूरा नहीं होने दिया।
इन लोगों ने हमें जीते जी मार डाला। यह अमीर लोग हैं। इनका सामना करने की हिम्मत अब मेरे अंदर और नहीं रही। लेकिन,मेरे घरवालों पर कोई आंच नहीं आनी चाहिए। इसलिए सर अब तो सूनोगे। मेरे मरने के बाद इन्हें सजा देना कि गरीब की लड़कियां जी सके और अपना सपना पूरा कर सके। यह इन लोगों ने मिलकर करा है।
विकेश नाम के लड़के की वजह से यह सब हुआ है। विकेश, प्रमोद, बब्लू और हरज्ञान ने मुझे मारने की कोशिश की थी। जब मैं स्कूल जा रही थी। तब तो मैंने स्कूल जाना छोड़ दिया था। कहा कि अगर तूने घर कुछ भी बताया, तो तेरे घरवालों को भी मार देंगे। इसलिए, मैंने वैसा ही किया। यह लोग अपने छत पर चढ़कर चाकू दिखाते थे और जब मेरे घरवालों को पता चला, तो उन्होंने प्रार्थना पत्र दिया। लेकिन, किसी ने भी कुछ नहीं किया।
परिवारों के बीच पुराना जमीन का विवाद भी
SSP हेमराज मीणा ने बताया कि हल्का इंचार्ज दरोगा सचिन को सस्पेंड किया गया है। एसपी देहात को जांच सौंपी गई है। इस मामले में आरोपी विकेश और उसके एक साथी को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि परिवार के लोगों के मुताबिक, छात्रा ने दोपहर में ये कहा था कि मैंने कुछ खा लिया है। इसके बाद ही उसकी हालत बिगड़ी। जांच में ये भी सामने आया कि है कि दोनों परिवारों के बीच जमीन को लेकर भी एक विवाद भी चल रहा था।
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