देश में नफरत की पाठशाला चलाने वाले पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) यूपी में सिमी के नक्शे कदम पर चल रही है। सिमी पर प्रतिबंध लगने के बाद उसकी बी-पार्टी के रूप में उभरा ये संगठन बहराइच से लेकर सहारनपुर तक अपनी जड़ें फैला चुका है। लखनऊ और NCR को हेड क्वार्टर के तौर पर तैयार किया है।
इस नेटवर्क को समझने से पहले लखनऊ से अरेस्ट वसीम की कहानी पढ़ते हैं…
PFI का यूपी प्रदेश अध्यक्ष वसीम
NIA के सूत्रों के मुताबिक, वसीम PFI का यूपी प्रदेश अध्यक्ष है। उसने लखनऊ के साथ ही बाराबंकी, बहराइच, गोरखपुर, वाराणसी, कानपुर, सहारनपुर, मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा में संगठन के नाम पर कई मीटिंग की। इसमें जुड़ने वालों को कट्टरता का पाठ पढ़ाने के साथ धर्म के नाम पर देश में माहौल खराब करने के लिए उकसाया।
लखनऊ की भूतनाथ में है टेलर शॉप, पिता बोला-वसीम का कोई लेना-देना नहीं
इंदिरानगर A- ब्लॉक में वसीम परिवार के साथ तीन मंजिला मकान में रहता है। यहां उसके चाचा का परिवार भी रहता है। परिजनों के मुताबिक, गुरुवार तड़के NIA की टीम घर पर आई और करीब एक घंटे जांच पड़ताल की। भूतनाथ गांधी मार्केट में वसीम के पिता सलीम की एस. टेलर्स नाम से दुकान है।
सलीम के मुताबिक वो चिनहट मल्हौर में रहते हैं। उन्होंने कहा कि वसीम का मेरी दुकान कुछ लेना-देना नहीं है।
NRC और CAA का विरोध करके नजर में आया वसीम
वसीम की NRC और CAA विरोध प्रदर्शन के चलते गिरफ्तारी हुई थी। इसके बाद से पुलिस और क्षेत्रीय लोगों की नजर में आ गया। इसके बाद से पड़ोसियों ने भी दूरी बढ़ा ली थी। एक परिचित के मुताबिक, उसे करीब आठ साल पहले पाकिस्तान का झंडा लगाने का बयान जारी करने पर गाजीपुर पुलिस ने नजरबंद कर किया था।
कुर्सी रोड से लेकर बक्शी का तालाब तक चल रही टेरर की क्लास
लखनऊ में PFI काकोरी से बक्शी का तालाब, कुर्सी रोड से बाराबंकी तक अपने सदस्य बनाए हैं। बख्शी का तालाब में उनका सेंटर भी चलता मिला था। तीन साल पहले नई दिल्ली में होने वाले एक अधिवेशन में ये पता चला। उस वक्त आगरा एक्सप्रेस वे से 7 बसों से जाते हुए लोगों को पुलिस ने रोका था।
- लखनऊ के अलावा NIA-ATS ने बहराइच से करीमुद्दीन, बाराबंकी से नदीम और शामली से मौलाना साजिद को हिरासत में लिया गया है। अब आपको इन लोगों के बारे में बताते हैं…