बुंदेलखंड में प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा देने की दिशा में सभी को एकजुट होकर कार्य करना होगा : अपर मुख्य सचिव
झांसी।राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन एवं प्राकृतिक खेती योजनांतर्गत अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष- 2023 पर बुंदेलखंड क्षेत्र में मिलेट्स को बढ़ावा देने की चर्चा, प्राकृतिक खेती योजना को प्रोत्साहित करने की चर्चा तथा क्षेत्र में औद्यानिक फसलों के विस्तार पर वन रणनीति विषयक बुंदेलखंड स्तरीय दो दिवसीय “किसान गोष्ठी एवं कार्यशाला का शुभारंभ” भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान ग्वालियर रोड, झांसी में किया गया। इस दो दिवसीय किसान गोष्ठी के शुभारंभ अवसर पर मंत्री, कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान विभाग, उत्तर प्रदेश सूर्य प्रताप शाही, मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश शासन दुर्गा शंकर मिश्रा, अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक/कृषि विभाग, उत्तर प्रदेश शासन, देवेश चतुर्वेदी, मंडलायुक्त डॉक्टर आदर्श सिंह एवं जिलाधिकारी रविंद्र कुमार की गरिमामय उपस्थिति रही।
बृहद किसान गोष्ठी में कृषि मंत्री ने अपने संबोधन ने कहा कि अपने-अपने क्षेत्रों में हम अपने कार्यों को निष्ठा पूर्वक पूर्ण कर अपनी विशिष्ट पहचान समाज एवं देश में बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष-2017 में वर्तमान सरकार के सत्ता में आने के पश्चात मेरे द्वारा कृषि मंत्री के रूप में प्रथम दौरा झांसी एवं ललितपुर जनपद का किया गया, इसमें मुख्यमंत्री के नेतृत्व में 36 हजार करोड़ की धनराशि का किसानों का ऋण माफ किया गया। इसके पश्चात 2017 में ही बिचौलियों की भूमिका को समाप्त करते हुए अपूर्व गेहूं खरीद की गई। तत्पश्चात प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 168 करोड़ रुपए की फसल बीमा क्षतिपूर्ति की गई, जिससे किसानों को राहत प्राप्त हुई। प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री का यह स्वप्न एवं प्रतिबद्धता है कि बुंदेलखंड की गरिमा एवं गौरव को सदैव जीवंत रखा जाए। उन्होंने कहा कि जलवायु संबंधी एवं प्राणघातक बीमारियों से बचाव के लिए श्रीअन्न का सेवन हमारे लिए अति आवश्यक है। अन्ना पशुओं की समस्या के निस्तारण हेतु उन्होंने किसानों से अपील की कि वह अपने गोवंश को अपने खेतों पर ही रखें, जिससे गोवंश का गोमूत्र एवं गोबर का प्रयोग खेतों में ही हो एवं फसल की उत्पादन क्षमता तथा मिट्टी की उर्वरता क्षमता में वृद्धि हो सके। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र जी ने अपने संबोधन में कृषकों को रामनवमी, नवीन वित्तीय वर्ष, नए विक्रम संवत की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस प्रकार की गोष्ठियों के आयोजन से किसानों में खुशहाली एवं उत्साह की वृद्धि होती है। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड एवं विंध्य क्षेत्र हमारे प्रदेश के ऐसे क्षेत्र हैं, जहां पर पुराने समय से अनेक समस्याएं रही हैं। बुंदेलखंड में पानी के संरक्षण के अभाव में इस क्षेत्र में बारिश का सारा पानी बह जाता है, जिससे यहां पर पानी की समस्या निरंतर बनी रहती है। इस समस्या के निदान हेतु हमें जल संरक्षण और प्राकृतिक खेती की दिशा में कार्य करने वाले किसानों का उत्साहवर्धन करते हुए समय-समय पर उन्हें पुरस्कृत करना चाहिए, जिससे उनकी भांति अन्य नागरिक भी जल के मूल्य को समझते हुए जल संरक्षण की दिशा में कार्य करने हेतु प्रेरित हो सकें। किसानों के कल्याण के लिए सरकार निरंतर नए-नए आयामों पर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में हो रहे जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने एवं किसानों के कल्याण हेतु श्रीअन्न की खेती एक बहुमूल्य उपाय हैं। कार्यशाला में अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी ने कहा कि प्रधानमंत्री के प्रयासों से वर्ष- 2023 को पूरे विश्व में “अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष” घोषित किया गया है, यह हमारे लिए अत्यधिक गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि श्रीअन्न को बढ़ावा देने के लिए इसके लाभों का प्रचार प्रसार किया जाना चाहिए जिससे श्रीअन्न पौष्टिकता की जानकारी आम आदमी को प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि श्रीअन्न की खेती से संपूर्ण प्रदेश में बहुमुखी लाभ प्राप्त होंगे इस खेती में बुंदेलखंड प्रमुख केंद्र बनेगा। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि बुंदेलखंड में प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा देने की दिशा में हम सभी को एकजुट होकर कार्य करना होगा, जिससे इस क्षेत्र के किसानों को जलवायु परिवर्तन से प्रभावित ना होना पड़े। जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने जनपद में जैविक खेती पर किए जा रहे अभिनव प्रयास के बारे में जानकारी प्रदान करते हुए कहा कि जनपद में लगभग 05 लाख हेक्टेयर भूमि पर कृषि कार्य किया जाता है, जिसमें रबी की फसल और खरीफ की फसल की खेती की जाती है। उन्होंने बताया कि 1800 हेक्टेयर में श्रीअन्न की खेती की जाती है, जिसमें से 1770 हेक्टेयर में जनपद में ज्वार की फसल बोई जाती है। 6000 हेक्टेयर में जनपद में आधुनिक कृषि की जाती है। किसानों की आय में वृद्धि लाने और श्रीअन्न की फसलों के उत्पादन में वृद्धि लाने हेतु किसान भाइयों को श्रीअन्न की खेती की ओर ध्यान देने की आवश्यकता है। कृषक श्याम बिहारी गुप्ता ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि बुंदेलखंड आज देसी गोवंश एवं श्री अन्य तथा प्राकृतिक खेती के रूप में उत्तर प्रदेश में जाना जाता है उन्होंने कहा कि यदि आपके पास एक गाय है तो आप अपनी सात पुश्तों के स्वास्थ्य को सुरक्षित एवं रोग मुक्त रख सकते हैं। ललितपुर से जल सहेली शारदा देवी ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि हमारे गांव में पानी की कमी के कारण किसानों को कृषि कार्य में अत्यधिक समस्या उत्पन्न होती थी इस समस्या को ध्यान में रखते हुए हमने अपने क्षेत्र में बरुआ नदी को पुनर्जीवित करने हेतु नदी के पास बने बांध के पानी को रोकने के लिए 5000 बोरियों में बालू भरकर बांध के पानी को रोका इससे नदी के जल स्रोतों में वृद्धि हुई और बरुआ नदी उन्हें पुनर्जीवित हो गई नदी के पुनर्जीवित होने पर ग्राम वासियों की पानी की समस्या का समाधान हुआ और कृषि के लिए पर्याप्त पानी की उपलब्धता पूर्ण हो सकी। किसान गोष्ठी में झांसी मंडल क्षेत्र में अभिनव कार्य करने वाले किसानों को अतिथियों द्वारा प्रशस्ति-पत्र एवं चितेरी गमछा भेंट कर सम्मानित किया गया। गोष्ठी में जिला पंचायत अध्यक्ष पवन कुमार गौतम, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश एस. , उपाध्यक्ष झांसी विकास प्राधिकरण आलोक यादव, मुख्य विकास अधिकारी जुनैद अहमद, संयुक्त कृषि निदेशक डॉ राजीव कुमार, नगर मजिस्ट्रेट अंकुर श्रीवास्तव, जिला विकास अधिकारी सुनील कुमार , डीडी कृषि एमपी सिंह,सहित अन्य संबंधित अधिकारी गण तथा भारी संख्या में किसान भाई उपस्थित रहे।