ATS ने देश को खंडित करके 2047 में इस्लामिक राष्ट्र बनाने की साजिश करने वाले यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और मुस्लिम संगठन से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी शुरू कर दी है। वाराणसी, लखनऊ और मेरठ से हुई गिरफ्तारी इसी कड़ी का हिस्सा है। ये लोग प्रदेश में स्लीपर मॉड्यूल तैयार कर देश विरोधी गतिविधियों में जुटे थे।
सूत्रों के मुताबिक, गिरफ्तार लोगों के पास से कई प्रेस नोट मिले हैं। इसमें कहा गया है कि CM योगी की लव जिहाद पर टिप्पणी गलत है। साथ ही वह वोट बैंक की खातिर नफरत फैलाने और बांटने की कोशिश कर रहे हैं। ED और RSS को हथियार बनाया जा रहा है।
पश्चिमी यूपी से तराई क्षेत्र तक तैयार कर रहे कट्टरपंथी ATS सूत्रों के मुताबिक, PFI और कुछ अन्य मुस्लिम संगठनों देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त होकर भारत को खंडित कर 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाए जाने की साजिश कर रहे हैं। PFI की आड़ में मुसलमानों को उकसाया जा रहा है।
इसी बीच हिंदुओं को टारगेट कर उनको काफिर बताते हुए उनकी हत्या करने की साजिश रच रहे हैं। साथ ही राज्य में जगह-जगह बम धमाके करने की योजना बना रहे हैं। जिससे उनके अंदर धार्मिक जिहाद और कट्टरता की भावना पैदा हो और हिंदुओं का खात्मा हो। इसके लिए पश्चिमी यूपी से पूर्वांचल तक आतंक की पाठशाला चला रहे हैं।
देश को गजवा-ए-हिंद बनाने की छेड़ रखी थी मुहिम
सुरक्षा एजेंसी के मुताबिक, PFI का मकसद हिंदुस्तान को गजवा-ए-हिंद बनाने की दिशा में काम करना है। इसके सदस्य कट्टरता के साथ हिंदुओं को जान-माल का नुकसान पहुंचाने और विध्वंसक गतिविधियां करने के लिए उकसाते हुए साल 2047 तक भारत को शरीयत कानून के तहत नए सिस्टम को स्थापित करना चाहते हैं।
इनका मानना है कि PFI तब तक नहीं रुकेगा, जब तक गजवा-ए-हिंद के मकसद को पूरा न कर लिया जाए। इसके लिए भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाए जाने के लिए लोगों को संकल्प दिला रहे थे।
सरकार को मुस्लिम विरोधी बता लोगों को भड़का रहे ATS सूत्रों के मुताबिक, PFI संगठन के लोग कट्टरपंथ की पाठशाला चलाकर युवाओं को भटका रहे हैं। यह केंद्र सरकार और यूपी सरकार को मुस्लिम विरोधी सरकार बताकर भड़काने का काम कर रहे हैं। जिससे कौम के नाम पर युवा इनकी बातों में फंसकर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हो सकें। सुरक्षा एजेंसी ने करीब 24 ऐसे लोगों की पहचान की है, जो इनसे जुड़े हैं। उनकी निगरानी की जा रही है।
CAA और NRC विरोध प्रदर्शन को बताया नजीर
यूपी ATS ने मेरठ से शादाब अजीज कासिम समेत चार और वाराणसी से रिजवान समेत दो की गिरफ्तारी के बाद अपनी छापेमारी तेज कर दी है। पूछताछ में सामने आया है कि ये लोग CAA और NRC विरोध प्रदर्शनों को नजीर बताकर लोगों को भड़का रहे हैं।
ये लोग गजवा-ए-हिंद को प्राप्त करने के लिए अपने कैडर को शस्त्र और गुरिल्ला युद्ध के लिए प्रशिक्षित कर रहे हैं। जिससे देश में माहौल खराब कर सकें।
ATS ने शादाब अजीज कासमी को पकड़ा ATS को मुखबिर से सूचना मिली थी कि मोहम्मद शादाब अजीज कासमी ग्राम सोंटा रसूलपुर जनपद शामली में अपने घर पर मौजूद है। इसी तरह मौलाना साजिद शामली मामौर, मुफ्ती शहजाद गाजियाबाद नेकपुर और मोहम्मद इस्लाम कासमी मुजफ्फरनगर जोगिया खेड़ा स्थित घर पर हैं। इस पर ATS की टीम ने एक साथ छापेमारी कर इनकी गिरफ्तारी की।
देश विरोधी गतिविधियों से जुड़ा मिला साहित्य
ATS की छापेमारी के दौरान PFI के सदस्यों के पास से गजवा-ए-हिंद से जुड़े साहित्य की एक पेन ड्राइव, तीन मोबाइल फोन और तीन किताबें बरामद हुईं। ये लोग इस साहित्य को मुस्लिम युवाओं के बीच बांट रहे थे। जिससे उनके अंदर धार्मिक जिहाद और कट्टरता की भावना पैदा की जा सके। इन लोगों ने पूछताछ में भी स्वीकार किया कि PFI संगठन से जुड़े हैं। लेकिन PFI की अन्य गतिविधियों के बारे में सही से नहीं बताया।
गिरफ्तार सभी PFI के पदाधिकारी ATS के मुताबिक, मोहम्मद शादाब अजीज कासमी ऑल इंडिया इमाम काउंसिल का पश्चिमी यूपी का अध्यक्ष है। जो पहले PFI का मेंबर होने के साथ SDPI का पश्चिमी यूपी का जनरल सेक्रेटरी था।
जबकि मौलाना साजिद पीएफआई यूपी का एडहाक कमेटी का मेंबर और एसडीपीआई का सक्रिय सदस्य भी है और मुफ्ती शहजाद पीएफआई उत्तर प्रदेश का एडहाक कमेटी का मेंबर है। मोहम्मद इस्लाम कासमी ऑल इंडिया इमाम काउंसिल का सदस्य होने के साथ PFI का भी सक्रिय सदस्य रह चुका है।
केरल में ली थी हथियारों की ट्रेनिंग
ATS की पूछताछ में सामने आया है कि मेरठ से गिरफ्तार चारों ने केरल के मंजीरी स्थित PFI के ट्रेनिंग कैंप में कई बार जाकर जूड़ो-कराटे की आड़ में हथियारों की ट्रेनिंग ली थी। जहां पर PFI के लोगों द्वारा धार्मिक उन्माद फैलाने वाले साहित्य पढ़ाए जाते थे और वीडियो दिखाए जाते थे।
7-7 पन्नों के सेट बनाकर युवाओं को रहे थे बांट
ATS को इनके पास से 7-7 पन्नों के 4 सेट डॉक्यूमेंट मिले। जिसमें India 2047 Towards Rule of Islam in India, Internal document, Not for circulation लिखा था। वहीं अंदर के पन्नों में भारत देश को मुस्लिम राष्ट्र बनाए जाने के लिए मुस्लिमों को अपनी जनसंख्या बढ़ाने तथा हिंदुओं को नुकसान पहुंचाने, साल 2047 तक मुस्लिमों को राजनीतिक शक्ति बनने की बात लिखी थी।
वहीं, पेन ड्राइव में ISIS का वीडियो, गजवा-ए-हिंद की एक वीडियो, भडकाऊ भाषण की एक वीडियो, इस्लामिक स्टेट्स (Voice of Truth) की कुछ वीडियो मिले। इसमें 1993 के दंगों और कश्मीरी मुजाहिद से संबंधित फुटेज है। वहीं PFI के प्रेस नोट, बैनर, प्रोटेस्ट और मीटिंग से जुड़े फोटो थे।
लखनऊ से चल रहा PFI मीडिया सेल
काकोरी पुलिस ने अब्दुल मजीद को गिरफ्तार किया था। आरोप था कि यूपी में राम जन्म भूमि पूजन और आर्टिकल 370 को लेकर धार्मिक उन्माद फैला रहा था। वो संगठन का यूपी मीडिया प्रभारी था। उसके पास कई आपत्तिजनक मैसेज और दस्तावेज मिले थे।
इसके साथ ही RSS दफ्तरों को उड़ाने की धमकी देना वाला PIF सदस्य को 7 जून को तमिलनाडु के पुदुकुदी इलाके से आरोपी राज मोहम्मद को भी लखनऊ से गिरफ्तार किया गया था। वो 2018 से 2021 के बीच पीआईएफ और एसडीपीआई यानी सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया का सक्रिय सदस्य रहा था। वह लखनऊ में रहकर यूपी में दंगा भड़काने की साजिश रच रहा था।
अयोध्या कांड के बाद PFI का आया नाम
PFI की स्थापना 16 साल पहले केरल में हुई थी। 1992 में अयोध्या कांड के बाद इसकी सक्रियता बढ़ी। 2001 में 9/11 हमले के बाद भारत में सिमी पर बैन लगने के बाद नवंबर 2006 में इसका आधिकारिक संगठन तैयार हो गया।
यूपी में 2020 हाथरस में युवती से रेप के बाद धार्मिक हिंसा भड़काने में सिद्दीकी कप्पन, जरवल वैराकाजी के मसूद अहमद की गिरफ्तारी हुई।
जो देश में किसी भी घटना को संप्रदायिक बनाने का काम कर रहे थे। वहीं इससे पहले पीएफआई का प्रदेश अध्यक्ष वसीम ने सीएए के विरोध के नाम पर साथियों के साथ पूरे प्रदेश में दंगा फैलाने की कोशिश की थी। जिसमें प्रदेश में 108 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी।
योगी सरकार ने 2020 में प्रतिबंध लगाने की थी सिफारिश
यूपी में नागरिक संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में प्रदेश के 21 जिलों में हुए हिंसक प्रदर्शनों के पीछे पीएफआई की बड़ी भूमिका सामने आई थी। इसके बाद यूपी सरकार ने 2020 में तत्कालीन डीजीपी ओपी सिंह के प्रस्ताव पर तत्कालीन अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी की तरफ से केंद्रीय गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा था। यूपी पुलिस ने सीएए आंदोलन के दौरान पीएफआई के प्रदेश अध्यक्ष वसीम अहमद, कोषाध्यक्ष नदीम अहमद और मंडल अध्यक्ष अशफाक समेत 108 लोगों को गिरफ्तार किया था।
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