माफिया अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ को रविवार रात 8.25 बजे सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। कड़ी सुरक्षा के बीच दोनों के शवों को अगल-बगल दफनाया गया। अंतिम संस्कार के दौरान अशरफ की दो बेटियां, पत्नी जैनब कब्रिस्तान में मौजूद रहीं। अतीक के दोनों नाबालिग बेटों को बाल सुधार गृह से शव वाहन से कब्रिस्तान लाया गया। दोनों ने कब्र पर मिट्टी डाली। शनिवार शाम को यहीं अतीक के बेटे असद को सुपुर्द-ए-खाक किया गया था।
इसी पैतृक कब्रिस्तान में अतीक के पिता फिरोज अहमद और मां की भी कब्रें हैं। दोनों के शव बहनोई और दो रिश्तेदारों को सौंपा गया है। कब्रिस्तान में सिर्फ चुनिंदा रिश्तेदारों को जाने दिया गया। कब्रिस्तान से करीब 300 मीटर दूर अन्य लोगों को रोक दिया गया। पूरे शहर में तगड़ी सुरक्षा है। जगह-जगह फोर्स तैनात है।
अस्पताल ले जाते समय मारी गई गोली माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ की शनिवार रात प्रयागराज में हत्या कर दी गई। पुलिस दोनों को मेडिकल टेस्ट के लिए अस्पताल ले जा रही थी। पत्रकार साथ-साथ चलते हुए अतीक और अशरफ से सवाल कर रहे थे। इसी बीच तीन हमलावर पुलिस का सुरक्षा घेरा तोड़ते हुए आए और अतीक के सिर में गोली मार दी, फिर अशरफ पर फायरिंग की। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।
हमलावर मीडियाकर्मी बनकर आए थे। इनके नाम लवलेश तिवारी, सनी और अरुण मौर्य हैं। हमले के तुरंत बाद ही तीनों ने सरेंडर कर दिया। लवलेश बांदा, अरुण कासगंज और सनी हमीरपुर का रहने वाला है। उनसे हथियार बरामद किए गए हैं। कॉन्स्टेबल मानसिंह को भी गोली लगी है। सरकारी वकील गुलाब चंद्र अग्रहरी ने बताया- तीनों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में नैनी सेंट्रल जेल भेज दिया गया है। यहां अतीक का बेटा अली भी कैद है।
अपने बेटे और पिता की अंतिम यात्रा में नहीं शामिल हो सका था माफिया
अतीक अपने रसूख और हनक के लिए जाना जाता था। मगर, इसे उसकी बदनसीबी ही कहेंगे कि अपने पिता फिरोज अहमद की अंतिम यात्रा में भी शामिल नहीं हो सका था। उस समय भी अतीक जेल में बंद था। इसके बाद शनिवार सुबह 9.30 बजे वह अपने बेटे असद के जनाजे में भी नहीं शामिल हो सका था।
शुक्रवार को अतीक और अशरफ को जब CJM कोर्ट में पेश किया गया तो वह जज से जनाजे में शामिल होने देने की विनती करता रहा। वह कह रहा था, ”मुझे मेरे बेटे की अंतिम यात्रा में शामिल होना दिया जाए। अगर मैं उसे मिट्टी दे पाया तो मुझे सुकून मिलेगा।” अगले दिन शनिवार को कोर्ट अंबेडकर जयंती के कारण कोर्ट बंद थी। लिहाजा, उसकी अर्जी पर सुनवाई नहीं हो सकी।
अतीक-अशरफ के जनाजे में नहीं शामिल हो पाएंगे उसके बाकी बचे बेटे जिन बच्चों और परिवार के लिए अतीक और अशरफ ने गलत तरीके से धन-दौलत कमाई। विडंबना है कि उनको आज वही बच्चे मिट्टी भी नहीं दे पाएंगे। अतीक का सबसे बड़ा बेटा उमर अहमद इस समय लखनऊ जेल में बंद है। दूसरे नंबर का बेटा अली नैनी सेंट्रल जेल में बंद है। तीसरे नंबर के बेटे असद की झांसी में STF के साथ हुई मुठभेड़ में मौत हो गई थी। चौथे नंबर का बेटा ऐजम और पांचवें नंबर का बेटा आबान प्रयागराज के राजरूपपुर बाल गृह में बंद हैं। अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन भी फरार चल रही है।
उमेश पाल हत्याकांड में रिमांड पर लाये गए माफिया अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद प्रयागराज का माहौल तनावपूर्ण है। जिले में चप्पे-चप्पे पर फोर्स तैनात है। प्रतापगढ़ और रायबरेली समेत दूसरे जिलों से फोर्स को बुलाया गया है। जिले में पीएसी के अलावा कई टुकड़ी आरएएफ की भी तैनात कर दी गई हैं। तनाव को देखते हुए जिले में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। बाजार भी बंद हैं। शहरी इलाकों से लेकर ग्रामीण इलाकों तक पुलिस तैनात है.
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