उत्तराखंड हाईकोर्ट ने गुरुवार (11 मई) को एक 22 साल की लड़की को मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए पुलिस सुरक्षा मुहैया कराने के आदेश दिए. एक 22 वर्षीय हिंदु लड़की ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर मस्जिद में नमाज अदा करने के लिए सुरक्षा मांगी थी.
उसने कहा, उसको कई हिंदु संगठनों से धमकी मिल रही थी कि अगर उसने मस्जिद में नमाज अदा की तो वह उसको नुकसान पहुंचा सकते है. ऐसे में उत्तराखंड की नैनीताल बेंच ने उसे गुरुवार को अदालत में पेश होने का आदेश दिया और पूछा, वह हिंदू होने के बावजूद मस्जिद में नमाज क्यों पढ़ना चाहती है?
‘लड़की ने बताई नमाज अदा करने की वजह’
वह लड़की जो एक दूसरे धार्मिक समुदाय के 35 वर्षीय पुरुष के साथ पिछले दो सालों से साथ रह रही है ने अपने जवाब में अदालत को बताया कि वह न तो इस्लाम में परिवर्तित होना चाहती हैं और न ही उन्होंने किसी मुस्लिम से शादी की है लेकिन पिरान कलियार मस्जिद जाने के बाद उनको वह जगह पसंद आई और इसी वजह से वह वहां पर नमाज अदा करना चाहती हैं.
अदालत बोली-पुलिस को दें प्रोटेक्शन के लिए एप्लीकेशन
बातचीत के दौरान, याचिकाकर्ता की वकील शीतल सेलवाल ने बताय, उन्होंने यह याचिका जस्टिस मनोज कुमार तिवारी और पंकज पुरोहित की खंडपीठ के समक्ष दायर की थी. सेलवाल ने कहा, अदालत ने मेरे क्लाइंट को पुलिस सुरक्षा के लिए पिरान कलियर के थाना प्रभारी को एक आवेदन देने का आदेश दिया, और इस मामले की अगली सुनवाई 22 मई के लिए मुकर्रर की है.
सेलवाल ने बताया, हरिद्वार में स्थित पिरान कलियर दरगाह एक ऐसी जगह है जहां अलग-अलग धर्मों के लोग आमतौर पर आध्यत्मिक शांति और प्रार्थना के लिए पहुंचते हैं. और जिस मस्जिद में वह लड़की नमाज अदा करना चाहती हैं वह भी वहीं पर रहती है.
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