कानपुर से एक हैरान करने वाला मामला प्रकाश में आया है। एक प्राइवेट नर्सिंग होम दो दिनों तक लाश का इलाज करता रहा। दो दिन बाद जब परिजनों को मौत की जानकारी मिली तो अस्पताल में जमकर हंगामा किया। अस्पताल के कर्मचारियों ने तीमारदारों को धक्का देकर बाहर भगा दिया। मृतक के परिजनों का आरोप है कि इलाज के नाम पर 10 लाख रुपए वसूल लिए। इसके साथ ही दो दिनों तक पेशेंट से मिलने भी नहीं दिया। इसके बाद जानकारी दी गई कि मौत हो गई है। आरोप है कि दो दिनों तक लाश का इलाज करते रहे।
चकेरी के हरजेंदर नगर में राजू सिंह (40) का बीते 11 मई को एक्सीडेंट हो गया था। राजू सिंह के परिजन उसे कांशीराम ट्रामा सेंटर ले गए। जहां से उसे हैलट अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया था। राजू के पिता भानू प्रताप सिंह ने बेटे को मधुराज हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। मधुराज हॉस्पिटल की गिनती शहर के प्रतिष्ठित अस्पतालों में होती है। भानू प्रताप का आरोप है कि बेटे की मौत दो दिन पहले ही हो चुकी थी, लेकिन उसकी मौत को छिपाकर रखा। अस्पताल ने अपना बिल बढ़ाने के लिए वेंटिलेटर पर लाश का उपचार करते रहे।
अच्छा इलाज होगा यह सोचकर भर्ती कराया था
भानू प्रताप ने बताया कि बेटे को यह सोचकर भर्ती कराया था कि प्राइवेट अस्पताल में अच्छा इजाज होता है। आठ दिनों के इलाज में 10 लाख रुपए खर्च दिए। अस्पताल की तरफ से यही कहा जाता था कि आज होश आ जाएगा, कल होश आ जाएगा। इसके बाद बीते 17 और 18 मई को हमें बेटे से मिलने भी नहीं दिया गया। इसके बाद अचानक 19 मई को बताया कि बेटे की मौत हो गई है।
परिवार के साथ बदसलूकी की गई
मृतक राजू के भाई पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि भाई की दो दिन पहले ही मौत हो चुकी थी। दो दिनों तक बॉडी का ही इलाज कर हमें गुमराह किया जाता रहा। जब हमने उनकी इस करतूत का विरोध किया, अस्पताल प्रबंधन और कर्मचारियों की तरफ से बदसूकी की गई। हमें धक्का देकर अस्पताल से बाहर निकाल दिया गया। वहीं पुलिस ने भी अस्पताल की प्रबंधक मधु के साथ बैठकर फाइल चेंज करा रहे हैं। पुलिस भी अस्पताल का पक्ष ले रही है। एसीपी स्वरूप नगर ब्रजनारायण के मुताबिक अस्पताल में एक पेशेंट की मौत हो गई थी। परिजनों ने कई तरह के आरोप लगाए थे। उन्होंने तहरीर देने की बात की थी, यदि तहरीर मिलती है तो विधिक कार्रवाई की जाएगी।
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