सात सचिव व तीन ग्राम विकास अधिकारी पाए गए दोषी, वीडीओ से मांगा स्पष्टीकरण
उरई(जालौन)। गोशाला संचालन में अनियमितता मिलने पर डीएम चांदनी सिंह ने कड़ा रुख अपनाते हुए सात ग्राम विकास अधिकारी और तीन ग्राम पंचायत अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। एक ग्राम विकास अधिकारी को निलंबित करने के निर्देश दिए गए है। साथ ही जिन गांवों में अनियमितता मिली है, वहां के खातों के संचालन में रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं। निरीक्षण में लापरवाही बरतने पर बीडीओ से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है।
बता दें कि डीएम ने जिले की विभिन्न ग्राम पंचायतों की गोशालाओं के निरीक्षण के लिए अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाकर निरीक्षण के निर्देश दिए थे। निरीक्षण में पाया गया कि ग्राम पंचायत अधिकारी व ग्राम विकास अधिकारी द्वारा गोशाला के संचालन में अपेक्षित रुचि नहीं ली जा रही है। साथ ही गोशाला में फर्जी तरीके से गोवंश संरक्षित दर्शा कर होने वाले व्यय का दुरुपयोग किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने कुठौंद ब्लॉक की ग्राम पंचायत हरसिंहपुर के ग्राम विकास अधिकारी शिवम गुप्ता, कदौरा ब्लाक की ग्राम पंचायत बसरेही के ग्राम विकास अधिकारी कुमारी अर्चना, ग्राम पंचायत कुरहना आलमगीर के ग्राम विकास अधिकारी अभिषेक यादव, ग्राम पंचायत करमचंदपुर के ग्राम विकास अधिकारी पवन सोनी, ग्राम पंचायत लमसर के ग्राम विकास अधिकारी नवीन सिंह रामपुरा ब्लाक के गोरा चिरैया के ग्राम पंचायत अधिकारी आलोक सिंह सेंगर, महेबा ब्लाक के ग्राम पंचायत सिकरी रहमानपुर के ग्राम पंचायत अधिकारी जितेंद्र कुमार, कोंच ब्लाक के ग्राम पंचायत चमारी के ग्राम विकास अधिकारी नरेंद्र कुमार, ग्राम पंचायत हिंगुटा के ग्राम पंचायत अधिकारी वसीम खान, ग्राम पंचायत भरसूडा के ग्राम पंचायत अधिकारी अनुज गुप्ता के विरुद्ध वेतन आहरण पर रोक लगाई गई। साथ ही अपने दायित्वों के निर्वहन में बरती जा रही लापरवाही एवं उदासीनता के लिए इन्हें प्रतिकूल प्रविष्टि प्रदत्त कर इनकी सेवा अभिलेखों में संरक्षित कराया जाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इसके अलावा ग्राम विकास अधिकारी रोहित कुमार द्वारा संचालित दो गोशाला महतवानी एवं कुठौंदा में न तो गोवंश संरक्षित पाए गए और ना ही समुचित व्यवस्था पाई गई। जिस पर ग्राम विकास अधिकारी रोहित कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए अनुशासनिक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। यही नहीं जिन ग्राम पंचायतों में अनियमितता मिली है, उन ग्राम पंचायतों के खातों के संचालन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने ग्राम पंचायतों के संबंधित ग्राम प्रधान के विरुद्ध पंचायती राज अधिनियम की धारा 95 के अंतर्गत कारण बताओ नोटिस निर्गत कर कार्यवाही सुनिश्चित कराने के जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देश दिए। संबंधित खंड विकास अधिकारियों द्वारा गोशालाओं का समुचित प्रकार से पर्यवेक्षक सुनिश्चित न करने के संबंधित अपना स्पष्टीकरण मुख्य विकास अधिकारी के माध्यम से एक सप्ताह में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
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