कानपुर के GSVM मेडिकल कॉलेज में 16 सूअर मृत मिलने के बाद कैंपस में 70 से ज्यादा मेडिकल स्टूडेंट्स बुखार से पीड़ित हो गए हैं। एक छात्रा की हालत गंभीर हो गई है। उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है। बुधवार सुबह से छात्रा कोमा में है। 5 छात्रों की हालत ज्यादा खराब होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रोफेसर रिचा गिरि का कहना है कि छात्रा को गंभीर एक्यूट नाइक्रोटाइजिंग इंसेफलाइटिस का इंफेक्शन है। पूरा दिमाग डैमेज हो गया है। उसे जीवन रक्षक उपकरणों पर रखा गया है।
वायरस ने सीधे दिमाग पर किया हमला
प्रो. रिचा गिरि का कहना है कि GSVM मेडिकल कॉलेज में पढ़ रहे छात्रों में रेयर बीमारी फैलने का खतरा मंडरा रहा है। शनिवार रात को मेडिकल कॉलेज की थर्ड ईयर की छात्रा पाखी श्रीवास्तव को बुखार आने के बाद इमरजेंसी में भर्ती कराया गया। न्यूरालॉजिस्ट के मुताबिक, MRI करने के बाद उसके दिमाग के कुछ हिस्से में धब्बे मिले हैं। छात्रा के हार्ट में भी प्रॉब्लम मिली है। डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया और टायफाइड की जांच निगेटिव आई है।
न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. आलोक वर्मा ने बताया कि यह बेहद रेयर मामला सामने आया है। MRI के बाद पता चला है कि ब्रेन में क्लाटिंग के अलावा सूजन है। इसे एक्यूट नाइक्रोटाइजिंग इंसेफेलाइटिस भी कहा जाता है। बॉडी में अननोन वायरस मिले हैं। इसकी जांच के लिए सैंपल लखनऊ भेजे गए हैं। अभी तक रिपोर्ट नहीं आई है। ऐसे मामले कोविड के दौरान आते थे कि बॉडी में वायरस आने के बाद मरीज इतनी गंभीर स्थिति में पहुंच जाए।
जैपनीज इंस्फेलाइटिस हो सकता है
मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. संजय काला ने बताया कि कैंपस में सूअरों का जमावड़ा रहता है। कैंपस में बीमारी फैलने को लेकर इनका बड़ा कारण हो सकता है। फिलहाल 5 मेडिकल छात्रों में बुखार के लक्षण हैं। इनकी जांच कराई गई है। उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है। इसके अलावा 65 अन्य छात्रों के ब्लड सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं।
4 दिन से आ रहा था वायरल
बाराबंकी निवासी आशीष श्रीवास्तव एवं मंजू श्रीवास्तव की 22 साल की बेटी पाखी GSVM मेडिकल कॉलेज के MBBS एन-टू बैच के थर्ड ईयर की छात्रा है। वह मेडिकल कॉलेज परिसर के UG (अंडर ग्रेजुएट) गर्ल्स हॉस्टल में रहती है। उसके बैच के सहयोगियों ने बताया कि उसे चार दिन से वायरल बुखार था।
अस्पताल से दवाएं ला रही थी। सोमवार रात उसकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई। उसे झटके आने लगे। रात 10:30 बजे फ्रेंड्स उसे स्कूटी से लेकर LLR की इमरजेंसी पहुंचीं। गंभीर स्थिति को देखते हुए पाखी को मेडिसिन ICU में वेंटिलेटर पर रखा गया है।
SGPGI शिफ्टिंग की तैयारी
प्रो. रिचा गिरि ने बताया कि पाखी के माता-पिता उसे लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ( SGPGI) लेकर जाना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने शासन से भी संपर्क किया था। स्टेट सर्विलांस अधिकारी डॉ. शुभेंदु अग्रवाल का फोन आया था। उन्हें उसकी गंभीर स्थिति के बारे में बताया गया है। उसे एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस का इंतजाम कर शिफ्ट कराने के लिए कहा है। उसकी तैयारी की जा रही है।
मेडिकल कॉलेज में बीमारियां फैलने का बड़ा कारण सूअर के कारण फैल रही गंदगी को भी जिम्मेदार माना जा रहा है। इसकी पुष्टि कॉलेज के मीडिया प्रभारी डॉ. गणेश शंकर ने की है।
लखनऊ भेजे गए हैं सैंपल
मेडिकल कॉलेज के मीडिया प्रभारी डॉ. गणेश शंकर ने बताया कि जैपनीज इंस्फेलाइटिस की जांच के लिए सैंपल लखनऊ भेजे गए हैं। रिपोर्ट आने पर बीमारी का कारण पता चल सकेगा। वहीं 70 अन्य मेडिकल छात्रों के ब्लड सैंपल भी जांच के लिए लखनऊ भेजे गए हैं। 5 मेडिकल छात्रों को तेज बुखार आ रहा है। सभी छात्रों के ब्लड सैंपल लेकर जांच की जा रही है।
प्रिंसिपल संजय काला ने बताया कि कैंपस में लगातार फॉगिंग कराई जा रही है। कॉलेज में छात्रों के बीमार पड़ने के बाद से हड़कंप की स्थिति है। प्रिंसिपल संजय काला ने बताया कि कैंपस में लगातार फॉगिंग कराई जा रही है। मंगलवार देर रात को ही डॉ. ऋचा गिरी और डॉ. यशवंत राव ने कॉलेज में बने हॉस्टल का निरीक्षण किया। सभी छात्रों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
Get real time update about this post categories directly on your device, subscribe now.