उरई(जालौन)। कोंच विकास खंड के ग्राम कैंथी, मनोहरी (कैंथी) पनयारा, दाडी, परैंथा, घमूरी, सामी विकास खण्ड कोंच एवं देवगाॅव, कैलिया विकास खण्ड नदीगाॅव में संचालित 17 आंगनबाड़ी का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान केन्द्र संचालन में पायी गयी कमियों/कर्मियों की अनुपस्थिति एवं लापरवाही के दृष्टिगत 05 आंगनवाडी कार्यकत्री एवं 08 आंगनवाडी सहायिकाओं सहित 13 का मानदेय रोका गया है तथा क्षेत्रीय मुख्य सेविका सहित बाल विकास परियोजना अधिकारियों से भी स्पष्टीकरण प्राप्त किया गया है। ग्राम कैंथी के विभागीय भवन में अलग-अलग दो आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित है जो निरीक्षण के समय बन्द पाये गये है। विद्यालय परिसर में विभागीय भवन में संचालित आॅगनवाडी केन्द्र की आंगनबाड़ी कार्यकत्री श्रीमती विमला देवी, श्रीमती संगीता देवी एवं सहायिका कुसुमकान्ती, आंगनवाडी सहायिका गीता भी अनुपस्थित एवं केन्द्र का संचालन न करने के कारण मानदेय रोका गया है। ग्राम पनयारा पुष्पा देवी सहायिका वं मिनी कार्यकत्री रंजना, ग्राम दांडी में सहायिका दुर्गा देवी, ग्राम परैंथा में आंगनवाडी कार्यकत्री प्रतिमा एवं सहायिका किशोरी देवी केन्द्र से लगातार अनुपस्थित रहने के कारण अग्रिम आदेश तक मानदेय रोका गया है। ग्राम देवगाॅव विकास खण्ड नदीगाॅव कार्यकत्री रजनी गुप्ता का अनुपस्थित की दशा में मानदेय रोका गया। प्रा. वि. परिसर कैलिया में आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित है जो निरीक्षण के समय बन्द पाया गया। आंगनबाड़ी कार्यकत्री अंजू देवी एवं सहायिका अनीता देवी, सामी में आंगनवाडी कार्यकत्री सुनीता के अनुपस्थित होने कारण मानदेय रोका गया है।निरीक्षण के दौरान सभी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों/सहायिकाओं को निर्देशित किया गया कि आंगनबाड़ी केन्द्र पर विभागीय ड्रेस में उपस्थित होकर नियमानुसार केन्द्र का संचालन करें तथा विभागीय योजनाओं का लाभ सभी पात्र लाभार्थियों को दिया जाये। सम्भव अभियान के अन्तर्गत नियमानुसार गतिविधियों का आयोजन कराया जाये तथा आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चों को वी.एच. एस.एन.डी. सत्र पर लाये व उनका स्वास्थ्य परीक्षण कराते हुये चिन्हित सैम श्रेणी के बच्चों को ई-कवच पर फीड कराया जाये। पोषण ट्रैकर पर समस्त फीडिंग प्रतिमाह ससमय पूर्ण करायी जाये। केन्द्रों पर बच्चों की उपस्थिति कम होने के सम्बन्ध में निर्देशित किया गया कि 03 से 06 वर्ष आयु के पंजीकृत सभी बच्चों को प्रतिदिन केन्द्र पर उपस्थित होने हेतु आवश्यक गतिविधियां आयोजित करायी जाये। भविष्य में यदि केन्द्र पर बच्चों की संख्या/उपस्थिति में सुधार नहीं होता है तो सम्बन्धित के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।
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