उच्चतम न्यायालय में एक वकील ने जब भारत के प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ को बताया कि उसके पड़ोस में कुत्तों के एक झुंड ने उस पर हमला कर दिया तो सीजेआई ने कहा कि वह इस मामले (आवारा कुत्तों के खतरे) को देखेंगे।
कानून की बारीकियों पर गहरी नजर रखने के लिए जाने जाने वाले सीजेआई चंद्रचूड़ की नजर जब वकील कुणाल चटर्जी की बांह पर बंधी पट्टी पर पड़ी तो उन्होंने इसका कारण पूछा।
चटर्जी ने बताया कि उनके पड़ोस में पांच आवारा कुत्तों के एक झुंड ने उन्हें “दौड़ा’’ दिया और उनके हमले में वह घायल हो गये।
इस पर वरिष्ठ वकील विजय हंसारिया ने न्यायालय से देश में “आवारा कुत्तों की समस्या” पर स्वत: संज्ञान लेने का आग्रह किया।
सीजेआई ने चटर्जी की ओर ध्यान दिलाते हुए हंसारिया से कहा, “हम देखेंगे कि क्या किया जा सकता है।”
सीजेआई ने उन्हें मदद की पेशकश करते हुए पूछा, “क्या आपको किसी चिकित्सा सहायता की आवश्यकता है? मैं रजिस्ट्री से आपको अभी ले जाने के लिए कह सकता हूं।”
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने उत्तर प्रदेश के एक व्यापक रूप से प्रसारित वीडियो का जिक्र किया और उस व्यक्ति की दुर्दशा के बारे में बात की, जिसके बेटे को एक पागल कुत्ते ने काट लिया था और उसकी गोद में ही उसकी दर्दनाक मौत हो गई थी।
विधि अधिकारी ने कहा, “यह एक गंभीर खतरा है। हाल ही में एक वीडियो सामने आया। उत्तर प्रदेश में एक बच्चे को कुत्तों ने काट लिया। आमतौर पर लोग ज्यादा ध्यान नहीं देते। एक बार जब रेबीज हो गया, तो उसे अस्पताल ले जाया गया।”
सीजेआई ने कहा, “दो साल पहले, मेरा एक अधीनस्थ कर्मचारी अपनी कार खड़ी कर रहा था और उस पर भी सड़क पर घूमने वाले कुत्तों ने हमला कर दिया था।”
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