पिछड़े वर्ग के लोगों को सावधान करने के लिए सावधान यात्रा लेकर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर आज 29 सितंबर को बस्ती (Basti) के कुदरहा ब्लॉक के राघवराम वचन शिवा सरस्वती विद्या पीठ कॉलेज पहुंचे. कार्यकर्ताओं ने ओपी राजभर का फूल मालाओं के साथ स्वागत किया. ओपी राजभर को सुनने के लिए भारी संख्या में आम जनता पहुंची थी. ठेठ भाषा में बोलने के लिए मशहूर ओपी राजभर ने सबसे पहले पुलिस वाले की समस्या को लेकर आवाज उठाया.
उन्होंने कहा कि सिपाहियों के लिए साइकिल की व्यवस्था करने का सवाल जब उन्होंने सदन में उठाई तो किसी ने उनके पक्ष में हाथ नहीं उठाया. साइकिल अलाउंस बढ़ाने के लिए उनकी मुख्यमंत्री से गहमा गहमी तक हुई. इसलिए अब दूर दराज के पुलिस कर्मियों के लिए वे मांग करेंगे कि जितने दिन जो नौकरी करेगा उसे उतनी ही तनख्वाह दी जाए और इसका कानून भी बने.
राजभर 45 जिले जाएंगे
ओपी राजभर ने दावा किया कि वे अपनी सावधान यात्रा को लेकर प्रदेश के सभी 75 जिले में जाएंगे. उन्होंने कहा कि इस यात्रा के बाद विपक्षियों की नींद उड़ गई. पुलिस वालों की ड्यूटी का समय और तनख्वाह बढ़ाने पर भी ओपी राजभर ने काफी जोड़ दिया. डीजीपी के उस आदेश को ओपी राजभर ने कटघरे में खड़ा किया जिसमें यह कहा गया कि पूर्व मंत्री ओपी राजभर के रथ को तनिक भी खरोच नहीं आनी चाहिए. इस आदेश को मुख्यमंत्री के निर्देश पर जारी किया गया. अब ओपी राजभर के इस बयान के मायने को समझा जा सकता है कि अप्रत्यक्ष रूप से योगी सरकार ओम प्रकाश का सहयोग कर रही है.
संबोधन ओपी राजभर
ओपी राजभर ने सरकार से मांग किया कि हर ब्लॉक में एक-एक अग्नि शमन केंद्र बनाए जाए. इसके लिए उनके विधायक दुधराम ने सदन में आवाज भी उठाया. उन्होंने कहा कि शाम तक जैसे ही उनकी मांगों का पत्र मुख्यमंत्री के संज्ञान में आया तो उस पर अमल भी होने लगा. सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के एक फैसले पर भी सवाल खड़ा करते हुए उन्होने कहा कि बॉर्डर सीमा बनाया गया था लेकिन वो सरकार में आते हैं तो इस बॉर्डर सीमा को हटवाने का काम उनके द्वारा किया जायेगा. उन्होंने कहा कि बगल के तीन स्टेट में बॉर्डर सीमा खत्म किया जा चुका है मगर हमारे यहां यह लागू किया गया है.
अखिलेश यादव को लेकर गुस्से से भरे अंदाज में ओपी राजभर ने कहा कि अखिलेश ने हमसे कहा सीट हमारी होगी और सिंबल आपका. ओपी राजभर ने कहा कि हमने समझौता भी किया मगर हमारी दोस्ती का उन्होंने गलत फायदा उठाया, इसलिए हम दोस्ती निभाना जानते हैं तो दुश्मनी भी उतने ही अच्छे से निभाते हैं.
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