कानपुर में गिरफ्तार किए गए सैफुल्ला ने लोन वुल्फ अटैक की ट्रेनिंग ली है। यह खुलासा उसने एटीएस की पूछताछ में किया। पाकिस्तान और अफगानिस्तान स्थित कैंप में इस आक्रमण कला की ट्रेनिंग ली। पूछताछ में सुरक्षा एजेंसियों को और आधा दर्जन संदिग्धों के बारे में जानकारी मिली है। अब उनकी भी तलाश की जा रही है। फतेहपुर निवासी हबीबुल को 13 अगस्त की देर रात फतेहपुर से पकड़ा था। कानपुर से उसकी गिरफ्तारी दिखाने के बाद लखनऊ ले जाया गया। वहां कोर्ट में पेश करने से पहले एटीएस समेत अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों ने संदिग्ध से पांच घंटे तक पूछताछ की। सैफुल्ला ने पूछताछ में बताया कि उसने पाकिस्तान में 20 दिन और अफगानिस्तान में 15 दिन के ट्रेनिंग कैंप में हिस्सा लिया था। संदिग्ध आतंकी ने सुरक्षा एजेंसियों को बताया कि लोन वुल्फ आक्रमण कला में एक व्यक्ति को कई लोगों को बंदूक और चाकू से मारने की ट्रेनिंग दी जाती है। उसने एजेंसियों को बताया कि भाजपा नेत्री नूपुर शर्मा की हत्या की योजना बनाई थी। कोई भी उसे बचाने के लिए सामने आता वह मारा जाता।
अमेरिका में सबसे पहले इस तरीके से की गई थी मास किलिंग
लोन वुल्फ आक्रमण कला का इस्तेमाल सबसे पहले अमेरिका में सन 1976 में किया गया था जिसमें बंदूक के दम पर 154 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था। इस कला में इंसान को यह सिखाया जाता है कि जब वह हमला करता है और सामने से उसपर उसी फोर्स से हमला होता है तो उससे बचते हुए वहां मौजूद सभी लोगों को मौत के घाट कैसे उतारना है।
गुरुवार तक मिलेगी फोरेंसिक रिपोर्ट
सैफुल्ला से जो मोबाइल फोन एटीएस ने बरामद किया था उसे फोरेंसिक लैब भेजा गया है। उसकी रिपोर्ट गुरुवार को मिलेगी। तब एटीएस मोबाइल से निकाले गए डाटा को सैफुल्ला के सामने रखकर पूछताछ करेगी।
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