* खरगे का कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की पूरी संभावना
* कॉंग्रेस के तीन राष्ट्रीय प्रवक्ता अपने पदसे स्तीफा देकर श्रीखरगे के पॗचार मे जुटे
* कॉंग्रेस हाई कमान अब कहां है तटस्थ
अनिल शर्मा + संजय श्रीवास्तव
दिल्ली | कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर हो रहे चुनाव में कांग्रेस के पूर्व मंत्री लोकसभा में वरिष्ठ नेता मलिकार्जुन खरगे के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की पूरी संभावना है| एक तो कांग्रेस हाईकमान मलिकार्जुन खरगे जो कि एक दलित नेता है | के माध्यम से पूरे देश में दलितों को आगामी लोकसभा चुनाव के पहले कोंग्रेस सेजो जोड़ने के लिए प्रयास तेज करना चाहती है| जिस तरह से उत्तर प्रदेश में कांग्रेसमें पूर्व सांसद और दलित नेता बृज लाल कखाबरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है| तथा बसपा सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे नसीमुद्दीन को उत्तर प्रदेश के एक जोनका अध्यक्ष बनाया है|इहसे साफ है कि कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद श्री खरगे हाईकमान के निर्देश पर उत्तर भारत के और दक्षिण भारत के कई प्रदेशों में दलित मुस्लिम और ओबीसी अध्यक्ष बनाएंग| जब कि बॗम्हणो के नेताके रुप मे सोनिया गांधी , राहुल गांधी और प्रियंका गांधी नेहरू और इंदिरा गांधी किस ब्राह्मण छवि को एक बार फिर से पूरे देश के ब्राह्मणों को प्रभावित करने की कोशिश करेंगे इसके अलावा भी देशभर के कई प्रमुख ब्राह्मण नेताओं मेरे एक को कांग्रेसका राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेशों में भी कई कई महत्वपूर्ण पद दिए जाने की संभावना है| जिस तरह से कांग्रेश के 3 राष्ट्रीय प्रवक्ता ओं क्रमश: दीपेंद्र हुड्डा गौरव वल्लभ और नासिर हुसैन अपने अपने राष्ट्रीय प्रवक्ता पद से इस्तीफा देकर वरिष्ठ नेता मलिकार्जुन खरगे के पक्ष में पूरे देश में चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है| इतना ही नहीं अपने इस्तीफे के बाद उन्होंने यह भी कहा है जो उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी के निर्देश पर अपने इस्तीफे दिए हैं| इस बयान के बाद पूरे देश के काँग्रेस और डेलीगेट मे यह संदेश चला गया कि कांग्रेस हाईकमान श्री खरगे को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाना चाहता इसके चलते उनके प्रतिद्वंदी पूर्व मंत्री एवं सांसद शशि थरूर की स्थिति कमजोर हो गई लेकिन यहां एक सवाल यह है कि जो यह बात कही जा रही थी कि यह चुनाव पूरी तरह से पारदर्शिता लड़े जाएंगे और पार्टी हाईकमान तटस्थ रहेगा उस पर सवाल जरूर उठ गया है| इतना तय है कि दलित नेता श्री खरगे जब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन जाएंगे तो उत्तर प्रदेश की तरह पूरे देश के तमाम प्रदेशों में दलित मुस्लिम और ब्राह्मण नेताओं को संगठन में जहां प्रमुख पद मिलेंगे वही ओबीसी नेताओं को भी महत्वपूर्ण पदों पर एडजस्ट किया जाएगा| क्योंकि कांग्रेस पर पूरे देश में लगभग 50 साल तक दलित मुस्लिम ब्राह्मण के कार्ड पर शासन किया है इसलिए पार्टी का हाईकमान एक बार फिर से आगामी लोकसभा चुनाव में इस कार्ड को आजमाना चाहता है इसके पहले गुजरात हिमांचल राजस्थान, मध्य प्रदेश जहां-जहां भी विधानसभा के चुनाव होंगे वहां संगठन में और सत्ता में इस फार्मूले को आजमाया जाएगा और अगर इसमें सफलता मिली तो लोकसभा चुनाव में इसी फार्मूले को लेकर कांग्रेश चुनाव लड़ेगी
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