107 सीएचओ को दिया गया क्षय रोगियों की जांच का प्रशिक्षण
उरई। जिले में क्षय रोगियों की जांच का दायरा बढ़ाया गया है। अब हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर तैनात सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) भी क्षय रोगियों को चिन्हित करने का काम करेंगे। इसके लिए बकायदा सीएमओ कार्यालय स्थित अचल प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में 107 सीएचओ को प्रशिक्षित किया गया।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. कौशल किशोर सिंह ने बताया कि क्षय रोग के खात्मे के लिए जरूरी है कि क्षय रोगियों को चिह्नित कर उनका समय से इलाज कराया जाए। इसके लिए जांच का दायरा बढ़ाकर सीएचओ को भी जोड़ा गया है। उन्होंने बताया कि सीएचओ अपने क्षेत्र में आशा कार्यकर्ता के माध्यम से संभावित क्षय रोगियों को चिह्नित करेंगे और उनकी जांच कराने का काम करेंगे। सीएचओ यह भी देखेंगे कि उनके यहां ऐसा कोई मरीज तो नहीं है, जो प्राइवेट में इलाज करा रहा हो और उसे यह पता न हो कि उसे टीबी है। ऐसे में सीएचओ की जिम्मेदारी होगी कि वह क्षय रोगियों को चिह्नित करने में किसी तरह की कोताही न बरतें। क्षय रोग के लक्षण वाले मरीजों पर नजर रखें। जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि प्रत्येक माह में दो बार सीएचओ को इसकी रिपोर्ट देनी होगी । पहली रिपोर्ट हर माह की 2 तारीख को और दूसरी रिपोर्ट हर माह की 16 तारीख को ब्लाक स्तर पर प्रेषित करनी है। इसके बाद ब्लाक स्तर से जनपद और जनपद स्तर से राज्य स्तर पर रिपोर्ट भेजी जाएगी। उन्होंने निक्षय पोषण योजना के बारे में भी विस्तार से बताया। उन्होंने सीएचओ को निर्देशित किया कि वह अपने क्षेत्र के मरीजों को टीबी के लक्षण और अच्छे खानपान के बारे में भी बताए ताकि रोग जल्दी ठीक हो सके। जालौन ब्लाक में तैनात सीएचओ शालिनी, मुकेश ने बताया कि प्रशिक्षण में कई नई जानकारियां मिली है। उनकी कोशिश होगी कि लक्षण वाले मरीजों को चिह्नित कर उन्हें जल्द इलाज उपलब्ध कराया जाए। जिससे टीबी मुक्त भारत अभियान सफल हो सके। इस दौरान जिला कार्यक्रम समन्वयक नुरुल हुदा, संजय अग्रवाल, राजीव उपाध्याय, आलोक मिश्रा ने भी प्रशिक्षण दिया। इसके अलावा आयुष्मान भारत के डीपीसी डा. आशीष कुमार झा ने भी आयुष्मान संबंधी प्रशिक्षण दिया।
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