कानपुर में संक्रामक बीमारियों से हाहाकार मचा हुआ है। खासकर डायरिया के कारण अस्पताल भरे हुए हैं। लोगों में इसे लेकर डर और दहशत का आलम भी देखा जा रहा है। हालात इस तरह बिगड़ रहे हैं कि लोगों ने अब सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगानी शुरू कर दी है। इसी बाबत बुधवार को कई स्थानों पर पोस्टर भी चिपके देखे गए।
इन पोस्टरों में डायरिया से बचाने की सीएम योगी से गुहार लगाई गई है। नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था से नाराज और परेशान लोगों ने पोस्टरों को चिपकाया है। इन पोस्टरों पर लिखा है कि डायरिया के दंश से बचाओ योगी जी।
यह पोस्टर वार्ड 14 जूही बारादेवी स्थित बाथम का हातावासियों ने चस्पा किए हैं। क्षेत्र में सीवर युक्त जलभराव और डायरिया के प्रकोप से दहशत की स्थिति है। कानपुर में इसके अलावा भी कई स्थानों पर डायरिया फैलने से लोग भयभीत हैं।
यहां 24 घंटे में 124 मरीज सामने आए। दक्षिण भी इसकी चपेट में आ गया। जूही बम्बुरिया में पांच मरीज मिलने से हड़कंप मच गया। यहां पर स्वास्थ्य विभाग की 24 टीमें पहुंच गईं। इसके साथ ही डायरिया प्रभावित रावतपुर के धनकुआना, गजोधरपुर, लोहारन भट्ठा और राजापुरवा में 119 और मरीज मिले, जिनमें छह को गंभीर हालत में हैलट और नर्सिंग होमों में भर्ती कराया गया। संक्रामक बीमारी की भयावहता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीमों को सीएमओ ने 24 घंटे कैंप करने के निर्देश दिए हैं।
कहां मिले मरीज
एसीएमओ डॉ.आरके सिंह के मुताबिक धनकुआना में 107, गजोधरपुर में 4, लोहारन भट्ठा में 8 और जूही में 5 मरीज मिले हैं। इनमें साढ़े तीन साल की मानवी सोनी, तीन वर्षीय संजू, पांच वर्षीय सानवी, 15 साल की सालवी, रानू मिश्रा, राधा को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
डॉक्टरों के मुताबिक हालात में सुधार हो रहा है पर मरीजों का ग्राफ नहीं थम रहा है। इन इलाकों में सर्वे में हर घर में बुखार के मरीज मिले हैं। 205 मरीज वायरल फीवर के मिले, जिनमें आधे में वायरल इंसेफेलाइटिस से लक्षण मिले हैं।
रावतपुर इलाके के आनंद नगर घनुकाना में सरकारी मशीनरी जुटी तो डायरिया समेत बुखार व अन्य रोगों के मरीज घटने लगे। अगर यही इंतजाम पहले किए गए होते तो हालात यहां तक नहीं पहुंचते। स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम और जलकल की संयुक्त टीमें गलियों में घर-घर गईं तो उन्हें भी लोगों से यही बात सुनने को मिली।
24 वर्षीय रानू मिश्रा जिन्हें हैलट अस्पताल रेफर करना पड़ा, टीम से दो टूक कहा- ‘हम लोग गंदगी की शिकायतें कर रहे थे तो आप लोग सुन नहीं रहे थे। इस स्थिति तक आप सभी ने हमें पहुंचाया है।’
धनुकाना में एक निजी घर में कैंप लगा है। मोहल्ले के कई लोग खुद आगे बढ़कर डॉक्टरों और टीमों का सहयोग कर रहे हैं। इनमें दीपक कुमार, सिविल डिफेंस के डिविजनल वार्डेन आलोक पांडेय और पोस्ट वार्डेन सौरभ बाजपेई भी शामिल हैं। कैंप में डॉ. रजनी कटियार और डॉ. माला सिंह टीम समेत रोगियों को बता रहीं थीं कि उन्हें कैसे-क्या करना है।
बेमतलब दवाएं नहीं खानीं। क्लोरीन के साथ उन्होंने ओआरएस घोल दिए। कुछ रोगियों को दवाएं भी दीं। बताया कि रविवार से अब तक मरीजों की संख्या में लगातार कमी हो रही है। अब लोग भी जागरूक हो रहे हैं।
घरों पर सर्वे करने गईं टीमें भी मरीजों को कैंप तक भेज रही हैं। सिर्फ 24 वर्षीय रानू मिश्रा और साढ़े तीन साल की मानवी सोनी को ही रेफर किया गया है। रिपीट होने वाले मरीज अब सिर्फ 8 रह गए।
निजी और सरकारी अस्पताल रेफरल का खेल बंद करें
हैलट में हर दिन मरीजों की बढ़ रही संख्या पर मंगलवार को प्रमुख अधीक्षक प्रो. आरके मौर्या ने निजी अस्पतालों और कांशीराम-उर्सला अस्पताल के डॉक्टरों को सुझाव दिया है कि हर मरीज को रेफर टू हैलट या एलएलआर लिखने से परहेज करें। गंभीर मरीजों को तत्काल बिना इलाज के रेफर कर दिया जा रहा है।
कोरोना काल के बाद से यह खेल तेज हो गया है। तमाम सलाह के बाद भी रोज 300 मरीजों को रेफर कर बोझ बढ़ाया जा रहा है। हैलट में सभी विभागों की ओपीडी में 14 डॉक्टरों को 3989 मरीजों का परीक्षण करना पड़ा। पांच घंटे की ड्यूटी समय में एक डॉक्टर को लगभग 284 मरीजों को देखना पड़ रहा है।
नाले पर कब्जा तोड़कर की गई सफाई
एसीएमओ डॉ. आरएन सिंह, मलेरिया निरीक्षक विवेक श्रीवास्तव और भूप नरायण सिंह के साथ जलकल के प्रमोद कुमार गलियों में घूमते मिल गए। बताया कि अब तेजी से स्थिति सुधर रही है। धनुकाना में ही एक नाले पर हुए कब्जे को तोड़कर टीम ने सफाई कराई। इसकी वजह से 30 घरों में गंदा पानी बैक होकर जा रहा था। मनोज साहनी कहते हैं कि इससे बहुत राहत मिली है। पहले स्थिति खराब थी।
इस तरह हो रही व्यवस्था
40 टीमें एएनएम, आशा बहू की लगी हैं जो घर-घर जा रहीं है। 16 टीमें मलेरिया विभाग की सर्वे करके छिड़काव कर रही हैं। 26 टीमें नगर निगम और जलकल की तैनात की गई हैं। 143 मरीज रविवार को कैंप में दिखाने के लिए आए थे। 108 मरीज सोमवार को कैंप में आकर दवाएं ले जा चुके हैं। 83 मरीज मंगलवार को कैंप में आए, दो को किया गया रेफर।