बीते करीब एक साल से पाकिस्तान में बहुत कुछ बदला है। यहां के राजनीतिक हालात में जारी उथल-पुथल थमने का नाम नहीं ले रही है। इसकी शुरुआत अक्तूबर 2021 से हुई। जब, प्रधानमंत्री रहते हुए इमरान खान और सेना के बीच आईएसआई प्रमुख की नियुक्ति को लेकर अनबन हुई। इसके साथ ही कभी सेना के समर्थन से प्रधानमंत्री बने इमरान के रिश्ते उसी सेना से खराब होने लगे। अब एक बार फिर इमरान और सेना आमने सामने हैं।
जब सेना और सरकार हुए आमने-सामने
बात अक्तूबर 2021 की है। उस वक्त पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान चाहते थे कि लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद आईएसआई प्रमुख बने रहें। वहीं, सेना नदीम अंजुम को नया आईएसआई चीफ बनाना चाहती थी। इसे लेकर मतभेद शुरू हो गया। इमरान को न चाहते हुए भी सेना के दबाव में नदीम अंजुम को आईएसआई चीफ नियुक्त करना पड़ा।
अप्रैल आते-आते इमरान की अपनी ही पार्टी में बगावत हो गई। दूसरी ओर पूरा विपक्ष एकजुट हो गया। हर बीतते दिन के साथ इमरान पर संकट बढ़ता गया। इन सब के बीच इमरान खान ने दावा किया कि उनकी सरकार गिराने के लिए विपक्ष ने विदेशी ताकतों के साथ मिलकर साजिश रची है। कई दिन तक चले सियासी ड्रामे के बाद 11 अप्रैल को इमरान के हाथ से सत्ता चली गई।
अपने पीछे कई संकट छोड़ गए इमरान
इमरान सत्ता से बाहर तो हो गए, लेकिन उन्होंने नई सरकार को कई चुनौतियां विरासत में दी। देश गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा था। महंगाई चरम पर पहुंच गई। इन सब के बीच पाकिस्तान के इतिहास की सबसे बड़ी बाढ़ ने संकट को और बढ़ा दिया। वहीं, सत्ता से बेदखल किए गए इमरान भी हर रोज कुछ न कुछ नया करके सरकार की मुश्किलें बढ़ाते रहे।
इस वक्त पाकिस्तान में किन मुद्दों पर बावल मचा है
अभी भी पाकिस्तान की राजनीति से लेकर खेल तक में बवाल मचा है। एक तरफ क्रिकेट विश्वकप में भारत के बाद जिम्बाब्वे से भी उसे हार का सामना करना पड़ा। दूसरी ओर इमरान खान को चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहरा दिया गया। अब, केन्या में एक पाकिस्तानी पत्रकार की हत्या के बाद इमरान ने सेना पर सनसनीखेज आरोप लगा दिये। इन आरोपों के बाद पूरे देश में नये सिरे से बवाल शुरू हो गया। इस वक्त के सबसे चर्चित विवादों की बात करें तो वो ये रहे..
- इमरान अयोग्य ठहराए गए
- पाकिस्तानी पत्रकार की केन्या में हत्या पर सेना और इमरान आमने-सामने
- आईएसआई चीफ की प्रेस कॉन्फ्रेंस
- सेना ने भी किया इमरान पर पलटवार
- इमरान का आजादी मार्च
आइये, इन मुद्दों को बारी-बारी विस्तार से समझ लेते हैं…
1. इमरान अयोग्य ठहराए गए
बीते शुक्रवार को पाकिस्तान चुनाव आयोग ने इमरान खान को तोशाखाना मामले में अयोग्य करार दिया। इसके साथ ही आयोग ने उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की भी सिफारिश की। आयोग ने उन्हें पांच साल तक सार्वजनिक पद पर रहने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया। दरअसल, इमरान को विदेशी राजनेताओं या मेहमानों से प्राप्त कीमती उपहारों की बिक्री से प्राप्त आय को छिपाने का दोषी पाया गया है।
2. पाकिस्तानी पत्रकार की केन्या में हत्या, सेना पर सवाल
सोमवार को ही पाकिस्तानी पत्रकार व टीवी एंकर अरशद शरीफ की केन्या की राजधानी नैरोबी में हत्या कर दी गई। उनके खिलाफ हाल ही में देशद्रोह का मुकदमा दायर किया गया था। अरशद पूर्व में पाक टीवी चैनल एआरवाय से जुड़े थे। वह इमरान खान के समर्थक माने जाते थे। उन्होंने सेना प्रमुख जनरल बाजवा की कई बार आलोचना की थी। अरशद शरीफ की हत्या के बाद पाकिस्तानी सेना सवालों के घेरे में है। वहीं, इमरान खान ने आरोप लगाया कि पत्रकार की हत्या राजनीति से प्रेरित थी। इमरान खान से लेकर उनके कई समर्थक इसके लिए पाकिस्तानी सेना को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं।
3. आईएसआई चीफ की प्रेस कॉन्फ्रेंस
सेना पर लगे आरोपों की सफाई देने के लिए आईएसआई चीफ नदीम अंजुम खुद सामने आए। अंजुम ने पहली बार मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस एजेंसी (आईएसआई) के प्रमुख के रूप में मैं चुप नहीं रह सकता। हमें बिना किसी कारण के निशाना बनाया जा रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का नाम लिए बगैर आईएसआई प्रमुख ने कहा कि मार्च में जनरल बाजवा को उनके कार्यकाल में अनिश्चितकालीन विस्तार के लिए आकर्षक प्रस्ताव दिया गया था। यह मेरे सामने दिया गया था। उन्होंने (जनरल बाजवा) इसे अस्वीकार कर दिया क्योंकि वह चाहते थे कि सेना एक विवादास्पद भूमिका से संवैधानिक भूमिका की ओर बढ़े। बाजवा को तीन साल का विस्तार मिला था और वह अगले महीने सेवानिवृत्त होने वाले हैं। उन्होंने कहा कि आप रात को उनसे चुपचाप मिलते हैं और अपनी असंवैधानिक इच्छाएं व्यक्त करते हैं लेकिन दिन के उजाले में देशद्रोही (सेना प्रमुख को) कहते हैं। यह आपके शब्दों और आपके कृत्यों के बीच एक बड़ा विरोधाभास है।
4. सेना ने भी किया इमरान पर पलटवार
अपने ऊपर लग रहे आरोपों पर पाकिस्तानी सेना की ओर से शुक्रवार को बयान जारी किया गया। सेना ने कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान खान को अपने दावों को साबित करने की जरूरत है। इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के डीजी लेफ्टिनेंट जनरल बाबर इफ्तिकार ने कहा कि अरशद शरीफ और अन्य पत्रकारों ने दुनिया में पाकिस्तान और देश के संस्थानों को बदनाम करने का प्रयास किया। शरीफ की मौत के बाद लोगों ने सेना पर उंगली उठानी शुरू कर दी है। जबकि, यह निर्धारित किया जाना बाकी है कि इस हत्या से वास्तव में किसे लाभ हुआ है? उन्होंने कहा, 30-40 साल की सेवा करने के बाद कोई भी देशद्रोही नहीं होना चाहता। हम कमजोर हो सकते हैं, हम गलतियां कर सकते हैं, लेकिन हम कभी देशद्रोही नहीं हो सकते।