शिक्षा ही आपका भाग्य बदल सकता है- अनिल शर्मा
उरई। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु बच्चों को बहुत प्रेम करते थे। इसीलिए उन्हें चाचा नेहरू के रूप में याद किया जाता है। उन्होंने हमेशा बच्चों को यही संदेश दिया कि वे शिक्षित होकर नई पीढ़ियों को शिक्षा के मामले में समृद्ध बनाए। क्योंकि शिक्षा ही आपका भाग्य बदल सकता है। यह बात एडीआर के प्रदेश संयोजक अनिल शर्मा ने कही। वह बेनी माधव तिवारी इंटर कॉलेज आटा में बाल दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नेहरू ऐसे पहले प्रधानमंत्री है, जो जब भी इलाहाबाद अपने घर आते तो महान साहित्यकार सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, महादेवी वर्मा आदि साहित्यकारों से मिलने जाते थे। उन्हें अपने आवास में बुलाते थे और उनकी सलाह लेते थे। उन्होंने पंचशील का सिद्धांत देश और दुनिया में चलाना चाहा। लेकिन चीन ने हिंदी चीनी भाई भाई का नारा लगाकर पीठ पर छुरा भोंका। भारत पर आक्रमण कर हजारों एकड़ जमीन पर कब्जा कर लिया। जो आज भी है। अध्यक्षता कर रहे प्रधानाचार्य शैलेंद्र पाठक ने कहा कि वह किसान परिवार से आते है अगर आज शिक्षित नहीं होते तो बताओ बच्चों के प्रिंसिपल बन पाते। शिक्षिका आरती कुलश्रेष्ठ ने बताया कि 1915 से संयुक्त राष्ट्रसंघ में बाल दिवस मनाया जाता है। लेकिन चाचा नेहरु बच्चों से बहुत प्रेम करते थे। इसलिए उनके जन्मदिवस पर पूरे देश में बाल दिवस शुरू हो गया। शिक्षक दिलीप ने बच्चों से कौन बनेगा करोड़पति की स्टाइल में नेहरूजी से संबंधित सवाल पूछे। इस दौरान ब्रजेंद्र सिंह, धीरेंद्र सिंह, बलदेव प्रसाद, राहुल अग्निहोत्री, अभिषेक, योगेंद्र आदि मौजूद रहे। छात्रा खुशी, माही, साक्षी, नित्या, प्रांची, ईशा, मीनाक्षी, छवि सीरौठिया ने प्रकाश डाला। साक्षी शुक्ला ने नेहरू के स्वनिर्मित चित्र का प्रदर्शन किया। इससे पूर्व अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित किया। बच्चों ने सरस्वती वंदना और स्वागत गीत प्रस्तुत किया। संचालन चित्रसेन सिंह ने किया।
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