वाराणसी में सोमवार की सुबह पुलिस ने एनकाउंटर में दो बदमाशों को ढेर कर दिया। एनकाउंटर भेलखा गांव के पास रिंग रोड पर हुआ। आमने-सामने की तकरीबन 15 राउंड से ज्यादा की फायरिंग में बिहार निवासी दो सगे भाई मारे गए। दोनों का एक अन्य भाई पुलिस को चकमा देकर भाग गया है।
पुलिस के अनुसार, तीनों हाल ही में पटना की बाढ़ जिला अदालत के शौचालय की दीवार तोड़कर फरार हो गए थे। आरोपियों ने 2017 में दिनदहाड़े बैंक से 60 लाख रुपए लूट लिए थे। दोनों 2 दरोगा समेत 7 हत्याएं कर चुके थे। बिहार पुलिस को उनकी सरगर्मी से तलाश थी। बदमाशों की गोली से क्राइम ब्रांच का एक सिपाही भी घायल हुआ है।
दोनों बदमाशों ने बीती 8 नवंबर की शाम वाराणसी के रोहनिया क्षेत्र में दरोगा को गोली मारकर सरकारी पिस्टल, कारतूस, पर्स और मोबाइल लूटे थे।
दोनों के पास से दरोगा की सरकारी पिस्टल, 32 बोर की देसी पिस्टल, एक बाइक, मोबाइल और कुछ डॉक्यूमेंट बरामद हुए हैं। दोनों भाइयों को मारने वाले एसआई बृजेश मिश्रा को थानाध्यक्ष चितईपुर और एसआई राजकुमार पांडेय को थानाध्यक्ष लोहता का प्रभार दिया गया है। यूपी के डीजीपी डीएस चौहान ने एनकाउंटर करने वाली पुलिस टीम को 2 लाख रुपए का इनाम देने की घोषणा की है।
तीनों भाई शातिर हत्यारे और लुटेरे हैं
पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने बताया कि बिहार पुलिस से मिली सूचना के अनुसार, मुठभेड़ में मारे गए बदमाशों की शिनाख्त समस्तीपुर जिले के मोहद्दीनगर थाना के गोलवा निवासी सगे भाई रजनीश उर्फ बऊआ सिंह और मनीष सिंह के तौर पर हुई है। पुलिस टीम को चकमा देकर भाग निकला बदमाश उनका भाई लल्लन सिंह है। तीनों भाई शातिर हत्यारे और लुटेरे हैं। तीनों की डीटेल्ड क्रिमिनल हिस्ट्री बिहार पुलिस से मांगी गई है।
पुलिस ने बदमाशों को रोकने का प्रयास किया था
पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने बताया कि दरोगा अजय यादव को गोली मार कर पिस्टल लूटने की घटना को अंजाम देने वाले बदमाशों की तलाश में पुलिस टीमें लगातार लगी हुई थीं। आज सुबह सर्विलांस की मदद से पता लगा कि घटना में वांछित 3 बदमाश भेलखा गांव के पास रिंग रोड से गुजर रहे हैं। इस पर कमिश्नरेट की क्राइम ब्रांच और बड़ागांव थाने की पुलिस टीम ने घेराबंदी कर तीनों बदमाशों को रोकने का प्रयास किया तो उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी।
पुलिस की जवाबी कार्रवाई में दो बदमाश गंभीर रूप से घायल हुए। बदमाशों की गोली से क्राइम ब्रांच के सिपाही शिव बाबू भी घायल हुए हैं। पुलिस सभी को अस्पताल लेकर गई। अस्पताल में दोनों बदमाशों को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। घटनास्थल से भाग निकले एक बदमाश की तलाश के लिए पुलिस की 3 टीमें लगाई गई हैं।
बदमाशों के पास से बरामद हुई 9 MM Browning पिस्टल के मिलान की कार्रवाई के लिए उसे हेड आरमोरर के पास भेजा गया था। जांच के बाद आरमोरर ने कंफर्म किया है कि बदमाशों से बरामद हुई 9 MM Browning पिस्टल दरोगा से ही लूटी गई थी। उधर, अस्पताल में डॉक्टरों ने बताया कि दोनों बदमाशों के सीने पर गोली लगी थी। वहीं, सिपाही के दाएं हाथ में गोली लगी थी।
दोनों ने 11 साल पहले अपराध की दुनिया में कदम रखा था
बिहार पुलिस के अनुसार, दोनों भाइयों ने 11 साल पहले अपराध की दुनिया में कदम रखे थे। इनके अलावा उनके दो अन्य भाई और उनका पिता भी अपराध से जुड़ा है। बिहार पुलिस के अनुसार, चारों भाई कम समय में बहुत पैसे वाला अमीर बनना चाहते थे।
11 साल पहले इन लोगों पर समस्तीपुर के मोहिद्दीनगर थाने में लूट का मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके बाद चारों एक के बाद एक वारदात को अंजाम देने लगे। हत्या और सरकारी असलहे लूटने के साथ ही बैंक से पैसा लूटते थे। चारों भाई और उनका गिरोह पूरे बिहार में कुख्यात है।
2017 में दो गार्ड, ड्राइवर हत्या की
6 मार्च 2017 को बैंक में लूट की घटना को अंजाम देने के दौरान बैंक के गार्ड योगेश्वर पासवान, सुरेश सिंह और वाहन चालक अजीत यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने बदमाशों से 45 लाख रुपए बरामद कर लिया था। उससे पहले इन बदमाशों ने वर्ष 2016 में बिहार में दो दरोगा की हत्या और एक जमादार को गोली मारकर तीन सरकारी पिस्टल और एक रिवाल्वर लूट ली थी।
पटना में 9 सितंबर को कोर्ट से हुए थे फरार
रजनीश, मनीष और लल्लन 9 सितंबर 2022 को पटना की बाढ़ जिला अदालत के टॉयलेट की दीवार फांदकर फरार हो गए थे। तभी से बिहार पुलिस उनकी तलाश कर रही थी। पटना से भाग कर तीनों भाई वाराणसी में मंडुवाडीह क्षेत्र में शरण लिए हुए थे।
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