लखनऊ: राज्य सरकार काशी, अयोध्या और मथुरा की तर्ज पर नैमिष धाम का विकास कराने जा रही है। तीर्थ यात्रियों की सुविधाओं के लिए लखनऊ से सीतापुर के बीच इलेक्ट्रिक बस और हेलिकाप्टर सेवा भी शुरू की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर कार्य योजना तैयार कर ली गई है।
मुख्यमंत्री द्वारा सोमवार को निर्देश देने पर नैमिषारण्य तीर्थ क्षेत्र विकास के लिए चार चरणों में कार्य योजना बनाई गई है। पहले चारण में चक्र तीर्थ, मां ललिता देवी मंदिर, दधिचि कुंड और सीता कुंड का विकास होगा। दूसरे चरण में दधिचि कुंड, रुद्रावर्त महादेव, देवदेश्वर मंदिर और काशी कुंड का विकास होगा। इसके अलावा शहरी और क्षेत्रीय विकास के लिए अलग से कार्य योजना तैयार की गई है।
मिश्रिख नगर पालिका परिषद का सीमा विस्तार किया जाएगा। नैमिषारण्य के सभी कुंडों में स्वच्छ जल की उपलब्धता, चक्रतीर्थ के जीर्णोद्धार, दधीचि कुंड और मां ललिता देवी मंदिर के सुंदरीकरण का काम होगा। नैमिषधाम के पांच, 14 और 84 कोसी परिक्रमा पथ का विकास भी किया जाएगा।
पर्यटन विकास और सुंदरीकरण के लिए जरूरत के अनुसार भूमि अधिग्रहण होगा। यात्री निवास, प्रकाश व्यवस्था, पार्किंग सुविधा और सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम होंगे। नैमिषधाम में पर्यटन विकास के लिए पर्यटन, नगर विकास, पीडब्ल्यूडी और सिंचाई विभाग मिलकर काम करेंगे। पर्यटन विभाग पर्यटकों की सुविधा के लिए पैकेज तैयार करेगा।
नैमिषारण्य तीर्थ सनातन धर्म के करोड़ों लोगों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है और 88,000 ऋषियों की तपोस्थली है। यहां मां ललिता देवी मंदिर, चक्रतीर्थ, व्यास गद्दी, सूत गद्दी, हनुमान गढ़ी सहित कई पौराणिक और आध्यात्मिक दर्शनीय स्थल हैं। यहां मास की हर पूर्णिमा, अमावस्या, नवरात्र और फाल्गुन की चौरासी कोसी परिक्रमा में लाखों श्रद्धालु आते हैं।
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