लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण की अधिग्रहण की हुई जमीन पर अवैध रूप से बने लक्ष्मी मार्केट के अवैध निर्माण को तोड़ने गए प्रवर्तन दस्ते को अतिक्रमणकारियों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा। अवैध निर्माण करने वाले तारा सिंह बिष्ट ने किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं को बुला लिया। कार्रवाई को रोकने के लिए एक धार्मिक आयोजन और भंडारा भी इसी जगह करवा दिया। इसके बाद दिन भर तारा सिंह बिष्ट हंगामा करते रहे। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के लखनऊ में होने के कारण लविप्रा ने भी अपनी ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को स्थगित कर दिया।
अफसरों की मिलीभगत से हुआ अवैध निर्माण
तारा सिंह बिष्ट ने गोमतीनगर में सुलभ आवास के पास लविप्रा की जमीन पर अवैध बाजार बनवा दिया था। लविप्रा के कुछ इंजीनियरों और अफसरों की मिलीभगत से यह अवैध निर्माण काम रोकने की नोटिस के बावजूद होता रहा। अचानक लविप्रा के उपाध्यक्ष डा. इंद्रमणि त्रिपाठी उस क्षेत्र के दौरे पर निकले तो निर्माण की जानकारी मांगी। लविप्रा अफसरों ने बताया कि अवैध निर्माण को रोकने का नोटिस जारी किया गया है। इस पर भी लापरवाही बरतने वालों को उपाध्यक्ष ने वहां से हटा दिया था।
मंडलायुक्त के कोर्ट में अपील खारिज
लविप्रा के विहित न्यायालय में लक्ष्मी मार्केट के अवैध निर्माण को तोड़ने का आदेश जारी किया गया था। इस पर तारा सिंह बिष्ट ने मंडलायुक्त के न्यायालय में अपील की थी। मंडलायुक्त के न्यायालय में यह अपील खारिज हो गई थी। इसके बाद लविप्रा उपाध्यक्ष डा. इंद्रमणि त्रिपाठी ने अवैध निर्माण को गिराने के आदेश दिए थे।
एलडीए की टीम देख पहुंचे किसान यूनियन के नेता
लविप्रा के अवर अभियंता इम्तियाज अहमद सहित कई इंजीनियर मौके पर पहुंचे तो तारा सिंह बिष्ट ने किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं को बुला लिया। सूचना मिलने पर प्रवर्तन अधिकारी अरुण कुमार सिंह भी मौके पर पहुंचे। वहां बताया गया कि प्रमुख सचिव आवास के यहां बुधवार की शाम एक सुनवाई इसी मामले में लगी है। इसे देखते हुए कार्रवाई को स्थगित किया गया।
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