लखनऊ। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने पत्नी को मारने के बाद उसकी लाश छह टुकड़ों में काटकर और दो बैग में भरकर बाराबंकी के सफेदाबाद क्षेत्र में फेंकने के आरोप में गिरफ्तार पति की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। आरोपित ने मुंबई में काम के दौरान वहीं की युवती से प्रेम संबंध के बाद विवाह किया था। चरित्र पर शक होने के कारण लखनऊ बुलाकर हत्या की थी।
पत्नी के चरित्र पर था शक
यह आदेश जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने अभियुक्त समीर खान की जमानत याचिका को खारिज करते हुए पारित किया। अभियोजन के अनुसार अभियुक्त मुंबई में एक चिकन शाप में काम करता था। उसका प्रेम संबंध वहीं की एक युवती से हो गया और दोनों ने शादी कर ली। शादी के कुछ समय बाद वर्ष 2020 में वह बलरामपुर स्थित अपने गांव चला आया। यहां से वह जब भी अपनी पत्नी को फोन करता तो उसका फोन व्यस्त जाता था, इससे उसे पत्नी के चरित्र पर शक होने लगा।
ऐसे अंजाम दिया वारदात को
आरोपित ने 25 जून 2020 को अपनी पत्नी को लखनऊ बुलाया और इंदिरा नगर स्थित किराए के मकान में रहने लगा। पांच जुलाई 2020 को दोनों के बीच झगड़ा हुआ। इसी वजह से समीर खान ने पत्नी की हत्या कर दी और उसकी लाश को छह टुकड़ों में काटकर दो बैग भरकर बाराबंकी के सफेदाबाद में फेंक दिया। युवती का शव सात जुलाई 2020 को बरामद हुआ था। जांच के दौरान मृतका की शिनाख्त होने के बाद समीर खान को पुलिस ने गिरफ्तार किया व उसकी निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त छुरा व शव फेंकने के लिए इस्तेमाल की गई कार को बरामद कर लिया था।
दुष्कर्मी को 14 साल का कठोर कारावास
चाकू की नोक पर एक विवाहिता के साथ दुष्कर्म करने के मामले में दोषी करार दिए गए अभियुक्त चंद्र प्रकाश को सत्र अदालत ने 14 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। विशेष जज डा. अवनीश कुमार ने इस पर 12 हजार का जुर्माना भी लगाया है। सरकारी वकील पंकज श्रीवास्तव के मुताबिक 25 फरवरी, 2013 को इस मामले की एफआइआर पीड़िता ने थाना बंथरा में दर्ज कराई थी। पीड़िता अपनी झोपड़ी में सात वर्षीय पुत्री के साथ सो रही थी। आधी रात को अभियुक्त ने झोपड़ी के बाहर से आवाज लगाई। पीड़िता ने बाहर झांकने का प्रयास किया तो अभियुक्त ने दबोच लिया। फिर उसका मुंह बंद कर दिया और गले में चाकू लगाकर उसके साथ दुष्कर्म किया।
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