राजेंद्र कुमार-प्रथम न्यायमूर्ति अजीत सिंह का अर्दली है। न्यायमूर्ति अजीत सिंह ने इस तरह बख्शीश लेने की सूचना मिलने पर मुख्य न्यायाधीश को 29 नवंबर 2022 को पत्र लिखकर मामले की जानकारी दी थी। सोशल मीडिया पर पेटीएम के वॉलेट के जरिये बख्शीश लेने का वीडियो भी वायरल हुआ था। न्यायमूर्ति के पत्र का संज्ञान लेते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कार्रवाई का आदेश दिया।
निलंबन अवधि के दौरान राजेंद्र कुमार नजारत सेक्शन से संबद्ध रहेगा। कोर्ट की अनुमति के बिना वह अपना स्टेशन नहीं छोड़ सकेगा। इस दौरान उसे निलंबन भत्तों का भुगतान होता रहेगा। राजेंद्र कुमार-प्रथम पर आरोप है कि वह कोर्ट कैंपस में अपनी वर्दी पर पेटीएम का वॉलेट लगाकर घूमता था। फुटकर न होने की स्थिति में वह वॉलेट पर वकीलों से बख्शीश मांगता था। पेटीएम वॉलेट के जरिये वकीलों से ऑनलाइन टिप लेता था। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।