हमीरपुर. कानपुर में 2016 के दौरान हुई सेना भर्ती रैली मामले में सीबीआई ने 40 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. सीबीआई की शुरुआती जांच में सामने आया है कि इस भर्ती में रिश्वत देकर फर्जी दस्तावेजों के जरिए 34 लोगों ने परीक्षा पास कर ली. यही नहीं इनमें से 30 लोगों ने ज्वाइन कर ट्रेनिंग भी हसिल कर ली. मामले में सेना भर्ती कार्यालय में तैनात रहे हवलदार गिरीश एनएच ने बिचौलिए के जरिये रिश्वत लेने की बात कुबूल की है. वहीं अब सभी निवास प्रमाणपत्र हमीरपुर से जारी होने पर सीबीआई की टीम ने जिले में डेरा डाल दिया है और शनिवार को लेखपाल, ग्राम प्रधान और सभासदों को तलब किया है.
प्रदेश के विभिन्न जिलों जैसे नोएडा, बागपत, मथुरा, अलीगढ़, हाथरस, रायबरेली और बुलंदशहर के रहने वाले इन युवकों ने खुद को हमीरपुर का निवासी बताते हुए फर्जी निवास प्रमाण पत्र बनवाए. सीबीआई ने अपनी एफआईआर में फर्जी तरीके से नौकरी पाने वाले इन 34 लोगों के साथ ही सेना के हवलदार गिरीश एनएच, 5 बिचौलियों और हमीरपुर के एसडीएम व तहसीलदार के कार्यालय में तैनात रहे अज्ञात कर्मियों के खिलाफ केस दर्ज किया है.
सीबीआई लखनऊ की स्पेशल क्राइम ब्रांच ने एसटीएफ की सूचना के आधार पर 12 दिसम्बर 2017 में लखनऊ कैंट स्थित मध्य कमान सेना के भर्ती मुख्यालय के अज्ञात अधिकारियों-कर्मचारियों व अन्य के खिलाफ पीई दर्ज कर जांच शुरू की. आरोप सही पाए गए तो स्पेशल क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार सिंह ने 19 अप्रैल 2018 को एफआईआर दर्ज करने के लिए तहरीर दी. मामले में सेना भर्ती दफ्तर में तैनात हवलदार गिरीश एनएच समेत 40 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कर ली. पता चला कि जिन 34 लोगों ने भर्ती में हिस्सा लिया, उनमें से कोई भी हमीरपुर का नहीं था. अब ऐसे में सीबीआई ने हमीरपुर में 2 दिनों से डेरा डाल दिया है और लगातार लेखपाल ,ग्राम प्रधान और सभासदों को तलब करके पूछताछ की जा रही है कि आखिर ये निवास प्रमाणपत्र जारी कैसे हुए थे.