प्रदेश में निकाय चुनाव के जरिए हर पार्टी अपनी पहचान बनाने के लिए लगी हुई है। वहीं भारतीय जनता पार्टी भी पूरब से पश्चिम और अवध से बुंदेलखंड तक लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सामाजिक समीकरण साधेगी। बीजेपी पीएम मोदी के संदेश सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास को सार्थक करने की तैयारी में जिला मुख्यालय के नगर पालिका परिषद अध्यक्ष और महापौर चुनाव में सभी प्रमुख पिछड़ी और दलित जातियों को प्रतिनिधित्व देगी। इसके साथ ही नगर निकाय चुनाव को शहरी क्षेत्र में साल 2024 लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है। इसी वजह से पार्टी ने इस बार सभी वार्डों और निकायों में अध्यक्ष पद पर प्रत्याशी उतारने का फैसला किया है। नगर निकाय अध्यक्षों का आरक्षण घोषित होते ही भाजपा में टिकट के दावेदारों की दौड़ भी शुरू हो गई है।
बृज क्षेत्र में महापौर सीट पर एससी महिला के लिए हुई है आरक्षित
यूपी सरकार समेत बीजेपी पिछले तीन महीने से चुनाव की तैयारियां करने में जुटे हुए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक तरफ मंडल मुख्यालयों में प्रबुद्ध सम्मेलनों, उद्घाटन व शिलान्यास के माध्यम निकाय चुनाव का माहौल तैयार कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी बूथ स्तर पर कमर कस रही है। पार्टी के नेताओं के अनुसार चुनाव में सभी प्रमुख जातियों को महापौर और निकाय अध्यक्ष पद पर प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। पश्चिमी यूपी में जाटव वोट बैंक पर कब्जा जमाने के लिए पार्टी आगरा में जाटव महिला को प्रत्याशी बना सकती है। मथुरा-वृंदावन महापौर के पद पर ओबीसी महिला की ताजपोशी होगी। मथुरा में जाटों की संख्या अधिक होने के चलते यहां जाट महिला को मौका दिया जा सकता है। बृज क्षेत्र में आगरा नगर निगम में महापौर सीट पर एससी महिला के लिए आरक्षित हुई है।
पिछड़े वर्ग को साधने के लिए महिला सीट पर इनको मिलेगा मौका
लखनऊ, फिरोजाबाद, बरेली, गाजियाबाद, कानपुर, गोरखपुर, वाराणसी और शाहजहांपुर नगर निगम महापौर सीट अनारक्षित हुई है। वहीं अयोध्या, सहारनपुर और मुरादाबाद नगर निगम महापौर महिला के लिए आरक्षित हुई है। मथुरा-वृंदावन, अलीगढ़, मेरठ, प्रयागराज नगर निगम ओबीसी महिला के लिए आरक्षित हुआ है। सूत्रों के अनुसार लोकसभा चुनाव साल 2024 के मद्देनजर पिछड़े वर्ग को साधने के लिए पार्टी अनारक्षित या महिला वर्ग की कुछ सीट पर मौर्य, कुशवाहा, सैनी, कुर्मी, राजभर, लोधी, यादव, शाक्य, बिंद, निषाद, कश्यप को मौका दे सकती है। अयोध्या नगर निगम में पार्टी ब्राह्मण, कायस्थ या ठाकुर महिला को उतार सकती है। वैसे यहां कुर्मी नेता भी अपनी पत्नी के लिए टिकट मांग रहे हैं। अवध क्षेत्र की लखनऊ नगर निगम महापौर पद अनारक्षित रहने से पार्टी यहां ब्राह्मण, वैश्य या कायस्थ समाज को मैदान में उतार सकती है।
शाहजहांपुर नगर निगम में महापौर पद पर पहली बार होगा चुनाव
राज्य के पश्चिम क्षेत्र में मेरठ नगर निगम पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित होने से वहां पार्टी जाट, जट सिख, प्रजापति, गुर्जर में से किसी जाति को साधने की कोशिश कर सकती है। सहारनपुर महापौर सीट महिला के लिए आरक्षित है। पार्टी यहां पर दलित महिला को चुनाव लड़ाकर पश्चिम यूपी के दलित वोट बैंक को साध सकती है। हालांकि एक वर्ग पंजाबी महिला को भी मौका देने का पक्षधर है। गाजियाबाद में ब्राह्मण और मुरादाबाद में वैश्य वर्ग पर दांव खेल सकती है। बरेली नगर निगम में सामान्य वर्ग की सीट पर पार्टी ब्राह्मण, वैश्य या पंजाबी जाति के प्रत्याशी उतार सकती है। अलीगढ़ नगर निगम में ओबीसी महिला की सीट पर पार्टी लोधी महिला को चुनाव लड़ा सकती है। शाहजहांपुर नगर निगम में महापौर पद पर पहली बार चुनाव होगा। यहां करीब 43 फीसदी मुस्लिम मतदाता होने के कारण पार्टी इस सीट पर ध्रुवीकरण के लिए ब्राह्मण या ठाकुर को उम्मीदवार बना सकती है। पार्टी का मानना है कि वहां ध्रुवीकरण से ही चुनाव जीता जा सकता है।
पीएम, सीएम अपने-अपने संसदीय क्षेत्र में तय करेंगे महपौर प्रत्याशी
कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र की कानपुर नगर निगम में पार्टी ब्राह्मण या ठाकुर समाज के प्रत्याशी को मौका दे सकती है। झांसी नगर निगम एससी के लिए आरक्षित हुई है। बुंदेलखंड के कोरी और खटीक वोट बैंक को संदेश देने के लिए पार्टी झांसी में कोरी, खटीक या धोबी समाज के प्रत्याशी को मैदान में उतार सकती है। फिरोजाबाद नगर निगम में भाजपा राठौर (तेली) या ब्राह्मण समाज के प्रत्याशी को चुनाव लड़ा सकती है। पूर्वांचल में पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में महापौर पद अनारक्षित है। यहां पार्टी वैश्य, ठाकुर, ब्राह्मण या भूमिहार को प्रत्याशी बना सकती है। ऐसा माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वहां किसी कायस्थ, वैश्य या पिछड़ी जाति को मौका दे सकते हैं। काशी क्षेत्र की प्रयागराज सीट पर पार्टी ओबीसी गुप्ता, साहू या मौर्य समाज को साधने की कोशिश कर सकती है। पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में महापौर प्रत्याशी उनकी सहमति से तय होगा। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संसदीय क्षेत्र गोरखपुर में महापौर प्रत्याशी भी वह खुद ही तय करेंगे। लखनऊ में महापौर का प्रत्याशी रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की हरी झंडी से घोषित होगा।
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