”खुद मुख्यमंत्री लोगों को फंसा रहे हैं। समाजवादी पार्टी मुख्य विपक्षी पार्टी है, इसलिए सपा के कार्यकर्ताओं की पहचान कर झूठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। जब अफसरों से बात करते हैं तो वह कहते हैं कि हम पर दबाव हैं। आखिर यह दबाव किसका है। मुख्यमंत्री को इस बात का जवाब देना चाहिए।”
यह बात सोमवार को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने झांसी जेल के बाहर कही। इसके पहले अखिलेश यादव ने जेल में बंद पूर्व विधायक दीपनारायण यादव से करीब आधे घंटे तक मुलाकात की।
हालांकि अखिलेश यादव को 22 दिसंबर को ही झांसी आना था। लेकिन हेलिकॉप्टर उतारने की इजाजत नहीं मिलने के कारण उनका दौरा स्थगित हो गया था।
अखिलेश बोले- भाजपा अभी मैनपुरी में मिली हार से उबर नहीं पाई अखिलेश यादव ने कहा, ”समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को जेल भेजा जा रहा है। पूर्व विधायक दीप नारायण यादव और विधायक इरफान सोलंकी को झूठे केस में जेल भेजा गया है। प्रशासन सरकार के दबाव में काम कर रहा है। समाजवादी पार्टी इससे डरने वाली नहीं है।”
उन्होंने डिप्टी सीएम पर हमला बोलते हुए कहा, ”केशव प्रसाद का डिमोशन हुआ है। उनको जो विभाग मिले हैं उसमें बजट ही नहीं है। फर्रुखाबाद में एक लाख से अधिक बेरोजगारों ने अग्निवीर की परीक्षा दी थी। उनमें से सिर्फ 200 को ही नौकरी मिल पाई है। भाजपा सरकार अभी मैनपुरी में मिली हार से उबर नहीं पाई है।”
कहा- मुकदमा करके ये समाजवादियों का स्वागत कर रहे हैं
कानपुर जेल में विधायक इरफान सोलंकी से मुलाकत के बाद एक मुकदमा होने और फिर आज 3 मुकदमे लिखे जाने के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि ये समाजवादियों का स्वागत कर रहे हैं। ये बता रहे हैं कि समाजवादी की सरकार आए तो ऐसा ही काम आप करना।
डिप्टी सीएम पर किसका मुकदमा लिखा था, जो पर्ची वापस ली थी। जिस पर पूजा पाठ में चंदा लेने का मुकदमा हो। चंदा के लिए फर्जी पर्ची छपवाते हैं। जो विभाग उन्हें मिला है, उसमें बजट नहीं है। वो काम क्या करेंगे?
अखिलेश ने कहा कि चाचा को जल्द ही जिम्मेदारी मिलेगी। भाजपा को इसकी चिंता नहीं करना चाहिए। भाजपा को खुला ऑफर है 100 आइए और 100 ले जाइए।
कौन हैं दीप नारायण यादव?
झांसी के मोठ इलाके के बुडावली गांव के रहने वाले दीप नारायण यादव ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत बुंदेलखंड डिग्री कॉलेज से की। 1986 में दीप नारायण यादव बुंदेलखंड डिग्री कॉलेज के सबसे कम उम्र के छात्र संघ अध्यक्ष बने। छात्र संघ के शपथ ग्रहण के लिए दीप नारायण यादव ने तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को बुलाया था। तभी से दीप नारायण यादव समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए।
दीप नारायण की सपा में क्या है अहमियत?
1996 में दीप नारायण यादव को लोहिया वाहिनी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। 1998 में मध्यप्रदेश के निवाड़ी सीट से दीप नारायण यादव ने चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। उन्हें 2003 में लोहिया वाहिनी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया।
2017 के विधानसभा चुनाव में दीप नारायण यादव पहली बार गरौठा से विधायक बने। उसके बाद 2012 में दीप नारायण यादव गरौठा सीट से ही समाजवादी पार्टी के विधायक रहे। दीप नारायण यादव ने राजनीति की शुरुआत मुलायम सिंह यादव के सानिध्य में की और धीरे-धीरे वह अखिलेश यादव के बेहद करीबी नेताओं में गिने जाने लगे।
दीप नारायण की गिरफ्तारी क्यों हुई?
झांसी की गरौठा सीट से साल 2007 और 2012 में विधायक रहे दीप नारायण यादव को बीते 26 सितंबर को झांसी पुलिस ने गिरफ्तार किया था। आरोप लगा कि 17 सितंबर को कन्नौज जेल से झांसी कोर्ट पेशी पर आए शातिर अपराधी लेखराज सिंह यादव को पुलिस हिरासत से छुड़ाने की दीप नारायण यादव ने अपने साथियों के साथ मिलकर कोशिश की थी।
इस मामले में झांसी पुलिस ने दीप नारायण यादव समय कुल 19 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। दीप नारायण यादव पर कुल 58 मामले दर्ज हैं, जिसको देखते हुए झांसी पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट का भी मुकदमा दर्ज किया। गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज करने के बाद झांसी पुलिस ने दीप नारायण यादव के आर्थिक साम्राज्य पर शिकंजा कसना शुरू किया।
आय से अधिक संपत्ति जुटाने का आरोप
हाल ही में झांसी के भगवंतपुरा और करगुआजी में दीप नारायण यादव के नाम पर दर्ज 130 करोड़ की संपत्ति को गैंगस्टर एक्ट में कुर्क भी किया है। कार्रवाई करते हुए झांसी पुलिस ने दावा किया कि दीप नारायण यादव की अभी और बेनामी संपत्तियों को खंगाला जा रहा है, जिन पर गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई होगी।
इससे पहले बीते 30 जुलाई को उत्तर प्रदेश पुलिस की विजिलेंस टीम ने भी दीप नारायण यादव पर आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज किया था। आय से अधिक संपत्ति के मामले में बताया गया कि विधायक रहते दीप नारायण यादव की आय 14 करोड़ 30 लाख की थी जबकि खर्च 37 करोड़ बत्तीस लाख का था।
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