भोपाल: बागेश्वर धाम से महाराज धीरेंद्र शास्त्री ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि हम कोई अंतर्यामी नहीं हैं तथा न ही हमने कभी ऐसा दावा किया हैं। अंतर्यामी तो सिर्फ परमात्मा है। बता दे कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री पर नागपुर में कथा को बीच में ही छोड़कर चले आने का आरोप है। वही पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने इसमें स्वयं को बब्बर शेर बताया। उन्होंने कहा कि सफाई देते हुए हमारी आंखें क्यों भरेंगी? हम तो बब्बर शेर हैं।
बागेश्वर पीठाधीश्वर ने कहा कि मैं कोई तपस्वी नहीं हूं, किन्तु पूरा बचपन तपस्या में गुजरा है। बचपन से ही हनुमान चालीसा का पाठ किया। गुरुजी ने जो बताया उसे अनुभव किया। हनुमान जी के चरणों में बैठकर रोए। उसका ही नतीजा है कि आज सनातन धर्म का झंडा हर जगह गाड़ा जा रहा है। मिशनरियों के मुंह पर तमाचा पड़ा है। इस के चलते उन्होंने महाराष्ट्र की उस समिति को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि मीडिया को मैनेज करके कोई भी लोकप्रिय हो सकता है, किन्तु सच्चाई नहीं होगी तो बोल्ड आउट हो जाएंगे। हमारे बारे में दिखाया गया कि सफाई देते-देते हमारी आंखें भर गई हैं।
शास्त्री ने कहा, “अरे सफाई देते-देते हमारी आंखें भरेंगी? हम बब्बर शेर हैं। हमने उनको रुला दिया है झंडा गाड़कर। लोगों को आंखें खुली करके देखना चाहिए।” पंडित शास्त्री ने कहा कि क्या भारत के इतिहास में कभी पादरी के विरुद्ध न्यूज चैनलों ने एक्सपोज किया है? इस के चलते जब उनसे पूछा गया कि कोई दूसरे धर्म का व्यक्ति आपके दरबार में आए तो उसकी सहायता करते हैं? पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हमसे बहुत मुसलमान जुड़े हैं। बहुत क्रिश्चियन भी आते हैं। अन्य पंथों के लोग भी आते हैं। हम मानव होने के नाते सबकी सहायता करते हैं। बस हमारे सामने जो आएगा, वो सनातनी बनेगा, हम बालाजी से प्रार्थना करेंगे। बागेश्वर के महाराज से पूछा कि आपके दरबार में जब लोग आते हैं तो वो तड़पने लगते हैं, अपने आपको मारने लगते हैं। उस वक़्त लोगों को क्या हो जाता है? इस पर उन्होंने कहा कि नकारात्मक एवं सकारात्मक ऊर्जा की लड़ाई है। हम कुछ नहीं, हमपर तो कोई प्रेत नहीं चढ़ा है। वही जब उनसे पूछा कि ईसाई लोग जब धर्मांतरण कैंप लगाते हैं, तब वो भी ऐसे ही करते हैं? झूमने लगते हैं। इस पर धीरेंद्र शास्त्री ने बोला कि पूरे देश में इसी बात की चर्चा है। मिशनरीज इसीलिए हमारे पीछे लगे हैं, मगर कोई भी पादरी बागेश्वर धाम का सामना नहीं कर पाएगा। इसके अतिरिक्त उन्होंने पादरियों और मौलाना के बीच अंतर बताते हुए कहा कि हम किसी प्रकार का शोषण नहीं करते। निर्धन लड़कियों की शादी कराते हैं। भंडारा करते हैं। हम दक्षिणा नहीं लेते। 2029 तक श्रद्धालुओं के सहयोग से 400 बेड का कैंसर रिसर्च अस्पताल खुलवाने जा रहे हैं। हम दंगा नहीं फैलाते। हम हलाला नहीं करते। डुबकी के नाम पर श्रद्धालुओं को नहीं डराते हैं। हम भूत नहीं हटाते। प्रेत नहीं निकालते। हम बस भगवान से जोड़ते हैं।
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