कानपुर: प्रदेश सरकार फरवरी में इन्वेस्टर समिट करेगी, लेकिन उसके पहले 20 जनवरी को कानपुर विकास प्राधिकरण (KDA) कानपुर (Kanpur News) में ही एक इन्वेस्टर मीट आयोजित कर रहा है। एयरपोर्ट, मेट्रो और रिंग रोड जैसे बड़े प्रॉजेक्ट कानपुर के सुनहरे भविष्य की नई इबारत लिखेंगे, लेकिन सवाल यह है कि कानपुर में कोई क्यों निवेश करेगा? केडीए वीसी अरविंद सिंह के अनुसार, न्यू कानपुर सिटी और न्यू बिजनेस डिस्ट्रिक्ट जैसी विश्वस्तरीय परियोजनाएं सब कुछ बदल देंगी।
बिठूर की तरफ 133 हेक्टेयर में प्रस्तावित न्यू कानपुर सिटी की सारी बाधाएं दूर हो चुकी हैं। केडीए बोर्ड बैठक से किसानों को मुआवजे का प्रस्ताव पास हो चुका है। यह ग्रुप हाउसिंग, होटल, अस्पताल और स्कूलों के लिए भरपूर जगह उपलब्ध है। यहां कहीं स्कूल एक साथ दिखेंगे तो कहीं होटल एक साथ। विश्वस्तरीय प्रॉजेक्ट के निवेशकों को केडीए हरसंभव मदद देगा। गंगा बैराज के पास बंधा रोड को चार लेन बनाकर इसे हाइवे से लखनऊ से जोड़ा जाएगा। यानी नए कानपुर से लखनऊ आने-जाने में जाम में नहीं फंसना होगा।
न्यू बिजनेस डिस्ट्रिक्ट
चकेरी के पास 200 हेक्टेयर में न्यू बिजनेस डिस्ट्रिक्ट में बड़े-बड़े शोरूम, होटल और 1500 लोगों का कन्वेंशन सेंटर होगा। इस एरिया के करीब ही नया एयरपोर्ट टर्मिनल है। चमड़ा उद्योग के लिए यहां बेहतरीन संभावनाएं हैं। करीब ही रूमा औद्योगिक क्षेत्र है। दिल्ली-कोलकाता नैशनल हाइवे के नजदीक होने के अलावा कानपुर आउटर रिंग रोड से भी इस इलाके का सीधा जुड़ाव होगा। चकेरी से कुछ किमी दूर बिनगवां में कमजोर और मध्यम आय वाले वर्गों के लिए भी हाउसिंग स्कीम लाई जा रही हैं।
मनोरंजन और होटलों का इंतजाम
वीसी अरविंद सिंह ने बताया कि गंगा बैराज के पास 25 एकड़ में गोल्फ कोर्स विकसित करने की तैयारी पूरी हो चुकी है। बाउंड्रीवॉल बन रही है। कानपुर में 3-4 होटल निर्माणाधीन हैं, जो श्रेणीवार थ्री और फाइव स्टार हैं।
निवेशकों की सुविधा का ध्यान
2000 वर्ग मीटर या उससे ऊपर के प्लॉट पर निवेश करने वालों को केडीए संभावित निवेशक के तौर पर देखता है। इनकी सुविधाओं की केडीए अधिकारी निजी निगरानी करेंगे। कानपुर इन्वेस्टर मीट में शहर के उद्योगपतियों, बिल्डरों और निर्यातकों आदि से संवाद किया जाएगा। इससे भरोसा बढ़ेगा और कानपुर का विकास तेज होगा।
तकनीकी संस्थानों के साथ काम
केडीए अधिकारियों ने बताया कि कानपुर में आवास और आधारभूत ढांचे को विकसित करने के लिए 4 हजार करोड़ के एमओयू पर पहले ही हस्ताक्षर हो चुके हैँ। केडीए ने ग्लोबल कंस्लटेंसी फर्म अर्नस्ट एंड यंग को भी अपने साथ जोड़ा है। डिजिटल फ्रंट पर जमीनों के सारे रेकॉर्ड ऑनलाइन किए जा रहे हैं। इसके लिए आईआईटी कानपुर से पहले ही करार हो चुका है। ब्लॉकचेन तकनीक की मदद से भविष्य में जमीनों की खरीद-बिक्री पारदर्शी तरीके से होगी। फ्लोर एरिया रेश्यो की शेयरों की तरह ट्रेडिंग की जा सकेगी। मार्च में इस परियोजना का पायलट प्रॉजेक्ट शुरू हो जाएगा। कानपुर के विकास और इसकी चुनौतियों से निपटने में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट लखनऊ की भी मदद ली जा रही है।
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