हमीरपुर में कलियुगी पति ने अपनी ही गर्भवती पत्नी को घर में बंधक बनाकर मारपीट कर अधमरा कर दिया। 10 दिनों से बंधक बनी महिला को गंभीर हालत में सरकारी अस्पताल में पुलिस की मदद से भर्ती कराया गया है। इस घटना के बाद आरोपी पति फरार है। पुलिस ने तहरीर पर घटना की जांच शुरू कर दी है। वहीं सरकार सुरक्षित प्रसव के लिए तमाम दावे करती है लेकिन कहीं न कहीं लापरवाही व्यवस्था पर भारी पड़ रही है। ऐसा ही एक मामला सोमवार को रूरा सीएचसी में सामने आया। यहां प्रसव पीड़ा होने पर गर्भवती को लेकर परिजन सीएचसी पहुंचे। डाक्टरों ने उसकी हालत गंभीर बताकर जिला अस्पताल रेफर कर दिया। अब जिला अस्पताल जाने के लिए एक घंटे तक एंबुलेंस मुहैया नहीं हो सकी। इस बीच दर्द से चीखते हुए महिला ने दम तोड़ दिया। इससे नाराज परिजनों ने सीएचसी में जमकर तोडफोड़ की।
हमीरपुर जिले के राठ कोतवाली क्षेत्र के कैथा गांव में वंदना पत्नी भास्कर को उसी के पति ने घर में बंधक बनाकर जमकर मारपीट की, जिससे वह अधमरी हो गई। घटना की जानकारी होते ही जरिया क्षेत्र के चंडौत गांव निवासी वंदना की मां रामकुमारी परिजनों के साथ गांव पहुंची और घटना की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर गर्भवती को मुक्त कराकर उसे इलाज के लिए सरकारी अस्पताल पहुंचाया। परिजनों ने घटना की तहरीर राठ कोतवाली में दी है।
शराब के नशे में बनाया बंधक
रामप्यारी ने बताया कि बेटी वंदना की शादी राठ क्षेत्र के कैथा गांव में भास्कर के साथ की है। शादी के बाद से ही बेटी पर अत्याचार किया जा रहा है। बताया कि शराब के नशे में दामाद ने पिछले दस दिनों से गर्भवती बेटी वंदना को घर में बंधक बनाए है। उसे मारपीट कर अधमरा कर दिया गया है। राठ कोतवाली के इंस्पेक्टर तारा सिंह पटेल का कहना है कि तहरीर के आधार पर आरोपी पति के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।
घंटों नहीं पहुंची एंबुलेंस, दर्द से हो गई मौत
कानपुर देहात के इकघरा गांव की शबाना (28) को प्रसव पीड़ा होने पर पति सैय्यद्दीन उसे लेकर रूरा सीएचसी पहुंचे। वहां परिवार के कई अन्य लोग भी पहुंच गए। डॉक्टरों ने महिला को भर्ती कर जांचे शुरु की। इसके बाद हालत गंभीर बताकर जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। नियमानुसार सरकारी एंबुलेंस से महिला को तत्काल जिला अस्पताल भेजा जाना चाहिए था, लेकिन एक घंटे तक एंबुलेंस नहीं आई। परिजन इंतजार करते रहे। महिला दर्द से तड़प कर चीखती रही। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने महिला को बचाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया। इससे उसकी हालत बिगड़ती चली गई और जिला अस्पताल ले जाने से पहले ही उसकी मौत हो गई।
समय से आ आती एंबुलेंस से तो बच सकती थी जान
महिला की हालत गंभीर होने पर उसे जिला अस्पताल ले जाने के लिए सरकारी व्यवस्था के तहत एंबुलेंस के लिए फोन किया गया। एक घंटे तक एंबुलेंस नहीं आई तो परिजनों ने आपा खो दिया। सीएचसी के काउंटर ग्लास, फर्नीचर तोड़ डाला। पूरी सीएचसी में दहशत का माहौल हो गया। मृतका के पति सैय्यद्दीन का कहना है कि अगर समय से एंबुलेंस आ जाती तो पत्नी की जान बच जाती। कहा कि लापरवाही की वजह से पत्नी की जान चली गई।
परिजनों ने फर्नीचर और काउंटर तोड़ डाले
सीएचसी में तोड़फोड़ की घटना के बाद डेप्युटी सीएमओ डॉ. आईएच खान, एसएल वर्मा समेत स्वास्थ्य विभाग के कई अधिकारी पहुंचे। घटना की जांच की। डेप्युटी सीएमओ डॉ. आईएच खान ने बताया कि सीएचसी स्तर पर डाक्टरों ने इलाज में कोई लापरवाही नहीं की है, लेकिन एंबुलेंस आने में देर हो गई। ऐसा हो सकता है अगर महिला को समय से इलाज मिलता तो जान बच सकती थी। एंबुलेंस देर से आने के बावत उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। सीएचसी के डॉक्टर सुनील कुमार ने अज्ञात लोगों के विरूद्ध तोडफ़ोड़ करने की तहरीर रूरा थाने में दी है। रूरा थानाध्यक्ष दिनेश कुमार गौतम ने बताया कि मामले में रिपोर्ट दर्ज कर तोड़फोड़ करने वालों को गिरफ्तार किया जाएगा।
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