झांसी के शिवाजी नगर में शनिवार को ट्रांसफॉर्मर पर काम करते वक्त लाइनमैन जिंदा जल गया। वह 20 मिनट तक जलता रहा। जबकि उसके 4 साथी बाल-बाल बच गए। पांचों ट्रांसफॉर्मर से तेल गिरने की शिकायत पर मरम्मत करने गए थे। शटडाउन लिया था, मगर बिना जानकारी दिए ही बिजली सप्लाई चालू कर दी। साथियों ने ही लाठियों की मदद से किसी तरह लाइनमैन को ट्रांसफॉर्मर से नीचे खींचा। लोगों ने आग बुझाई, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
10 साल से संविदा पर लाइनमैन था बृखभान
मृतक लाइनमैन 45 साल का बृखभान पुत्र लालाराम पाल रक्सा थाना क्षेत्र के राजापुर गांव का रहने वाला था। वह 10 साल से संविदा पर काम कर रहा था। इस इस समय वह न्यू गल्लामंडी पावर हाउस में कार्यरत था।
उसके साथी लाइनमैन शुभम ने बताया, “आज सुबह हम पावर हाउस में थे। तभी SSO ने कहा कि शिवाजी नगर ज्ञानस्थली स्कूल के पास ट्रांसफॉर्मर से तेल गिरने की शिकायत आई है। इस पर मैं, बृखभान, हेल्पर विनय राय, रवि श्रीवास और उमेश के साथ मौके पर पहुंचा। वहां तेल गिर रहा था।”
शुभम ने बताया, ”ट्रांसफार्मर की मरम्मत के लिए मैंने फोन कर SSO से शटडाउन ले लिया। इसके बाद मैं बृखभान के साथ ट्रांसफॉर्मर के ऊपर काम करने लगा, जबकि तीनों हेल्पर नीचे एलटी पर काम कर रहे थे। काम करते हुए हमने अपने वॉट्सऐप ग्रुप पर फोटो भी डाला। 10 मिनट बाद ही अचानक 11केवी की बिजली सप्लाई चालू हो गई। करंट के झटके से मैं दूर जा गिरा और बृखभान ट्रांसफार्मर में चिपट गए। नीचे काम कर रहे तीनों हेल्पर भी बच गए। इसके बाद मैंने पावर हाउस में फोन लगाया, तो काफी देर तक बिजी आया। इसके बाद फिर से शटडाउन किया गया। हमारे देखते ही देखते बृखभान आग में जलने लगा। किसी तरह हमने उसको लाठियों की मदद से नीचे उतारा। लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।”
साथियों में आक्रोश, हड़ताल पर बैठे
बृखभान की मौत की खबर से बिजली के संविदाकर्मी आक्रोशित हो गए। 16 पावर हाउस के संविदाकर्मी मेडिकल कॉलेज में एकजुट हो गए और घटना पर रोष जताया। बिजली कर्मियों और परिजनों ने पोस्टमॉर्टम के बाद शाम को जाम लगा दिया। वे लोग कानपुर रोड पर लाश रखकर बैठे हुए हैं। उनकी कहना है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाएंगी, तब तक शव नहीं लेकर जाएंगे। सीओ और अन्य पुलिस अधिकारी मौके पर हैं और परिजनों को समझाने में जुटे हैं।
विद्युत संविदा मजदूर संगठन के अध्यक्ष श्याम सुंदर का कहना है कि शटडाउन होने के बावजूद बिजली सप्लाई शुरू होना बड़ी लापरवाही है। सरकार की तरफ से 5 लाख रुपए मुआवजा मिलता है। लेकिन, इतनी राशि में कुछ नहीं होता। उन्होंने कहा, हमारी मांग है कि परिवार को 50 लाख मुआवजा, पत्नी को सरकारी नौकरी मिले और लापरवाही कर्मचारी पर कार्रवाई हो। इसके बाद ही हम शव लेकर जाएंगे। विद्युत और पुलिस अधिकारी लोगों को मनाने में जुटे हैं।
वर्तमान में बृखभान झांसी में पानी वाली धर्मशाला के पास किराए के मकान में रह रहा था। उसके साथ पत्नी विनीता और दो बच्चे (10 साल की बेटी निधि और 7 साल का बेटा हेमंत) भी रहते हैं।
बृखभान के सबसे छोटे भाई मुकेश की 6 फरवरी को बारात जानी है। आज के बाद वह तीन दिन की छुट्टी ले चुका था और साथियों को भी शादी में आने का निमंत्रण दे चुका था। मगर, उसकी मौत के बाद शादी की खुशियां गम में बदल गई हैं।
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