जिलाधिकारी ने कलेक्ट्रेट और सदर विधायक ने सीएमओ कार्यालय में किया अभियान का शुभारंभ
खुद दवा का सेवन कर दूसरों को भी प्रेरित किया, फाइलेरिया रोधी शपथ भी दिलाई
उरई(जालौन)। फाइलेरिया उन्मूलन अभियानके तहतसर्वजनदवा सेवन कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में सदर विधायक गौरीशंकर वर्मा ने स्वयं दवा का सेवन कर और फाइलेरिया रोधी शपथ दिलाकर किया। कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी चांदनी सिंह ने भी जिले के सभी अधिकारियों औरकर्मचारियों को फाइलेरिया रोधी शपथ दिलवाकर और खुद भी दवा का सेवन कर अभियान का शुभारंभ किया। जिलाधिकारी ने कहा कि शत प्रतिशत लक्षित आबादी को दवा खिलाना सुनिश्चित करें। उन्होंने जनपदवासियों से फाइलेरिया रोधी दवा के सेवन की अपील की।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एनडी शर्मा ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन अभियानके लिए घर-घर दवा खिलाने का अभियान 10 फरवरी से शुरू हो गया है और यह 27 फरवरी तक चलेगा। इस अभियान की सफलता के लिए जिले में 1551 टीमें बनाई गई है। प्रत्येक टीम में दो सदस्य हैं, जो घर-घर जाकर अपने सामने दवा खिलाने का काम करेंगे। टीमों के पर्यवेक्षण के लिए 262 सुपरवाइजर लगाए गए हैं। इस बार अभियान में करीब19.43 लाख लोगों को दवा खिलाई जानी है।एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गंभीर रुप से बीमार और गर्भवती को यह दवा नहीं खिलानी है। फाइलेरिया उन्मूलन के लिए साल भर में एक बार यह दवा खाना जरूरी है। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया के संक्रमण के शुरूआत में लक्षण सामने नहीं आते हैं लेकिन इसके लक्षण दिखने में पांच से 15 साल तक लग जाते हैं। फाइलेरिया को हाथी पांव की बीमारी के नाम से भी जाना जाता है। कुछ महिलाओं के स्तन और पुरुषों के अंडकोष में भी यह बीमारी होती है। इससे बचाव के लिए मच्छरों को न पनपने दें और फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन जरूर करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि अन्य देश इस बीमारी को भले ही उपेक्षित बीमारी की श्रेणी में रख रहे हैं लेकिन भारत में वर्ष 2027 तक प्राथमिकता से समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित है। उन्होंने बताया कि यह अभियान केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और नेशनल सेंटर फॉर वेक्टर बार्न डिजीज कंट्रोल की पहल पर शुरू किया गया है।
इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ अविनेश कुमार, एसीएमओ डॉ वीरेंद्र सिंह,डॉ एसडी चौधरी, डॉ अरविंद भूषण, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ डीके भिटौरिया, जिला मलेरिया अधिकारी डॉ जीएस स्वर्णकार, सहायक मलेरिया अधिकारी अजब सिंह, जिला प्रशासनिक अधिकारी उत्तम प्रकाश, डीपीएम प्रेम प्रताप सिंह, जिला लेखा प्रबंधक धीरेंद्र कुमार, डीसीपीएम धर्मेद्र कुमार, जिला समन्वयक शहरी स्वास्थ्य संजीव कुमार चंदेरिया, बायोलाजिल्ट भावना, पाथ संस्था के डॉ अनिकेत, पीसीआई के सुनील गुप्ता आदि मौजूद रहे।