झांसी में सीबीआई के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है। लोगों को सीबीआई में ज्वानिंग का झांसा देने वाले शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसके पास से क्राइम ब्यूरो इन्वेस्टिगेशन ट्रस्ट की डायरी समेत कई संदिग्ध चीजें बरामद की गई हैं। वह धर्म बदलकर रह रहा था। नमाज नहीं पढ़ने पर मकान मालिक को शक हुआ तो उसने पुलिस को सूचना दी।
पुलिस के अनुसार, आरोपी बलराज (43) राजस्थान के भरतपुर के नगला लोधा का रहने वाला है। वह 7 दिन पहले ही झांसी आया था। यहां पुलिया नंबर 9 पानी की टंकी के पास रहने वाले इरफान अहमद के घर पहुंचा। उसने खुद को मध्य प्रदेश के जबलपुर निवासी बताया था। कहा था- मैं CBI ऑफिसर हूं। यहां नई भर्ती कराने के लिए आया हूं। इसलिए इरफान ने उसे किराए पर कमरा दे दिया।
नमाज नहीं पढ़ने पर खुला भेद
नया किराएदार होने की वजह से इरफान का परिवार बलराज पर नजर रखे हुए था। बलराज ने एक भी दिन नमाज नहीं पढ़ी। तब इरफान ने कहा कि तुम कैसे मुसलमान हो? कोई गतिविधि तुम्हारी मुस्लिम जैसी नहीं है। उसके बाद आरोपी, वाहिद नाम का आधार कार्ड, पैन कार्ड व सीबीआई के दस्तावेज दिखाने लगा। शक होने पर इरफान ने पड़ोस में रहने वाले एक वकील को बुला लिया।
पुलिस को भी दबाव में लेने की कोशिश की
सवाल-जबाव हुए तो बलराज धमकाने लगा। शक बढ़ने पर लोगों ने प्रेमनगर पुलिस को सूचना दी। प्रेम नगर पुलिस उसे पकड़कर थाने लाई। जालसाज ने पहले पुलिस पर दबाव बनाने की कोशिश की, लेकिन जब कड़ाई से पूछताछ की गई तो वह टूट गया और हकीकत बता दी। उसने बताया कि ठगी के लिए वह फर्जी पहचान पत्र का सहारा लेता था। इसके पहले धोखाधड़ी के आरोप में भरतपुर में भी जेल जा चुका है।
300 लोगों को दे चुका था ज्वाइनिंग फार्म
एसपी ग्रामीण नैपाल सिंह का कहना है कि शुरुआती जांच में बलराज ने बताया कि उसे भर्ती के नाम पर 50 लोगों को अपने जाल में फंसाना था। इसके लिए वह 300 लोगों को ज्वाइनिंग का फार्म भी दे चुका था। वह कितनों से संपर्क में था, उसने किससे कितने पैसे लिए? इन सब सवालों पर हमारी पूछताछ अभी जारी है।
उसके पास से क्राइम ब्यूरो इन्वेस्टिगेशन ट्रस्ट की 2 डायरी, एक बुकलेट, एक व्हीकल टैग, फर्जी आधार कार्ड, पैनकार्ड, एक पेनड्राइव, मोबाइल बरामद हुआ है। पुलिस की जांच में अभी ये स्पष्ट नहीं हो पाया है कि वह अकेले काम करता था या गिरोह बनाकर इस फ्राड का अंजाम दे रहा था।
अब जानिए ठगी का तरीका
बलराज पूरी प्लानिंग के साथ ठगी करता था। खुद को सीबीआई ऑफिसर बनकर फर्जी आईडी पर किराए का मकान लेता था। आस-पास के लोगों से जान पहचान बढ़ाने के बाद बताता कि सीबीआई में लड़कों को भर्ती करना है। कमीशन का भरोसा भी देता है। ताकि अधिक से अधिक लड़के नौकरी पाने के लिए उसके झांसे में आएं। फिर भर्ती के नाम पर रुपए की डिमांड करता। भरोसा जीतने के लिए ओरिजिनल की तरह दिखने वाला फर्जी कागजात देता। जब रुपए मिल जाते हैं तो शहर छोड़कर फरार हो जाता। 3 लाख रुपए ठगे थे
पुलिस जांच में सामने सामने आया कि आरोपी नौकरी लगवाने के नाम पर भरतपुर में भी ठगी कर चुका है। वहां एक युवक से तीन लाख रुपए की ठगी की थी। सितंबर 2022 में वह पकड़ा गया था। जेल से छूटने के बाद उसने झांसी को नया ठिकाना बना लिया था।
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