उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में ‘सर तन से जुदा’ करने की झूठी सूचना देने के आरोप में डॉक्टर अरविंद वत्स ‘अकेला’ के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। सब इंस्पेक्टर लालबाबू मिश्रा ने थाना सिहानी गेट पर डॉक्टर के खिलाफ IPC सेक्शन- 195A, 505(2), 153A, 298 में FIR दर्ज कराई है। पुलिस ने इस पर छानबीन शुरू कर दी है।
डॉक्टर बोले- पुलिस ने बनाया दबाव, मैं एसपी सिटी के खिलाफ न दूं बयान
FIR दर्ज होने के बाद डॉक्टर अरविंद वत्स अकेला ने ‘दैनिक भास्कर’ को बताया, ‘रविवार देर रात करीब डेढ़ बजे मेरे घर पर 20-25 पुलिसवाले आए। उन्होंने गेट खटखटाया। मेरा 22 वर्षीय बेटे ने आवाज दी। पुलिसवाले मेरे बारे में पूछ रहे थे। बेटे ने कारण पूछा तो पुलिसवालों ने कहा कि वे मेरे से पूछताछ करने के लिए आए हैं। मैं पूछना चाहता हूं कि आधी रात को किसी के घर पर आकर कौन सी पूछताछ होती है। अगर पूछताछ करनी थी तो मेरा मोबाइल नंबर चालू था, उस पर कॉल करके भी बात हो सकती थी।’
डॉक्टर अकेला ने बताया, ‘इस दबिश के बाद मैंने सिहानी गेट थाने के इंस्पेक्टर से बातचीत की। इंस्पेक्टर का कहना था कि मैं एसपी सिटी के खिलाफ मीडिया में बयान क्यों दे रहा हूं। इंस्पेक्टर ने मुझे ये सब बयानबाजी बंद करने के लिए कहा है।’
क्या है पूरा मामला?
सिहानी गेट थाना क्षेत्र में अंबेडकर कॉलोनी निवासी डॉक्टर अरविंद वत्स अकेला लोहियानगर के पास सीताराम हृदयनाथ चिकित्सालय का संचालन करते हैं। 11 सितंबर को उन्होंने एक FIR दर्ज कराई। FIR के अनुसार, उन्हें 2 सितंबर को वॉट्सऐप पर यूएस के नंबर से थ्रेट कॉल आई। कहा- ‘तू डॉक्टर अकेला बोल रहा है। तुझे तेरा मोदी, योगी, सिंघा बचा नहीं पाएगा। जैसे कन्हैया कुमार और उमेश को भेजा है, तुझे भी वहीं भेज दूंगा। गुस्ताखे रसूल की एक ही सजा, सर तन से जुदा, सर तन से जुदा।’ डॉक्टर अरविंद के अनुसार, थ्रेट देने वाले ने उन्हें वॉट्सऐप पर तीन फोटो भेजे थे, जिसमें घुटने के नीचे का पैर कटा हुआ था।
अब पुलिस का खुलासा पढ़िए…
SP सिटी निपुण अग्रवाल ने रविवार को इस केस का खुलासा करते हुए बताया कि डॉक्टर को कोई धमकी नहीं मिली। उन्होंने सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए धमकी की झूठी खबर फैलाई। बकौल SP सिटी, डॉक्टर के पास जिस वर्चुअल (इंटरनेट) नंबर से कॉल आई, वो नंबर उन्हीं के मरीज अनीश का है। अनीश ने पैर सूजने के बारे में 2 सितंबर को डॉक्टर अकेला से वॉट्सऐप पर बात की थी और फिर पैर के फोटो भेजे थे।
SP सिटी का कहना है कि डॉक्टर ने जिन पैरों को कटा हुआ बताया, वो मरीज के सूजे हुए पैर थे। कुल मिलाकर पुलिस ने इस मामले में अनीश की कोई गलती नहीं मानी है। पूरे मामले में डॉक्टर अकेला को जिम्मेदार ठहराया है, जिन्होंने धमकी की गलत सूचना प्रचारित की। अब इसी झूठी सूचना के आरोप में डॉक्टर अकेला के विरुद्ध थाना सिहानी गेट में एक मुकदमा पंजीकृत किया गया है।
खुलासे पर डॉक्टर ने उठाए हैं सवाल
एसपी सिटी के इस खुलासे पर डॉक्टर अरविंद वत्स अकेला ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, ”मुझ पर एसपी सिटी ने जो आरोप लगाए हैं, वो पूरी तरह निराधार हैं। मैं ये साबित करना चाहता हूं कि एसपी की बात असत्य है। पुलिस ने जिस व्यक्ति को उठाया है, उससे मेरे कोई ताल्लुकात नहीं हैं। ये व्यक्ति सिर्फ पांच मिनट के लिए मेरे दोस्त के यहां मिला जरूर था। इसके अलावा मैं इसको नहीं जानता हूं। इसके फोन से जो कन्वर्सेशन हुई है, मैं पुलिस को मुहैया करा चुका हूं। अगर ये मेरा जानकार भी है तो ये मेरी हत्या करना चाहता था। ये मेरा जानकार नहीं, मेरा दुश्मन हो सकता है। अगर मेरी गलती कहीं से निकले तो ये पुलिसवाले हमें जेल न भेजें, फांसी दे दें। मुझे मंजूर है, लेकिन मुझ पर झूठा आरोप न मढ़ें।”
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