यंग भारत ब्यूरो
आधार कार्ड निर्माण विभाग की उप महानिदेशक भावना गर्ग ने बताया कि 10 साल पहले (2015 से पहले) बने आधार कार्ड को पहचान और घर के पते के प्रमाण के साथ अपडेट कराना अनिवार्य है. उन्होंने जिला प्रशासनिक परिसर में उपायुक्त हरप्रीत सिंह सूदन व विभिन्न विभागों के अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की है. जिला अनुश्रवण समिति की बैठक के दौरान जिले में 0-5 एवं 6-15 वर्ष आयु वर्ग के आधार पंजीयन की समीक्षा करने पहुंचे.
क्यूआर कोड ऐप से होगी आधार कार्ड की जांच
उप महानिदेशक आधार ने कहा कि शासकीय संस्थाओं में आधार का प्रयोग करते समय संबंधित अधिकारी जांच करें. क्यूआर कोड ऐप के माध्यम से मूल आधार / नकली की जांच करना सुनिश्चित करें. अगर क्यूआर कोड एप से जांच करने पर आधार कार्ड फर्जी पाया जाता है तो उस व्यक्ति के खिलाफ तुरंत जालसाजी का मामला दर्ज किया जाए. उन्होंने जिले में नवजात शिशुओं के आधार आधारित पंजीयन के लिए स्वास्थ्य संस्थाओं में पंजीयन की व्यवस्था करने को कहा. बैठक में उपस्थित जिला शिक्षा अधिकारियों को 6-15 वर्ष आयु वर्ग के शत-प्रतिशत पंजीयन में तेजी लाने को कहा. अगर किसी ने पहले से ही 0-5 साल की कैटेगरी में आधार रजिस्ट्रेशन कराया हुआ है तो 6-15 साल की कैटेगरी में उसका बायोमेट्रिक्स भी अपडेट किया जाए.
NRI को भरना होगा रजिस्ट्रेशन फॉर्म 23
उप महानिदेशक भावना गर्ग ने कहा कि आधार कार्ड की प्रति कार्यालय के रिकॉर्ड में दर्ज नहीं की जानी चाहिए ताकि इसका दुरुपयोग न हो सके और आधार के अंतिम चार अंक या ‘वर्चुअल आधार’ का उपयोग किया जा सके. एनआरआई के मुद्दे पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि जिन एनआरआई के पास भारतीय पासपोर्ट है, उन्हें रजिस्ट्रेशन फॉर्म 23 भरना होगा और विदेशी पासपोर्ट रखने वाले भारतीय नागरिक का पासपोर्ट कम से कम 180 तक भारत में रहने के पते के आधार पर भरना होगा. उपायुक्त हरप्रीत सिंह सूदन ने कहा कि 18 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों के आधार कार्ड बनवाने की पुलिस जांच कराई जाएगी. बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे.
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