उरई(जालौन)। झांसी कानपुर रेलखंड के 205.86 किलोमीटर रेलट्रैक का काम मंगलवार को पूरा हो गया। रेल संरक्षा आयुक्त मोहम्मद लतीफ खान ने मलासा से पामा के करीब 18 किलोमीटर रेलवे ट्रैक का निरीक्षण कर 120 की स्पीड से स्पीड ट्रायल किया। यह दूरी 11 मिनट में तय की। रेलवे अधिकारियों का है कि रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण के काम पूरा होने से अब इस रेलमार्ग की यात्रा सुगम हो जाएगी। ट्रेनों को क्रासिंग के चक्कर में खड़ा नहीं होना पड़ेगा। साथ ही ट्रेनों की स्पीड भी बढ़ जाएगी। जिससे यात्रियों की यात्रा जल्दी पूरी होगी। पूर्वांचल से मुंबई और दक्षिण भारत जाने वाले टें कि इस रेलखंड के दोहरीकरण का काम वर्ष 2010 से शुरू हुआ था। इस काम को 2020 तक पूरा होना था लेकिन यात्रियों को सहूलियत होगी। बता दें कि इस रेलखंड के दोहरीकरण का काम वर्ष 2010 से शुरू हुआ था। इस काम को 2020 तक पूरा होना था लेकिन काम देरी से चलने का कारण वर्ष 2023 में पूरा हो पाया। इस काम को करने की जिम्मेदारी रेलवे बोर्ड ने रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) को दी थी। आरवीएनएल ने इस रेलखंड को तीन चरणों में बांटकर अलग अलग कंपनियों को काम सौंपा था। इन कंपनियों ने दस चरणों में इस ट्रैक का काम पूरा किया। इस दसवे चरण का काम कानपुर की कांति इंफ्राबिल्ड प्राइवेट लिमिटेड और विष्णु शरण एंड कंस्ट्रक्शन कंपनी को सौंपा गया था। कंपनी के एमडी गौरव जैन ने बताया कि इसका काम तय समय में पूरा कर लिया गया। अधिकारियों ने इसकी सराहना भी की।
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