योगी सरकार 2.0 का दूसरा बजट आ गया है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने 1 घंटे 38 मिनट तक विधानसभा में बजट पढ़ा। यह बजट 6 लाख 90 हजार 242.43 करोड़ रुपए का है। देश के सबसे बड़े राजनीतिक सूबे का बजट आम चुनाव 2024 से करीब 14 महीने पहले आया है। ऐसे में ये बजट काफी मायने रखता है। लेकिन 46 पेज के बजट में 6 योजनाएं भी नई नहीं हैं। बस तीन से चार नई योजनाएं हैं। हां, पुराने प्रोजेक्ट्स और योजनाओं के लिए पैसे की व्यवस्था नए सिरे से की गई है।
बजट में रोजगार के लिए किसी नई वैकेंसी का ऐलान तो नहीं किया गया है, लेकिन रोजगार शब्द का करीब 25 बार इस्तेमाल हुआ है। युवा और युवाओं शब्द का इस्तेमाल 12 बार हुआ है। मतलब साफ है कि सरकार के फोकस में यूथ हैं। 2022 विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य में छुट्टे मवेशियों से छुटकारा दिलाने का वादा किया था। इसे लेकर बजट में 750 करोड़ रुपए दिए गए हैं।
1. बेरोजगारी दर घटने की बात सबसे पहले, लेकिन रोजगार को लेकर चुनिंदा बातें ही
बजट में वित्त मंत्री ने बेरोजगारी दर घटाकर 4.2% होने की बात सबसे पहले की। लेकिन डायरेक्ट वैकेंसी निकालने की एक भी बात नहीं की। हां, अलग-अलग फील्ड में रोजगार मिलने की बातें कई बार कीं। इसके साथ 5 साल 2 करोड़ टैबलेट और स्मार्टफोन बांटने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए 3600 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।
कौशल विकास मिशन के तहत पिछले सालों में 4.88 लाख युवाओं को रोजगार देने की बात कही गई है। लेकिन नई नौकरियां कितने युवाओं को मिलेगी इसका जिक्र नहीं है।
एन्क्यूबेटर्स को बढ़ावा देने और स्टार्टअप्स के लिए 100 करोड़ रुपए के सीड फंड की व्यवस्था की गई। आईटी और स्टार्टअप्स नीति के लिए 60 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई। एग्रीकल्चर एक्सीलेटर फंड के लिए 20 करोड़ रुपए दिए हैं। युवा वकीलों को पढ़ाई-लिखाई के लिए कुल 15 करोड़ रुपए दिया गया है।
2. महिलाओं के लिए नया तोहफा एक भी नहीं, बस पुरानी स्कीमें जारी रहेंगी
बजट में महिलाओं के लिए किसी नई स्कीम की घोषणा तो नहीं की गई है। लेकिन उनकी पुरानी योजानाओं का विस्तार किया गया है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के लिए 1050 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। इसमें लड़कियों को 15000 रुपए मिलते हैं।
3. इन्फ्रास्ट्रक्चर पर सबसे ज्यादा फोकस, पूर्वांचल-बुंदेलखंड के लिए अलग से पैकेज
पूरे बजट में सरकार का सबसे ज्यादा फोकस इंफ्रास्ट्रक्चर पर ही है। करीब-करीब सभी पुराने प्रोजेक्ट्स में बजट बढ़ाया है। गोरखपुर-वाराणसी जैसे शहरों में मेट्रो प्रोजेक्ट का विस्तार दिया जाएगा। कानपुर मेट्रो का भी विस्तार होगा। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे और बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के किनारे 6 जगहों पर औद्योगिक निर्माण संकुल बनाया जाएगा।
राज्य के दो पिछड़े इलाकों पूर्वांचल और बुंदेलखंड में विशेष योजना के लिए अलग से बजट जारी किया गया है। इसमें पूर्वांचल के लिए 525 करोड़ और बुंदेलखंड के लिए 600 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।
4. कानून-व्यवस्था का बखान, लेकिन नहीं कोई नया ऐलान
वित्त मंत्री ने बजट भाषण की शुरुआत शेरो-शायरी से की और इस शायर की पहली लाइन थी.. सुधर गई कानून-व्यवस्था, उद्योगों की अलख जगी है..। लेकिन बजट में कानून-व्यवस्था को लेकर सीधे तौर पर कोई बड़ी बात नहीं की। हां, अखिलेश यादव सरकार के आखिरी साल 2016 से 2022 में कानून-व्यवस्था के हालात की तुलना जरूर की गई है।
महिलाओं के खिलाफ होने वाले क्राइम के रेशियो में कमी का भी जिक्र है। पुलिस विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 1000 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। पुलिस कार्यालय और अवासीय भवनों के लिए 850 करोड़ रुपए दिया गया है।
5. चिकित्सा और स्वास्थ्य की चिंता बरकरार, मोदी के विजन को विस्तार
बजट में चिकित्सा और स्वास्थ्य से जुड़ी ज्यादातर योजनाएं प्रस्तावित हैं। बस मेडिकल कॉलेज बनाने का जिक्र है। योगी सरकार ने हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज बनाने का लक्ष्य रखा है। इस मिशन का नाम एक जनपद, एक मेडिकल कॉलेज रखा है। हर जिले में मेडिकल कॉलेज प्रधानमंत्री मोदी का विजन है। उन्होंने 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में इसका वादा भी किया था।
बजट में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के कार्यक्रमों के संचालन के लिए 12631 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है। प्रधानमंत्री आयुष्मान स्वास्थ्य भारत योजना के लिए 1655 करोड़ रुपए मिला।
6. MSME – मॉल में सामान बेचेंगे छोटे व्यापारी
नई MSME नीति के तहत MSME इकाइयों को पहली बार में 4 करोड़ रुपए तक की पूंजी उत्पादन उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था की गई है।
प्रदेश में ODOP एवं हस्तशिल्प उत्पादों के व्यापार के लिए यूनिटी मॉल बनाया जाएगा। इसके लिए बजट में 200 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। ODOP के लिए मॉल की घोषणा केंद्र सरकार के आम बजट में भी किया गया था।
7. पेयजल- हर घर साफ जल पहुंचाने के वादे पर कायम
बजट में 2023 -2024 में जल जीवन मिशन के लिए 25,350 करोड़ रुपए की बजट व्यवस्था प्रस्तावित की गई है। इसके तहत प्रदेश के सभी जिलों में स्वच्छ जल उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।
राज्य ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के तहत 188 योजनाओं को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। जिनकी लागत 455.15 करोड़ रुपए है।
8. एयरपोर्ट से राज्य की ब्रांडिंग, जेवर एयरपोर्ट पर 5 रनवे होंगे
सरकार एयरपोर्ट के जरिए लगातार यूपी की ब्रांडिंग कर रही है। ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में एयरपोर्ट्स का जिक्र हुआ है। इस बजट में भी एयरपोर्ट्स का जिक्र किया गया। हालांकि इसमें नई घोषणा कोई नहीं है। वित्त मंत्री ने कहा कि आने वाले सालों में राज्य में 5 इंटरनेशनल और 16 घरेलू एयरपोर्ट होंगे। जेवर एयरपोर्ट में 2 रनवे की 5 रनवे बनाए जाएंगे। अब तक 4 एयरपोर्ट्स का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, इसके साथ 6 एयरपोर्ट्स (अलीगढ़, आजमगढ़, मुरादाबाद, श्रावरती, चित्रकूट तथा सोनभद्र) का निर्माण कार्य जारी है।
9. बिजली- निजी नलकूप उपभोक्ताओं के बिजली बिल में अब 100% छूट
2017 के यूपी चुनाव में बिजली सबसे बड़ा मुद्दा था। आज भी ये मुद्दा यूपी में कायम है। इस बजट में भी सरकार ने बिजली के रोस्टर की बात सदन के पटल पर रखी। बताया कि वर्तमान में जिला मुख्यालय पर 24 घंटे तहसील मुख्यालय पर 20 से 22 घंटे और गांवों को 18 से 20 घंटे बिजली देने का रोस्टर है।
वित्त मंत्री ने बताया कि 2022-2023 में निजी नलकूप उपभोक्ताओं के बिजली बिल में 50 प्रतिशत की छूट दी जाती थी, जिसे 2023- 2024 में बढ़ाकर 100 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके लिए 1500 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है।
बुंदेलखंड में केन्द्र सरकार और जर्मनी की संस्था KFW की सहायता से ग्रीन इनर्जी कॉरीडोर- ॥ बनाया जाएगा। इस परियोजना के निर्माण के लिए 1554 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है। इसे तीन साल में पूरा कर लिया जाएगा।
नई सौर ऊर्जा नीति के लिए 317 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। इसके तहत अगले 5 सालों में 22000 मेगावट विद्युत उत्पादन क्षमता का लक्ष्य रखा गया है। सरकारी एवं निजी भवनों पर 6000 मेगावॉट क्षमता के सोलर रूफटॉप संयंत्र स्थापित की जाएगी।
10. आवारा पशुओं, गौशालाओं, तीर्थ स्थलों के विकास की बातें बेशुमार
- आवारा पशुओं की समस्या को खत्म करने के लिए 750 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। राज्य में 17000 किसान पाठशालाएं खोली जाएंगी।
- कान्हा गौशाला एवं बेसहारा पशु आश्रय योजना के तहत गौशालाओं के निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित है।
- गौ संरक्षण केंद्रों की स्थापना के लिए 120 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।
- होल सेल फिश मार्केट बनाने के लिए 257 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।
- मेरठ, बांदा, कानपुर और अयोध्या में कृषि विश्वविद्यालयों के 35 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।
- देवीपाटन में मां पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए 50 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।
- महात्मा बुद्ध कृषि प्रोद्योगिक विश्वविद्यालय, कुशीनगर के लिए 50 करोड़ रुपए दिया गया है।
- दुग्ध संघों को दोबारा बनाने के लिए 86 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।
- मां शाकुम्भरी देवी मंदिर के पर्यटन विकास के लिए 50 करोड़ रुपए, बौद्ध सर्किट के लिए 40 करोड़ रुपए, शुकतीर्थ धार्म के विकास के लिए 10 करोड़ रुपए, नैमिषारण्य धाम तीर्थ विकास परिषद के लिए 2.50 करोड़ रुपए जारी किया गया है।
- वाराणसी और अन्य शहरों में रोप-वे सेवा के विकास के लिए 150 करोड़ रुपए की व्यवस्था की जाएगी।