परिवार नियोजन सेवाओं में बढ़ोतरी के लिए सामूहिक प्रयास की जरूरत
उरई(जालौन)। स्वास्थ्य विभाग की ओर से पीएसआई इंडिया के सहयोग से शहरी स्वास्थ्य समन्वय समिति और परिवार नियोजन कार्यक्रम समीक्षा बैठक का आयोजन मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय परिसर स्थित अचल प्रशिक्षण केंद्र में किया गया। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरसीएच डॉ वीरेंद्र सिंह ने बताया कि जो भी कार्यक्रम चलाए जा रहे है। उनका अलग अलग प्लान बनाकर काम किया जाए। जिससे स्वास्थ्य संबंधी योजनाएं अलग अलग दिखाई देगी और उनकी गुणवत्ता में भी सुधार आएगा। सभी कार्यक्रम स्वास्थ्य इकाइयों को दुरुस्त रखा जाए ताकि जिला स्तर पर उनकी प्रोफाइलिंग ठीक रहे।अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी परिवार कल्याण डॉ एसडी चौधरी ने बताया कि प्रसव के बाद परिवार नियोजन सेवाओं में बढ़ोतरी के लिए सामूहिक प्रयास करने की जरूरत है। जो महिलाए प्रसव के लिए आ रही है। उन्हें उचित परामर्श देकर कोई न कोई परिवार नियोजन सेवा से जोड़ने का प्रयास किया जाए। यह काम प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) के दौरान ही आशा कार्यकर्ता को शुरू कर देना चाहिए। जिससे प्रसव के बाद उन्हें परेशानी न हो। दूसरे बच्चे में तीन साल का अंतराल रखने में महिला के साथ साथ स्वास्थ्य कर्मी भी जिम्मेदारी निभाएं। जिला कार्यक्रम समन्वयक एनएचएम डॉ प्रेमप्रताप ने बताया कि स्टाफ नर्स की बैठक में प्रसव के बाद परिवार नियोजन सेवाओं को बढ़ावा देने के बारे में चर्चा की जाए। इससे यह काम ठीक से हो सके। स्टाफ नर्स को संवेदीकरण करने की जरूरत है। पीएसआई इंडिया की राज्य प्रतिनिधि ईप्शा सिंह ने बताया कि महिला एवं शिशु स्वास्थ्य के लिए दो बच्चों के बीच तीन साल का अंतर रखना जरूरी है। इस काम के लिए लगातार अभियान चलाने की जरूरत है। महिला के साथ उसके परिवारीजनों को भी परिवार नियोजन का परामर्श देना चाहिए। जिन केंद्रों पर प्रसव सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही है। उनकी स्टाफ नर्स और एएनएम को ज्यादा संवेदीकरण की आवश्यकता है। बैठक में ईओ नगर पालिका विमलापति, डीसीपीएम डॉ धर्मेंद्र कुमार, डॉ अरुण कुमार, डॉ जितेंद्र कुमार, डॉ गोपालजी, डॉ विष्णु राजपूत, डॉ एमसी वाजपेयी, अरविंद सिंह, ब्रजकिशोर, डॉ आशीष कुमार झा, चोब सिंह आदि मौजूद रहे।
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