प्रयागराज: बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल को आज धूमनगंज में गोली मार दी गई। यह सनसनीखेज वारदात तब हुई जब वह अपने गनर के साथ क्रेटा कार में जा रहे थे। जब वह जयंतीपुर से सुलेम सराय में जीटी रोड पर आ रहे थे उसी वक्त बाइक से आए शूटरों ने ताबड़तोड़ फायर किया। दो गनर भी गोली लगने से घायल हुए हैं। उमेश पाल को गंभीर हालत में स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है। यहां पुलिस के आला अधिकारी पहुंच गए हैं। धूमनगंज में स्थिति तनावपूर्ण है।
मुकदमे का दो महीने में पूरा करने का दिया है आदेश
माफिया अतीक अहमद के खिलाफ उमेश पाल ने हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लगातार पैरवी की। उमेश पाल ने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के खिलाफ धमकाने और अपहरण का मुकदमा भी लिखाया था। कुछ दिन पहले ही हाई कोर्ट ने राजू पाल हत्याकांड के मुकदमे का ट्रायल दो महीने में पूरा करने का आदेश सुनाया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता भी थे उमेश पाल
राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह होने के साथ ही इलाहाबाद हाई कोर्ट के अधिवक्ता भी थे। वह राजू पाल हत्याकांड से जुड़े मामलों में खुद ही पैरवी कर रहे थे। बसपा विधायक राजू पाल की 25 जनवरी 2005 में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी।
विधायक राजू पाल हत्याकांड की कहानी, याद कर आज भी सिहर उठते हैं लोग
गणतंत्र दिवस से ठीक एक दिन पहले 25 जनवरी 2005 को एक ऐसा हत्याकांड हुआ जिसके विरोध की राख कई दिनों तक सुलगती रही। प्रदेश की राजनीति में भी उबाल लाने वाला यह हत्याकांड प्रयागराज में हुआ था। शहर पश्चिमी के तत्कालीन नवनिर्वाचित बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के नवनिर्वाचित विधायक राजू पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। राजू पाल के साथ ही दो अन्य भी गोलियों से मौत की नींद सो गए थे। इस हत्याकांड को फिल्मी स्टाइल में अंजाम दिया गया था।
बसपा विधायक राजू पाल की फिल्मी स्टाइल में हत्या हुई थी
25 जनवरी 2005 के दिन गणतंत्र दिवस के एक दिन पूर्व तैयारियों में लोग जुटे थे। बाजारों में आवाजाही थी, लोग अपने काम-धंधे में व्यस्त थे। दोपहर के करीब तीन बजे रहे थे। शहर पश्चिमी के बसपा के नवनिर्वाचित विधायक राजू पाल एसआरएन अस्पताल (एसआरएन हास्पिटल) से वापस आ रहे थे। वह क्वालिस वाहन में सवार थे व दूसरे वाहन में उनका चालक महेंद्र, ओमप्रकाश व अन्य तीन लोग सवार थे। राजू पाल ही वाहन चला रहे थे। इसी वाहन में संदीप यादव और देवीलाल भी सवार थे। सुलेमसराय इलाके में राजू पाल के वाहन से एक वाहन आगे निकला। उसमें सवार लोग अचानक गोलियां चलाने लगे। उन्हें इतनी गोली मारी गई कि वाहन में ही उनका शरीर छलनी हो चुका था। राजू पाल के साथ के दूसरे वाहनों पर भी गोलियां बरसाने के बाद हमलावर फरार हो गए।
बवाल, हंगामा व आगजनी से कांप उठे थे शहरवासी
विधायक को गोली मारने की घटना जंगल में आग की तरह फैल गई। कुछ ही देर में वहां पुलिस अधिकारी पहुंचे और राजू पाल को तत्काल अस्पताल ले गए। वहां उनके शरीर से करीब डेढ़ दर्जन गोली निकाली गई। उनकी गाड़ी में बैठे संदीप यादव और देवीलाल की भी मौत हो गई। पोस्टमार्टम के बाद रातोंरात शव के अंतिम संस्कार का आरोप लगा। इस हत्याकांड से लोग आक्रोशित हो उठे थे। इसके बाद तो मानो शहर जल उठा। राजू पाल की हत्या के बाद कई दिनों तक शहर में बवाल, हंगामा और आगजनी की घटनाएं हुईं। दिनदहाड़े हुए इस सनसनीखेज हत्याकांड ने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया था।
अतीक अहमद व भाई अशरफ पर दर्ज कराया था केस
जी हां उस समय के अतीक अहमद का प्रयागराज में काफी बड़ा रुतबा था। राजूपाल ने अतीक के गढ़ में यानी शहर पश्चिमी के विधान सभा चुनाव में विजयश्री हासिल की। बसपा के टिकट पर चुनाव लड़कर राजू पाल ने अतीक अहमद के भाई अशरफ को चुनाव में हराया था। अतीक अहमद 2004 में फूलपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने गए थे। राजू पाल की हत्या का कारण राजनीतिक प्रतिद्वंदिता बताया गया। राजू पाल की हत्या के मामले में उनकी पत्नी पूजा ने तत्कालीन सांसद अतीक अहमद, उनके भाई अशरफ व तीन अन्य के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज कराया था।
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