डीएफओ, रेंजर, सिटी मजिस्ट्रेट होते हुए नहीं मिल सकी मजदूरों मजदूरी
शनिवार को भी भूखे-प्यासे कलेक्ट्रेट में जमा दर्जनों मजदूर
उरई(जालौन)। कालपी के जंगल में वनविभाग की नर्सरी में काम करने के लिए कालपी वनविभाग रेंजर ने नर्सरी में लगाया था जिसने दो माह की मजदूरी का पैसा नहीं दिया और भगा दिया।
आज शनिवार को दो दिन गुजर जाने के बाद भी मौके पर पहुंचे डीएफओ, कालपी क्षेत्र के रेंजर, सिटी मजिस्ट्रेट, क्षेत्राधिकारी नगर, कोतवाल भारी पुलिस फोर्स के साथ मौजूद रहे।जिन्होंने मजदूरों और वन विभाग के अधिकारियों के बीच आपस में समझौता करवाने का बहुत प्रयास किया मगर कम मजदूरी देने की बजह से देर शाम तक समझौता नहीं हो सका। बताते चले कि उक्त पुरुष और महिला मजदूर कटनी मध्यप्रदेश की रहने वाली है।कलेक्ट्रेट परिसर में डेरा डाले बैठी महिलाओं पूजा बाई, पुष्पा बाई, अमूल, महेंद्र, सीमा, खुशबू, राजू, रवि, रामलाल, राजा, राजकुमार ने बताया कि लोग और उनके छोटे-छोटे बच्चे भूखे प्यासे है। उन्होंने बताया कि कालपी के वन विभाग की नर्सरी में 400 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी पर रखा गया जिस काम के लिए 41 मजदूर लगे थे जिनका पैसा विभाग के द्वारा नहीं दिया गया।मजदूरों का कहना कि विभाग के अधिकारी दो माह की मजदूरी नहीं दे रहे है जबकि मजदूरी का पैसा दो माह का बीस लाख रुपये के लगभग होता है जिसमें मात्र विभाग द्वारा दो लाख रुपये दिये जाने की बात कही जा रही है।कलेक्ट्रेट में बैठे मजदूरों का कहना है कि जबतक मजदूरी का पूरा भुगतान विभाग द्वारा नहीं किया जायेगा तब तक हम लोग डटे रहेंगे।
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