लखनऊ: राजधानी में शब-ए-बारात मंगलवार को मनाया जाएगा। इससे पहले कब्रिस्तानों में सफाई और कब्रों की मरम्मत का दौर भी तेजी से चला। शब-ए-बारात पर सभी कब्रिस्तानों में रोशनी की जाएगी। इसके साथ मस्जिदों और इबादतगाहों को भी लाइटों से सजाया जाएगा। इस दिन लोग अपने रिश्तेदारों और अजीजों की कब्रों पर जाएंगे और कब्रों को फूलों से सजाकर चिराग से रोशन कर कुराने पाक की तिलावत करेंगे।
शब-ए-बारात के दिन ही कई जगह होली मनाई जाएगी और रंग भी खेला जाएगा। ऐसे में इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने अडवाइजरी जारी कर लोगों को मरहूम रिश्तेदारों की कब्र पर शाम पांच बजे के बाद ही जाने की सलाह दी है। इसके साथ रात में आतिशबाजी न करने की अपील की है।
जानकारी के मुताबिक, तालकटोरा कब्रिस्तान में करीब 10,000, चौक स्थित इमामबाड़ा गुफरानमाब में करीब 3,000 और राजाजीपुरम स्थित कर्बला इमदाद हुसैन खां स्थित कब्रिस्तान में 4,000 कब्रें हैं। इसी तरह निशातगंज कब्रिस्तान, माल एवेन्यू स्थित दादा मियां दरगाह, आलमनगर कब्रिस्तान, काला पहाड़ कब्रिस्तान, टीले वाली मस्जिद, कर्बला मल्का जहां, इमामबाड़ा आगा बाकर समेत कई कब्रिस्तानों में एक दिन पहले तक मरम्मत कार्य तेजी से होता रहा।
कई लोगों ने कब्रों पर चूना पुतवाया तो किसी ने पक्की कब्र बनवाई। शब-ए-बारात के दिन लोग आतिशबाजी भी करते हैं। इस बीच कब्रिस्तान कमिटियों ने भी शब-ए-बारात के लिए तैयारियों को अंतिम रूप दिया। इस्लामी कैलेंडर के मुताबिक शाबान माह की 14 तारीख को शब-ए-बारात का पर्व मनाया जाता है।
खतीब-ए-इन्केलाब के मौलाना अब्बास इरशाद नकवी ने कहा कि शब-ए-बारात का मतलब छुटकारे की रात से है। जो दुनिया से जा चुके हैं, उनके नाम से नज्र दिलाई जाती है और गरीबों को खाना खिलाया जाता है। इस्लाम मजहब में इस रात इबादत का सवाब कई गुना ज्यादा है।
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