यंग भारत ब्यूरो
नेपाली कांग्रेस के रामचंद्र पौडेल नेपाल के राष्ट्रपति चुने गए हैं. राष्ट्रपति चुनाव में वह प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल ‘प्रचंड’ के नेतृत्व वाले आठ-दलीय गठबंधन के समर्थित उम्मीदवार थे. उन्होंने मुकाबले में प्रतिद्वंद्वी सुभाष चंद्र नेम्बवांग को बड़े अंतर से हराया.
नेपाल चुनाव आयुक्त ने गुरुवार को चुनाव नतीजे के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि राम चंद्र पौडेल ने 33,802 चुनावी वोट हासिल किए, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी सुभाष चंद्र नेम्बवांग (69) को 15,518 वोटों से संतोष करना पड़ा है. पौडेल को नेपाली कांग्रेस और सीपीएन (माओवादी सेंटर) सहित 8 दलों के गठबंधन के 214 सांसदों और 352 प्रांतीय विधानसभा सदस्यों के वोट मिले. इस चुनाव में शुरू से ही पौडेल का पलड़ा भारी माना जा रहा था, क्योंकि उन्हें सत्ता समर्थित 8 दलों का समर्थन हासिल था.
‘प्रचंड’ की अगुवाई वाला गठबंधन पड़ा भारी
पौडेल को राष्ट्रपति पद के चुनाव में समर्थन देने को लेकर पनपे राजनीतिक विवाद के बाद पूर्व प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा के नेतृत्व वाली सीपीएन-यूएमएल ने मौजूदा सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था. सीपीएन-यूएमएल नेपाल की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है. नेमबांग कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनिफाइड मार्क्सिस्ट लेनिनिस्ट (सीपीएन-यूएमएल) की ओर से ही राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार थे. नेमबांग पौडेल जितना समर्थन हासिल नहीं कर पाए और ‘प्रचंड’ की अगुवाई वाला गठबंधन भारी पड़ गया.
साहित्य में किया एम, डिप्टी पीएम भी रह चुके
नेपाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पौडेल 78 साल के हैं. उनका जन्म सितंबर 1944 में हुआ था. वह बरसों से नेपाल की सियासत में सक्रिय हैं. 2022 के आम चुनावों में उन्हें संसद सदस्य के रूप में चुना गया था. साथ ही उन्होंने नेपाल में उप प्रधान मंत्री और प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है. वह मूलत: नेपाली ही हैं. उन्होंने अपनी पढ़ाई त्रिभुवन यूनिवर्सिटी से पूरी की थी. साहित्य में एमए किया. चार बहनों के वह इकलौते भाई हैं.
शेर बहादुर देउबा ने दीं जीत की बधाइयां
पौडेल के राष्ट्रपति चुने जाने पर नेपाली कांग्रेस के प्रमुख शेर बहादुर देउबा ने ट्वीट कर उन्हें बधाई दी है. शेर बहादुर देउबा ने गुरुवार शाम को ट्वीट किया, ‘मेरे मित्र राम चंद्र पौडेल को राष्ट्रपति चुने जाने पर हार्दिक बधाई. चुनाव के लिए पौडेल (78) और नेमबांग (69) ने पिछले महीने पर्चे भरे थे. चुनाव आयोग ने मतदान नेपाल के नया बनेश्वर स्थित संसद भवन में कराया गया था.
इसी माह समाप्त हो रहा मौजूदा कार्यकाल
नेपाल के संविधान के मुताबिक, राष्ट्रपति के कार्यकाल की अवधि निर्वाचन की तारीख से 5 वर्ष होगी और एक व्यक्ति को इस पद पर केवल दो कार्यकाल के लिए ही चुना जा सकता है. नेपाल की मौजूदा राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी का कार्यकाल 12 मार्च को खत्म होगा. नेपाल की सियासत के जानकारों का कहना है कि देश में राष्ट्रपति का पद काफी हद तक औपचारिक है, लेकिन संविधान प्रदत्त विवेकाधीन शक्तियों के कारण नेपाल के राजनीतिक दलों में हाल के दिनों में इस पद के लिए रुचि खासा बढ़ गई थी.
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