फर्रुखाबाद: प्रदेश की विभिन्न जेलों से 62 कुख्यात बंदियों को प्रशासनिक आधार पर फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में स्थानांतरित किया गया है। जिनको उनकी संवेदनशीलता के आधार पर हाई सिक्योरिटी मीडियम सिक्योरिटी और आइसोलेशन सेल में रखा गया है। अति संवेदनशील बंदियों की सीसी कैमरों से 24 घंटे निगरानी की जा रही है। संवेदनशील व अति संवेदनशील बंदियों की मुलाकात के लिए मंगलवार व शुक्रवार के दिन भी निर्धारित कर दिए गए हैं। हालांकि सेंट्रल जेल फिलहाल स्टाफ की कमी की समस्या से जूझ रही है.
बांदा जेल में हुई घटना के बाद शासन की ओर से विभिन्न जेलों में निरुद्ध संवेदनशील बंदियों की सुरक्षा की नए सिरे से समीक्षा की गई। इसी क्रम में प्रदेश की विभिन्न जेलों से 62 बंदियों को प्रशासनिक आधार पर फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में स्थानांतरित किया गया है।
इनको संवेदनशीलता के आधार पर हाई सिक्योरिटी, मीडियम सिक्योरिटी और आइसोलेशन सेल रखा गया है। अति संवेदनशील बंदियों की सीसी कैमरों से 24 घंटे निगरानी की जा रही है। उनसे मिलने आने वालों की मुलाकात कड़ी जांच के बाद कराई जाएगी और इसका विवरण भी ”प्रिजन साफ्टवेयर” पर अपलोड किया जाएगा।
मुलाकात के नियमों में किया गया परिवर्तन
जेल में मुलाकात के नियमों में परिवर्तन किया गया है। सामान्य बंदियों की मुलाकात 15 दिन में दो बार कराने का नियम लागू किया गया है। वहीं संवेदनशील व हाई सिक्योरिटी बंदियों की मुलाकात केवल मंगलवार व शुक्रवार को ही होगी। इन बंदियों को अपने संभावित मुलाकातियों की सूची उपलब्ध करानी होगी। बंदियों की ओर से उपलब्ध कराई गई सूची में शामिल व्यक्तियों से ही मुलाकात कराई जाएगी। रविवार को मुलाकात बंदियों से मुलाकात पूरी तरह बंद रहेगी।
स्टाफ की कमी से जूझ रही सेंट्रल जेल
फतेहगढ़ सेंट्रल जेल फिलहाल स्टाफ की कमी से जूझ रही है। इसमें वरिष्ठ अधीक्षक व अधीक्षक के एक-एक पद के अलावा जेलर के तीन व डिप्टी जेलर के 12 पद स्वीकृत हैं। इसके सापेक्ष वर्तमान में अधीक्षक व एक जेलर का पद रिक्त चल रहा है। मात्र चार ही डिप्टी जेलर मौजूद हैं। वार्डर व हेड वार्डर के भी लगभग 30 प्रतिशत पद रिक्त चल रहे हैं।
वर्तमान में केंद्रीय कारागार में हैं लगभग 1100 बंदी
केंद्रीय कारागार के वरिष्ठ अधीक्षक पीएन पांडेय ने बताया कि वर्तमान में लगभग 1100 बंदी हैं। जेल में उपलब्ध नियतन और उसके सापेक्ष तैनाती का पूरा विवरण आनलाइन रहता है। मांगे जाने पर इसका विवरण शासन को अलग से उपलब्ध भी कराया जाता है। उपलब्ध स्टाफ से ही बेहतर सुरक्षा व्यवस्था तैयार की गई है। जेल गेट पर पीएसी की तैनाती है।
सुभाष ठाकुर एक वर्ष से बीएचयू के अस्पताल में
प्रदेश के टाप टेन संवेदनशील बंदियों में चिह्नित और केंद्रीय कारागार फतेहगढ़ में निरुद्ध सुभाष ठाकुर का विगत लगभग एक वर्ष से बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के अस्पताल में इलाज चल रहा है। केंद्रीय कारागार के वरिष्ठ अधीक्षक बताते हैं कि समय-समय पर अस्पताल से पत्राचार किया जाता है। अस्पताल के मेडिकल बोर्ड की ओर से फिलहाल उनके पूर्ण स्वस्थ न होने और इलाज जारी होने की सूचना दी गई है।
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