उरई(जालौन)। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नरेंद्र देव शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा संचालित राष्ट्रीय आपता निवारण कार्यक्रम के अन्तर्गत हर वर्ष की भाँति इस वर्ष मी दिनांक 12 से 18 मार्च 2003 तक बर्ड ग्लूकोमा वीक मानाया जा रहा है। इस वर्ष ग्लूकोमा सप्ताह की थीम “अदृश्य ग्लूकोमा को हराये है। इस ग्लूकोमा वीक में मुख्य रूप से निम्न विषयो पर विशेष बल / समायोजन कर मनाया जाता है जिसने प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से ग्लूकोमा रोग सबलबाय / कालामोतिया की रोकथाम हेतु प्रचार-प्रसार किया जा रहा है ताकि उस रोग का प्रारम्भिक स्टेज में ही पता लगाकर ससमय समुचित इलाज कर ‘अंधता से बचाया जा सकता है।
ग्लूकोमा की पहचान एवं इलाज से सम्बंधित जानकारी एवं इसके सम्बंध में सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नोत्तर को स्थानीय रेडियो एवं टीवी स्टेशनों के सहयोग से प्रसारित कराया जाना है। ठीक हो सकने वाली अन्ता से प्रसित मरीजों को जनपद / क्षेत्र में उपलब्ध उच्चस्तरीय उपचार सुविधायें प्रदान किये जाने हेतु नेत्र उपचार में लगे सरकारी संस्थानों, एनजीओ नेत्र चिकित्सालयों तथा प्राईवेट चिकित्सलयों के मध्य सामन्जस्य स्थापित करते हुए ग्लूकोमा की पहचान, संदर्भन, उपचार में सहयोग एवं फीका हेतु छांटे को स्थापित करना। जनपद में नेत्र उपचार में लगे एनजीओ संस्थानों एवं चिकित्सालयों को ग्लूकोमा हेतु गतिमान करना। इस गतिविधि के प्रचार-प्रसार हेतु स्कूलों में रैली पदयात्रा, दौड, चित्रकला प्रतियोगितायें एवं गतिविधियां करना। जनपद / ब्लॉक एग स्थानीय (ग्रामीण स्तर पर आशा कार्यकर्ताओं के मध्य चाट्स ऐप ग्रुप बनाकर ग्लूकोमा सम्बंधी जानकारी एवं उपचार का तल से चोटी तक प्रसार करना।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एनडी शर्मा ने सभी सीएचसी पीएचसी के प्रभारी अधिकारियों को 12 से 18 मार्च 2023 के मध्य नेत्र परीक्षण कैम्प आयोजित कर ज्यादा से ज्यादा व्यक्तियों की ग्लूकोमा के लिए स्कोर्निंग करने के निर्देश दिये गये है। जिला नेत्र चिकित्सालयों/ सानुवस्वा० योन्द्रों/प्राणस्वा० केन्द्रों पर नेत्र परीक्षण कैम्प आयोजित कर ग्लूकोमा के मरीजों को चिन्हित कर ग्लूकोमा मैनेजमेंट एवं अग्रिम इलाज हेतु चयनित मरीजों को मेडिकल कालेज / चिकित्सीय संस्थानो / जिला नेत्र चिकित्सालय एवं चुने हुए एनजीओ चिकित्सालयों में ग्लूकोमा रोग का इलाज किया जा रहा है।