गोरखपुर में एक बेटे ने अपने पिता की हत्या कर दी। पहले पिता के सिर पर सिलबट्टे से हमला कर उन्हें मार डाला। फिर चाकू और आरी से गर्दन काटकर सिर धड़ से अलग कर दिया। इसके बाद शव के टुकड़े सूटकेस में भरकर घर के पीछे फेंक दिया। घटना तिवारीपुर इलाके के सूर्यकुंड में शनिवार देर रात की है।
मर्डर की वजह सिर्फ इतनी है कि आरोपी प्रिंस ने डेढ़ साल पहले इंडसइंड बैंक से फाइनेंस कराकर हीरो स्प्लेंडर बाइक खरीदी थी। बैंक की 6 महीने से अधिक की EMI बाकी है। क्योंकि, 4 महीने पहले उसने 40 हजार रुपए में अपने पड़ोसी को बाइक गिरवी रख दी थी। इसका पता चलने पर पिता नाराज हो गए थे और उन्होंने बैंक की EMI देना बंद कर दी थी। साथ ही वह बाइक छुड़ाने के लिए भी रुपए नहीं दे रहे थे।
छोटे भाई को खून देख कर हुआ शक
पिता की हत्या कर उनका शव ले जाते वक्त आरोपी का छोटा भाई घर पहुंच गया। लेकिन, आरोपी ने उसे घर के अंदर भेजकर बाहर से दरवाजा लॉक कर दिया और शव को ठिकाने लगा दिया। मगर, घर पहुंचते ही खून के धब्बे देख कर छोटा भाई चौंक गया। पिता और दादी के बारे में पूछने पर आरोपी बड़े भाई ने बताया, ”दादी चाचा के घर गई हैं। जबकि, पिता का कुछ पता नहीं है।” इस पर छोटे भाई को शक हुआ और उसने इसकी सूचना पुलिस को दी।
आरोपी बोला- पिता ने नहीं दिए थे रुपए
इसके बाद पुलिस ने आरोपी बेटे को हिरासत में ले लिया। पहले तो आरोपी पुलिस को पूरी रात घुमाता रहा। लेकिन, जब पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ किया तो वह टूट गया। उसने सच कबूल दिया कि अपने पिता की हत्या की है। उसकी निशानदेही पर घर के पीछे एक नाले के पास से पुलिस ने शव बरामद कर लिया। पुलिस की पूछताछ में बेटे ने कबूल किया है कि उसने पिता से रुपए मांगे थे। लेकिन, उन्होंने देने से इनकार कर दिया। इसके बाद उसने अपने पिता की हत्या कर दी।
किराने की दुकान चलाते थे बुजुर्ग पिता
तिवारीपुर इलाके के सूर्यकुंड निवासी मधुर मुरली गुप्ता (62) की पत्नी की काफी पहले मौत हो चुकी है। परिवार में उनकी मां हीरामणि देवी और दो बेटे रहते हैं। बड़ा बेटा प्रिंस कुमार गुप्ता उर्फ संतोष (35) है। जबकि, छोटा बेटा प्रशांत गुप्ता है। घर के नीचे ही मधुर मुरली किराने की दुकान चलाते थे। जबकि, दो दुकानें उन्होंने किराए पर दे रखी थीं। उनका बड़ा बेटा प्रिंस उर्फ संतोष कोई काम नहीं करता है। वह घर में ही रहता है। जबकि, छोटा बेटा प्रशांत भालोटिया मार्केट स्थित एक सर्जिकल शॉप पर प्राइवेट नौकरी करता है।
किश्त जमा नहीं करने पर बैंक ने खींच ली थी बाइक
हत्या के आरोपी के छोटे भाई प्रशांत ने बताया, ”प्रिंस इन दिनों काफी कर्ज में डूबा था। उसने फाइनेंस कराकर एक बाइक खरीदी थी। वह बाइक की EMI भी नहीं जमा कर पा रहा था। जिसकी वजह से कुछ दिन पहले बैंक वालों ने बाइक वापस ले ली थी। इसे लेकर वह काफी परेशान चल रहा था। प्रिंस बाइक छुड़ाने के लिए पिता से रुपए मांग रहा था। लेकिन, पिता ने रुपए देने से इनकार कर दिया था।”
होली के पहले बेटे को लेकर मायके चली गई थी पत्नी
होली से पहले प्रिंस का इसी बात को लेकर अपनी पत्नी से भी झगड़ा हुआ था। इसके बाद उसकी पत्नी अपने 5 साल के बेटे को लेकर शाहपुर इलाके के रामजानकीनगर स्थित अपने मायके चली गई थी। शनिवार को छोटा भाई अपने काम पर चला गया। घर में सिर्फ पिता मधुर मुरली गुप्ता, दादी हीरामणि देवी और प्रिंस थे।
बाइक छुड़ाने के लिए पिता से रुपए मांग रहा था प्रिंस
दादी ने बताया, ”पूरे दिन प्रिंस रुपए को लेकर अपने पिता से झगड़ा कर रहा था। घर में काफी टेंशन हो गई थी। प्रिंस ने शाम को खुद मुझसे कहा कि दादी आप कुछ देर के लिए चाचा के घर चली जाओ। आपका मन बहल जाएगा। मैं भी उसकी बातों में आ गई और अपने छोटे बेटे के घर चली गई। इस बीच देर शाम मधुर मुरली घर में पूजा कर रहे थे। तभी प्रिंस घर में मसाला पीसने वाला सील का बट्टा लेकर आया और पीछे से उनके सिर पर वार कर दिया।”
चाकू से नहीं कटी गर्दन तो आरी से काटा
पुलिस के अनुसार, सिर पर चोट लगते ही प्रिंस के पिता बेहोश हो गए। उनके सिर से खून बहने लगा। इसके बाद प्रिंस सब्जी काटने वाला चाकू उठा लाया और पिता की गर्दन काटने लगा। चाकू तेज नहीं होने की वजह से मुड़ गया। इसके बाद प्रिंस घर में रखा आरी ब्लेड लेकर आया और उससे पिता की गर्दन काटकर अलग कर दी।
सूटकेस में भरकर ले गया पिता का शव
पिता का सिर धड़ से अलग करने के बाद प्रिंस ने अपने छोटे भाई का सूटकेस लिया। उसमें रखे सभी कपड़े निकालकर फेंक दिए और फिर पिता की लाश सूटकेस में भरने लगा। लेकिन, सूटकेस छोटा होने की वजह से शव उसमें पैक नहीं हो सका। ऐसे में उसने शव सूटकेस में भरने के बाद उसे चादर में बांध दिया और फिर उसे खींचकर नीचे ले गया। नीचे पहुंचकर अभी वह रिक्शा ढूंढ रहा था, तभी उसका छोटा भाई प्रशांत भी घर पहुंच गया।
मगर, प्रिंस ने उसे ऊपर जाने को कहा और छोटे भाई के अंदर जाते ही घर का दरवाजा बाहर से लॉक कर पिता का शव लेकर ठिकाने लगाने चला गया। प्रशांत जब घर के अंदर पहुंचा, तो उसे पूरे घर में खून के धब्बे दिखे। इस पर वह शोर मचाने लगा। इसी बीच थोड़ी देर बाद पिता का शव ठिकाने लगाकर प्रिंस भी लौट आया। पूछने पर उसने बताया, दादी चाचा के घर गई हैं। लेकिन, पिताजी का पता नहीं है। छोटे भाई को कुछ शक हुआ और उसने इसकी सूचना पुलिस को दे दी। SP सिटी, कृष्ण कुमार विश्नोई का कहना है कि पुलिस ने आरोपी प्रिंस को गिरफ्तार कर लिया है। उसकी निशानदेही पर पिता का शव भी बरामद कर लिया गया है।
चंदा लगाकर मोहल्ले वालों ने किया अंतिम संस्कार
देर शाम में बुजुर्ग के शव का पोस्टमॉर्टम हो गया। लेकिन, परिवार के पास अंतिम संस्कार के लिए भी पैसे नहीं थे। आरोपी के छोटे भाई ने अपनी जेब से लेकर पूरा घर खंगाल डाला, तो सिर्फ 800 रुपए ही इकट्ठा हो पाए। ऐसे में दरवाजे पर रखी लाश के अंतिम संस्कार का भी संकट खड़ा हो गया।
मोहल्ले के लोगों को जब इसका पता चला, तो उन्होंने चंदा जुटाना शुरू किया। साथ ही पड़ोस में रहने वाले मृतक के भाई को आगे आने को कहा। लेकिन, मृतक के बेटे प्रशांत के मुताबिक, उसके चाचा ने महज एक हजार रुपए चंदा देकर अंतिम संस्कार करने से किनारा कर लिया। हालांकि, मोहल्ले के लोगों ने सभी के सहयोग से चंदा जुटा लिया। जिसके बाद देर शाम राजघाट पर बुजुर्ग का अंतिम संस्कार हुआ।
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