उरई(जालौन)। जिलाधिकारी चाँदनी सिंह की अध्यक्षता में लू-प्रकोप से निपटने की रणनीति को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय में संबंधित अधिकारियों को हीटवेव प्रबंधन हेतु बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश दिये। उन्होने नगर निकायों को निर्देशित करते हुये कहा कि पेयजल आपूर्ति के लिये विशेष अभियान चलाकर समस्त ट्यूबवेल चालू हालत में रखने, बन्द पड़े ट्यूबवेल को ठीक कराकर चालू किये जाने, क्षतिग्रस्त पाइप लाइन व लीकेज को ठीक कराकर स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित कराने, समस्त हैण्डपम्प को चालू अवस्था में रखे जाने, शहरों-बाजारों में नगरीय निकायों के माध्यम से प्याऊ लगवाये जाने तथा इस कार्य में गैर सरकारी संगठनों का सहयोग लिया जाये। पशुओं के पेयजल हेतु सिंचाई विभाग के नालों, नलकूपों, निजी नलकूपों के माध्यम से तालाब एवं पोखरों को भरवाने की व्यवस्था करने, जल जनित रोेगो के नियन्त्रण हेतु पेयजल के नियमित क्लोरीनेशन तथा ओवरहेड टैंक की सफाई। लू चलने की संभावना के दृष्टिगत निकाय क्षेत्रों में स्थित शेल्टर होम्स को पूर्ण क्षमता के साथ संचालित किया जाये। ग्रीष्म ऋतु एवं लू से बचाव हेतु दीर्घ कालीन उपायों के दृष्टिगत निकाय क्षेत्र में रिक्त पड़ी भूमि पर आवश्यकतानुसार वृक्षारोपण की कार्यवाही की जाये। शहरों एवं कार्यस्थलों पर पेयजल की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। उन्होने परिवहन विभाग को निर्देशित करते हुये कहा कि बस स्टेशनों पर यात्रियों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने हेतु बस स्टेशनों पर वाटर कूलर लगाये गये है, बस स्टेशनों पर जो भी वाटर कूलर खराब है उनकी मरम्मत उच्चतम प्राथमिकता पर कराया जाये। छोटे बस स्टेशनों पर यात्रियों की पेयजल व्यवस्था हेतु वाटर बूथ एवं इण्डिया मार्का-2 हैण्डपम्प आदि चालू स्थिति में रखे, ठण्डे पानी के लिये मिट्टी के घड़ों की व्यवस्था की जाये। उन्होने विकास विभाग को निर्देशित किरते हुये कहा कि ग्रामीण पेयजल योजनाओं का सुचारू रूप से संचालन तथा अधिष्ठापित इण्डिया मार्का-2 हैण्डपम्पों के रिबोर एवं मरम्मत तथा अनुरक्षण किया जाये। उन्होने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया कि लू व तेज गर्म हवाओं से होने वाली बीमारियों से जन-सामान्य को जागरूक किये जाने एवं इस हेतु सार्वजनिक स्थानों पर पोस्टर व बैनर लगवाये जाये। लू व तेज गर्म हवाओं से प्रभावित होने वाले समुदायों यथा- विद्यार्थियों, अध्यापकों, सफाई व्यवस्था में लगे कर्मकारों, धार्मिक स्थानों, भठ्ठों, कारखानों हाॅट व बाजार, खेत व खलिहानों में काम करने वाले व्यक्तियों को लू से होने वाली बीमारियों से रोकथाम व उपचार हेतु जागरूक किया जाये। सभी राजकीय चिकित्सालयों में उपचार हेतु समस्त चिकित्सा सुविधाओं आदि सुनिश्चित करते हुये आधारभूत इवाईयां यथा- ओआरएस सैशे, प्ट फ्लयूड्स आदि की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित की जाये। चिकित्सालयों के चिकित्साधिकारियों, पैरामेडिकल स्टाफ, सामुदायिक स्वास्थ्य कार्मिकों को लू व तेज गर्म हवाओं से जन-सामान्य को जागरूक करने, उपचार करने आदि हेतु प्रशिक्षित किया जाये। लू व तेज गर्म हवाओं के कारण आग लगने की संभावनायें भी उत्पन्न होती है अतः ऐसी विषम परिस्थितियों में जनपद के चिकित्सालयों में आने वाले लोगो के उपचार हेतु तैयार रहने के निर्देश दिये जाये। उन्होने पशु पालन विभाग को निर्देशित करते हुये कहा कि पशुओं के लिये पीने के पानी की पर्याप्त व्यवस्था, पशुओं को होने वाली बीमारियों से बचाव के उपाय किये जाये। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी(वि./रा.) पूनम निगम, मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एनडी शर्मा, परियोजना निदेशक शिवाकान्त द्विवेदी, जिला विकास अधिकारी सुभाष चन्द्र त्रिपाठी, जिला पंचायत राज अधिकारी अवधेश सिंह, पशु चिकित्साधिकारी हरेन्द्र सिंह, जयन्त तिवारी आदि सहित संबंधित मौजूद रहे।
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