कानपुरः से सपा विधायक इरफान सोलंकी की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। सोमवार को विधायक इरफान सोलंकी की तरफ से कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी, जिसमें कहा गया था कि रमजान शुरू होने जा रहे हैं। इरफान धार्मिक मान्यताओं के साथ रोजा रखते हैं। ऐसे में उन्हें फिजिकल प्रेजेंस से छूट दी जाए और वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उनके सभी मुकदमों में सुनवाई की जाए। एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायधीश सत्येंद्र नाथ त्रिपाठी ने इरफान की याचिका खारिज कर दी है।
रमजान के महीने में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेशी की अर्जी खारिज होने से इरफान सोलंकी और उनके परिवार को तगड़ा झटका लगा है। विधायक इरफान सोलंकी महराजगंज जेल में बंद हैं। कोर्ट में पेशी के लिए इरफान सोलंकी को 400 किलोमीटर का लंबा सफर तय करके कानपुर कोर्ट पेशी के लिए लाया जाता है। दोनों किडनी में स्टोन होने और डायबिटीज होने के कारण उन्हे परेशानी का सामना करना पड़ता है। वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेशी की याचिका खारिज होने से उनके परिवार मे मायूमी है।
केशव प्रसाद पहले खुद चुनाव जीते फिर इस्तीफे की बात करें
पेशी के दौरान इरफान सोलंकी ने कहा था कि मुझे परेशान करना बंद किया जाए। यदि योगी जी कहें तो मैं इस्तीफा दे दूं। इरफान के इस बयान पर केशव प्रसाद मौर्य ने रविवार को कानपुर में कहा था कि किसने इस्तीफा देने से रोका है। उनके बयान पर पलटवार करते हुए सपा विधायक अमिताभ वाजपेई ने कहा कि केशव प्रसाद पहले खुद चुनाव जीतें। इसके बाद किसी जनप्रतिनिधी के इस्तीफे के संबंध में बात करें।
सपाइयों का प्रतिनिधि मंडल ने सीपी से मिला
विधायक इरफान सोलंकी के मामले में सपा का प्रतिनिधीमंडल नगर अध्यक्ष डॉ. इमरान की अगुवाई में पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड से मुलाकात की थी। सपाइयों ने बताया कि इमरान के दोनो किडनी में स्टोन है, रीढ़ की हड्डी में दर्द रहता है, डायबिटीज भी है। बीमारी में उन्हे महराजगंज जेल से कानपुर लाया जाता है। रास्ते में पेशाब करने के लिए भी गाड़ी नहीं रोकी जाती है। पेशी के दौरान पुलिस अभद्रता करती है। वहीं, सपाइयों ने जेल में बी श्रेणी की सुविधा देने की मांग की है।
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