पीएम मोदी आगामी 24 मार्च को वाराणसी आएंगे। वह करीब 1800 करोड़ के डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। रुद्राक्ष कन्वेंशन में कार्यक्रम समाप्त होने के बाद वे संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के ग्राउंड पर पहुचेंगे। जहां पर रिमोट का बटन दबाकर 9 प्रोजेक्ट शिलान्यास करेंगे।
इसमें एक कुछ प्रोजेक्ट ऐसे भी हैं, जिनसे वाराणसी का सबसे बड़ा संकट सीवेज और बाढ़ की समस्या का कुछ हद तक हल हो जाएगा। सीवेज का पानी सीधे गंगा में न मिले इसके लिए 308 करोड़ रुपए से नमामि गंगे द्वारा प्रस्तावित भगवानपुर STP बनाया जाएगा। वहीं, सामने घाट इलाके में गंगा के बाढ़ का पानी न प्रवेश करे इसके लिए सवा 2 करोड़ की लागत से फ्लिपर गेट बनाया जाएगा। इसकी आधारशिला पीएम मोदी रखेंगे।
55 MLD शोधन क्षमता की STP BHU के पास भगवानपुर में 55 MLD शोधन क्षमता वाला सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा। हालांकि, यहां पर पहले से ही STP है, मगर उसकी क्षमता बेहद कम 9.8 MLD थी। शहर में बाढ़ की सबसे बड़ी समस्या इसी घाट और भगवानपुर में होती है। बाढ़ का पानी सामने घाट के ज्ञानप्रवाह के पास से शहर में प्रवेश कर जाता है। मगर, फ्लिपर गेट होने के बाद पानी कॉलोनियों और सड़कों पर आने से रोका जा सकता है।
10 किमी के रेंज में सीवेज से आती थी बाढ़ भगवानपुर के इलाकों में बाढ़ गंगा के पानी से नहीं, सीवेज वाटर से होता है। बारिश के दौरान इस इलाके के काशी पुरम, मारुति नगर, हरी नगर, मुरारी चौक, गायत्री नगर आदि जगहों का पूरा पानी नाले में मिलता है। वहीं, दूसरी ओर गंगा भी उफान पर होती हैं।
ऐसे में नाले का पानी ही गंगा के किनारे तक जाकर वापस मुड़ जाता है और पूरे 10 किलोमीटर के रेंज में बाढ़ की वजह बनता है। यहां महीनों लग जाते हैं, जलस्तर सामान्य होने में। वहीं, इसमें सीवेज का दूषित जल भी मिला होता है, जिससे हजारों लोग बीमार होते हैं।
100 MLD सीवेज सीधे गंगा में मिलता है शहर में हर दिन करीब साढ़े 300 MLD सीवेज निकलता है। अभी तक शहर में केवल 250 MLD ही सीवेज को ट्रीट किया जा रहा है, बाकी 100 MLD सीवेज सीधे गंगा में या बाढ़ के दौरान कॉलोनियों में घुस जाते हैं।
वाराणसी में 7 एक्टिव STP भगवानपुर STP के साथ ही रामनगर में 40 MLD शोधन क्षमता का और लोहता में 25 MLD का सीेवेज ट्रीटमेंट प्लांट तैयार हो रहा है। इनके आने के बाद शहर में कुल 10 STP एक्टिव हो जाएंगे। फिलहाल, कुल 7 STP ही काम कर रहे हैं। 50 MLD का नगवां STP, भगवानपुर, 80 MLD का दीनापुर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, 50 MLD का रमना STP, 12 MLD का बरेका सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, 170 करोड़ रुपए से तैयार। 140 MLD का दीपापुर और 120 MLD गोईठहां STP है।
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