उरई(जालौन)। विश्व क्षय दिवस की उपलक्ष्यता में डॉ. डी. नाथ, प्रधानाचार्य राजकीय मेडकल कॉलेज, की अध्यक्षता में व डॉ. रीना कुमारी, प्रधानाचार्या, कॉलेज ऑफ नर्संग की देखरेख में बीएससी नर्संग प्रथम वर्ष के छात्रों द्वारा मरीजों के हित में स्वास्थ्य शिक्षा का आयोजन ओपीडी हॉल में किया। इस कार्यक्रम की थीम “हाँ, हम तपेदिक रोग को समाप्त कर सकते हैं। कार्यक्रम का संचालन नेहा सिंह, असस्टेंट प्रोफेसर, कॉलेज ऑफ नर्संग के बचाव के बिन्दुओं पर प्रकाश डाला गया। छात्रो के द्वारा तपेदिक रोग के प्रमुख जैसे तीन सप्ताह से अधिक समय तक खांसी होना, सांस फूलना, बुखार आना वजन घटना एवं उपचार आदि के बारे में बताया गया तथा इसी के साथ छात्रों ने यह भी बताया के बलगम परीक्षण, रक्त परीक्षण, छाती के एक्स-रे से इसकी पहचान की जा सकती है और समय से तपेदिक रोग की दवायें ले कर इसे पूर्णता ठीक कया जा सकता है। छात्रों के द्वारा इन सब बातों पर लोगों को जागरूक कया गया। ट्यूबरकुलोसस को आम बोलचाल की भाषा में तपेदिक रोग कहते हैं। यह शरीर में विभिन्न अंगों को प्रभावित कर सकता है। फेफड़ो में होने वाला तपेदिक रोग सबसे आम प्रकार का होता है।
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