समारोह में स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए अच्छा काम करने वालों का हुआ सम्मान
उरई(जालौन)। मातृत्व स्वास्थ्य कार्यक्रम, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान और परिवार कल्याण से जुड़े कार्यक्रमों में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले सेवा प्रदाताओं का सम्मान समारोह एक होटल में आयोजित किया गया। इस दौरान सेवा प्रदाताओं को पुरस्कार के साथ प्रमाणपत्र भी दिया गया।
कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एनडी शर्मा ने बताया कि आशा कार्यकर्ता से लेकर चिकित्सक तक सीधे रूप से मरीज और लाभार्थी से जुड़े होते है। सबसे पहले हमें संवेदना से काम करना होगा। पीड़ित के चेहरे पर अपने काम से मुस्कान ला देना भी किसी पुरस्कार से कम नहीं है। अस्पताल और फील्ड में गुणवत्तापूर्ण सेवाएं देना जरूरी है। स्वस्थ मां और बच्चे के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है। उन योजनाओं के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी हमारी ही है। हमें अपने काम से रैकिंग सुधारते हुए काम करना है और प्रदेश में टापटेन में स्थान बनाना है। उन्होंने बताया कि 15 से 49 साल तक की हर महिला मृत्यु की सूचना जरूर दी जाए।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी परिवार कल्याण डॉ एसडी चौधरी ने बताया कि प्रसव पूर्व जांच से लेकर प्रसव के बाद लाभार्थी को परिवार नियोजन की हर जानकारी दी जाए। बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने का काम करते रहे। उन्होंने बताया कि अंतरा इंजेक्शन 8486 महिलाओं को लगाए गए है। जो लक्ष्य का 108 प्रतिशत है। छाया गोली 18 हजार महिलाओं को दी गई। जो लक्ष्य का 131 प्रतिशत है। महिला नसबंदी में लक्ष्य का 76 प्रतिशत और पुरुष नसबंदी में लक्ष्य का 81 प्रतिशत पाया है। जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ अविनेश कुमार बनौधा ने बताया कि जो काम कर रहे है, उसे दिखना भी चाहिए। आशा कार्यकर्ताओं के पास काम बढ़ गया है, लेकिन वह अपना काम जिम्मेदारी से कर रही है। उन्होंने कोविड प्रोटोकॉल के फिर से पालन करने को कहा। इस दौरान जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ डीके भिटौरिया, महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ सुनीता बनौधा, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ एमके वर्मा ने भी मरीज के रजिस्ट्रेशन से लेकर छुट्टी तक बेहतर सेवाएं देने पर जोर दिया। कार्यक्रम का संचालन एनएचएम के डीपीएम डॉ प्रेमप्रताप ने किया। इस दौरान डॉ विनोद कुमार, डॉ इदरीश मोहम्मद, पीएन वर्मा, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी अरविंद सिंह, डीसीपीएम डॉ धर्मेंद्र कुमार, धीरेंद्र प्रताप सिंह, परिवार कल्याण विशेषज्ञ ज्ञानप्रकाश पांडेय, विकास चंद्रा, गोविंद शर्मा समेत कुल 36 आदि को सम्मानित किया गया। रांमपुरा की आशा कार्यकर्ता उमाकांती को 30 महिला नसबंदी कराने पर सम्मानित किया गया। उमाकांती ने बताया कि वह अपने क्षेत्र में जाकर लोगों को परिवार नियोजन न अपनाने से होने वाले नुकसान के बारे में बताती है। साथ ही महंगाई में खर्चे की चर्चा भी करती है।उन्होंने तीस महिलाओं को प्रेरित कर उनकी नसबंदी कराई। इसके लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने उन्हें नगद पुरस्कार भी दिया।
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